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Shinzo Abe Killing: शिंजो आबे पर गोली चलने से क्यों चिंता में है जापान, बंदूकों पर सख्त कानून, 15 साल पहले हुई थी ऐसी घटना

Shizo Abe Murder: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिजो आबे की भरी सभा में हत्या कर दी गई. हत्या के बाद कई सवाल खड़े हो रहे क्योंकि जापान में बंदूक को लेकर सख्त कानून हैं और ये बेहद शांतिप्रिय देश है.

Japan Shizo Abe Murder: जापान (Japan) के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) की गोली मारकर हत्या कर दी गई. ये घटना बेहद ही दुखद रही. साथ ही एक सवाल उठने लगा कि जो शख्स सबसे सुरक्षित देश का प्रधानमंत्री रहा है उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विश्व स्तर पर हिंसा करने वाली ताकतें कितनी मजबूत होंगी कि मौका मिलते ही हमला कर देती हैं. शिंजो आबे को उस वक्त गोली मारी गई जब वो एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. इससे जाहिर होता है कि हत्यारा अपने मंसूबों में इसलिए कामयाब हो सका क्योंकि आबे की सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही बरती गई और उनकी सुरक्षा को लेकर चौकसी नहीं थी.

शिंजो आबे की हत्या विश्व स्तर पर इसलिए भी चौंकाती है क्योंकि जापान को सबसे सुरक्षित और शांतिप्रिय देशों में से एक माना जाता है. यहां के नागरिकों में लड़ाई और तनाव के माहौल में भी एक खास तरह का धीरज देखा जाता है. इसके अलावा आधुनिक तकनीकी के सबसे बड़े केंद्र के रूप में विकसित होने के बाद भी यहां के लोग बेहद ही साधारण जीवन जीने में यकीन रखते हैं. इस तरह का जीवन यहां की संस्कृति से जुड़ा हुआ है. यहां बंदूक रखने को लेकर कानून बेहद सख्त है. आइए जानते हैं यहां बंदूक रखने को लेकर कानून कितना सख्त है-


Shinzo Abe Killing: शिंजो आबे पर गोली चलने से क्यों चिंता में है जापान, बंदूकों पर सख्त कानून, 15 साल पहले हुई थी ऐसी घटना

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिंजों आबे की हत्या एक हैंडमेड गन से की गई है. यहां बंदूक का लाइसेंस लेना बहुत मुश्किल काम है. जापान के फायर आर्म्स के कानून के तहत हैंडमेड गन रखना गैरकानूनी है.

  • जापान में सिर्फ एयर राइफल और शॉटगन की बिक्री की अनुमित दी गई है.
  • इनका लाइसेंस लेने के लिए भी लिखित परीक्षा पास करनी होती है और ये परीक्षा लाइसेंस मिलने के बाद भी हर तीन साल पर देनी होती है.
  • शूटिंग रेंज में 95 प्रतिशत एक्यूरेसी के साथ निशानेबाजी का टेस्ट पास करना होता है.
  • इन सभी चीजों के साथ ही लाइसेंस लेने वाले व्यक्ति की मानसिक स्थिति, ड्रग्स टेस्ट और क्रिमिनल बैकग्राउंड की भी जांज होती है.
  • हर साल पुलिस वैरिफिकेशन होता है.
  • लाइसेंस रिन्यू कराने के लिए भी लिखित परीक्षा देनी होती है.
  • जापान में प्राइवेट गन रखने वालों की संख्या बेहद कम है.
  • अपराध करने पर सख्त कानू
  • संगठित अपराध में बंदूक का इस्तेमाल करने पर 15 साल कैद की सजा.
  • एक से ज्यादा गन रखना भी गैरकानूनी. उसके लिए भी 15 साल की कैद हो सकती है.
  • सार्वजनिक जगह पर बंदूक लहराने पर उम्रकैद तक की सजा.

