India Canada Crisis: कनाडा का चेहरा फिर बेनकाब, खालिस्तानी ही नहीं, इस अलगाववादी संगठन को भी दे रहा संरक्षण, दोनों की कराई बैठक
Canada India News: NAMTA मणिपुर और मिजोरम के साथ ही म्यांमार के चिन राज्य के उत्तरी भाग के दो जनजातियों के प्रतिनिधित्व का दावा करता है. इसका खालिस्तानी समर्थकों के साथ मिलना भारत के लिए ठीक नहीं है.
Canada India Tension: कनाडा का भारत विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आया है. अभी तक खालिस्तानी अलगाववादियों को समर्थन देने वाला कनाडा अब नॉर्थ अमेरिकन मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन (NAMTA) को भी मदद पहुंचा रहा है. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में NAMTA के एक सदस्य और खालिस्तानी समर्थकों के बीच एक बैठक कराई गई है.
यही नहीं NAMTA के कनाडा चैप्टर के अध्यक्ष लियन गैंगटे को खालिस्तानियों के कंट्रोल वाले गुरुद्वारे में बोलने भी दिया गया. इस संबंध में NAMTA ने एक पोस्ट भी किया. वहीं इस बैठक ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है.
लियान गैंगटे को बोलने का भी दिया मौका
NAMTA के कनाडा चैप्टर के अध्यक्ष लियान गैंगटे ने पिछले महीने सरे गुरुद्वारे में ‘भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार' विषय पर बोलने की अनुमति दी थी. आपको बता दें कि इसी गुरुद्वारे में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप निज्जर की हत्या हुई थी. इसी हत्या को लेकर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाया था. उनका कहना था कि इसमें भारत का हाथ है.
समर्थन के लिए NAMTA ने कहा थैंक्स
खालिस्तानी समर्थकों के साथ बैठक के बाद NAMTA ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट लिखा, “मणिपुर हिंसा के खिलाफ समर्थन पर धन्यवाद. सिख समुदाय को भारत के मणिपुर में हमारे कुकी ज़ोमी समुदाय के साथ खड़े होने के लिए थैंक्स.”
💥💥💥 Khalistani radicals and Kuki terrorists joining hands against Bharat on Canadian Soil.
— Naren Mukherjee (@NMukherjee6) September 22, 2023
Lien Gangte chief of NAMTA {a kuki separatist organisation} was spotted in Surrey Gurudwara in Canada. Khalistani terrorist Hardeep Nijjar was the head of this Gurudwara. pic.twitter.com/1pLetXEA2e
कौन है NAMTA, जिसे लेकर मचा बवाल
यहां ये जानना जरूरी है कि आखिर ये NAMTA क्या है. NAMTA मणिपुर और मिजोरम के साथ ही म्यांमार के चिन राज्य के उत्तरी भाग के दो जनजातियों के प्रतिनिधित्व का दावा करता है. वहीं दूसरी तरफ चर्चा ये भी है कि सिख फॉर जस्टिस चीन के संपर्क में भी हैं. यह संपर्क खालिस्तान को लेकर जनमत संग्रह पर समर्थन के लिए किया जा रहा है. इसके बदले में अरुणाचल प्रदेश के चीन में विलय का समर्थन करने का भरोसा दिया गया है. ऐसे में खुफिया एजेंसी काफी सतर्क हैं.
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