Pakistan Political Crisis: सियासी संकट का असर, डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया ऐतिहासिक निचले स्तर पर
Pakistan Political Crisis: पाकिस्तानी रुपये में महीनों से गिरावट आ रही है, लेकिन गिरावट मार्च में तेज हो गई जब विपक्षी दलों ने प्रधान मंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया.
Pakistan Political Crisis: पाकिस्तान में जारी राजनीतिक संकट का असर अब अर्थव्यवस्था पर दिखने लगा है. पाकिस्तानी रुपया गुरुवार को डॉलर के मुकाबले 191 रुपये के ऐतिहासिक निचले स्तर पर आ गया.
पाकिस्तानी रुपये में महीनों से गिरावट आ रही है, लेकिन गिरावट मार्च में तेज हो गई जब विपक्षी दलों ने प्रधान मंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिसके कारण पिछले हफ्ते नेशनल असेंबली को भंग कर दिया गया.
रुपये में एक महीने में छह प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है, और खुले बाजार में गुरुवार को अंतरबैंक दर पर 191 - और 189 पर था. कराची स्थित ब्रोकरेज एंड इकोनॉमिक रिसर्च हाउस, टॉपलाइन सिक्योरिटीज के प्रमुख मोहम्मद सोहेल ने कहा, "राजनीतिक गड़बड़ी अनिश्चितता से हुई है और इसका रुपये पर बुरा असर पड़ा है." जुलाई 2021 के बाद से रुपया डॉलर के मुकाबले अपने मूल्य का 18 प्रतिशत गिर चुका है.
विदेशी मुद्रा भंडार भी घटा
पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार, जो प्रवासियों से प्रेषण पर निर्भर हैं, बढ़ते व्यापार घाटे को रोकने में विफल रहे हैं. मार्च के बाद से भंडार 16 बिलियन डॉलर से गिरकर 12 बिलियन डॉलर हो गया है, क्योंकि घाटा 2021-22 में फैले वित्तीय वर्ष के नौ महीनों के लिए 70 प्रतिशत तक पहुंच गया है.
पाकिस्ती अर्थव्यवस्था के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ संबंध भी महत्वपूर्ण कारक हैं. आईएमएफ ने 2019 में भुगतान संतुलन के मुद्दे का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान के लिए 6 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज को मंजूरी दी है. आधे का भुगतान कर दिया गया था, लेकिन बाकी पर फिर से बातचीत की जा रही है..
आज आएगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला
इस बीच पाकिस्तान का सुप्रीम कोर्ट नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने और उसके बाद संसद को भंग किए जाने के मामले में अपना फैसला भारतीय समयानुसार आज रात आठ बजे सुनाएगा.
बता दें नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम खान सूरी ने अविश्वास प्रस्ताव से सरकार को गिराने की तथाकथित विदेशी साजिश से जुड़े होने का हवाला देते हुए रविवार को उसे खारिज कर दिया था. कुछ मिनट बाद, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री खान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है.
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