यही वजह की शिंजो आबे की हत्या गन से करने पर दुनिया को एक झटका सा लग गया. एक तरफ दूसरे देशों में गोली चलना आम बात हो जाती है तो वहीं जापान में इस तरह की घटनाएं न के बराबर देखने को मिलती हैं.


Shinzo Abe Killing: शिंजो आबे पर गोली चलने से क्यों चिंता में है जापान, बंदूकों पर सख्त कानून, 15 साल पहले हुई थी ऐसी घटना

क्या कहते हैं आंकड़े?

जापान में 400 लोगों पर एक इंसान को गन लाइसेंस मिलता है. साल 2018 में तापान में हुई गोलीबारी में 9 लोगों की मौत हुई. जबकि यही आकंड़े अमेरिका के देखे जाएं तो यहां 39740 लोगों की मौत गोली बारी में हुई. वहीं लाइसेंस लेने की बात की जाए तो अमेरिका में 400 लोगों पर 480 गन लाइसेंस मिले हुए हैं यानी आबादी से ज्यादा लाइसेंस बांटे गए हैं.

आखिरी बार कब हुई किसी नेता की हत्या

  • जापान में गोली मारकर किसी की हत्या करना आम बात नहीं है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जहां दुनिया के दूसरे देशों में गोली से हत्या करने की घटनाएं न जाने कितनी हुई होंगी लेकिन जापान में आखिरी बार किसी नेता की गोली मारकर हत्या साल 2007 में हुई थी जब नागासाकी के मेयर इतो इचो की एक बंदूकधारी ने हत्या की थी.
  • इससे पहले नेशनल पुलिस एजेंसी के तत्कालीन कमिश्नर जनरल कुनिमात्सु ताकाजी को 1995 में तोक्यो में उनके आवास के सामने गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था.
  • साल 1994 में पूर्व प्रधानमंत्री होसोकावा मोरीहिरो पर तोक्यो के एक होटल में दक्षिणपंथी समूह के एक पूर्व सदस्य ने गोली चलाई. हादसे में मोरीहिरो को कोई नुकसान नहीं पहुंचा.
  • साल 1992 में एक दक्षिणपंथी बंदूकधारी ने लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के तत्कालीन उपाध्यक्ष कनेमारु शिन पर देश के कोचीगी प्रीफेक्चर में गोली चलाई थी. कानेमारु हालांकि इस हमले में घायल नहीं हुए थे.
  • 1990 में तत्कालीन नागासाकी शहर के महापौर मोतोशिमा हितोशी एक दक्षिणपंथी द्वारा गोली मारे जाने के बाद गंभीर रूप से घायल हो गए थे.


Shinzo Abe Killing: शिंजो आबे पर गोली चलने से क्यों चिंता में है जापान, बंदूकों पर सख्त कानून, 15 साल पहले हुई थी ऐसी घटना

जापान की शांति भंग करने की कोशिश

ये बेवजह नहीं है कि शिंजो आबे (Shizo Abe) की हत्या के बाद विश्व को सचेत हो जाना चाहिए क्योंकि आबे की हत्या के विश्लेषण में आतंकवाद (Terrorism) और अपराध (Crime) के एंगल के अलावा इस बात की चर्चा भी हो रही है कि क्या शांति स्थापित देश जापान (Japan) में शांति भंग करने की कोशिश की जा रही है. जिस तरह से विश्व भर में आतंकवाद बढ़ रहा है उसे देखते हुए इसकी आशंका से इनकार भी नहीं किया जा सकता है. भारत (India) के साथ जापान के संबंध और विशेषतौर से शिंजो आबे के साथ संबंधों को देखते हुए ये घटना बेहद ही दुखद है.  

ये भी पढ़ें: Shinzo Abe Death: जापान के पूर्व PM शिंजो आबे के निधन पर यूपी में इन दिग्गजों ने जताया शोक, ट्वीट कर कही ये बात

ये भी पढ़ें: Shinzo Abe Death: शिंजो आबे से पहले इन विदेशी नेताओं के लिए भी भारत में हुआ राष्ट्रीय शोक का एलान

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