India-Nepal Relations: नेपाल को भारत के खिलाफ भड़काने वाली चीन की राजदूत का ट्रांसफर, अब इंडोनेशिया में होगी तैनाती
India-Nepal Relations: चीन ने अपने नेपाल में तैनात राजदूत हाओ यान्की का ट्रांसफर इंडोनेशिया में कर दिया है. ये वही राजदूत हैं जिन पर भारत और नेपाल के आपसी रिश्ते खराब करने का आरोप लगा था.
India-Nepal Relations: नेपाल में चीन की राजदूत हाओ यान्की (Hou Yanqi) का तबादला कर दिया गया है, ये वही राजदूत हैं जिन्होंने भारत और नेपाल (India-Nepal) के रिश्ते को खराब करने की कोशिश की थी. अब उनकी नई तैनाती इंडोनेशिया (Indonesia) में की गई है. एक राजनयिक सूत्र ने बताया कि नेपाल में वर्तमान चीनी राजदूत होउ यान्की को डेंग ज़िजुन के स्थान पर आसियान देश इंडोनेशिया में स्थानांतरित कर दिया गया है. बता दें कि आसियान का मुख्यालय इंडोनेशिया में है.
चीन ने अपने राजदूत का ट्रांसफर कर दिया है तो वहीं अमेरिका ने नेपाल में अपना नए राजदूत के रूप में डीन थॉम्पसन को नियुक्त किया है. डीन थॉम्पसन ने शुक्रवार को वॉशिंगटन डीसी में नेपाल के नए राजदूत के रूप में शपथ ली. अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी आर शर्मन ने राजदूत के रूप में शपथ दिलाई.
कार्यकाल पूरा करने से पहले होउ यान्की का ट्रांसफर
काठमांडू में चीनी दूतावास ने पहले ही विदेश मंत्रालय को सूचित कर दिया था कि राजदूत होउ यान्की का कार्यकाल अक्टूबर में पूरा हो रहा है. लेकिन कार्यकाल पूरा करने से पहले से ही उनका ट्रांसफर कर दिया गया. हाओ यान्की इंडोनेशिया की राजदूत डेंग ज़िजुन की जगह लेंगी.
विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमें सूचना मिली है कि नेपाल में चीन की राजदूत होउ यान्की अक्टूबर के अंत में अपना कार्यकाल पूरा करने जा रही हैं, लेकिन चीनी पक्ष ने अब तक किसी उत्तराधिकारी का नाम नहीं लिया है. होउ ने दिसंबर 2018 में काठमांडू में पदभार ग्रहण किया था. अभी यह तय नहीं है कि वह अपना कार्यकाल पूरा करने के तुरंत बाद जाएंगी या नवंबर में होने वाले चुनाव तक प्रतीक्षा करेंगी.
नेपाल में हुआ था हाओ का जमकर विरोध
नेपाल में हाओ यान्की का जमकर विरोध किया गया था. उन पर भारत और अमेरिका के खिलाफ अपना एजेंडा सेट करने का आरोप लगाया गया था. हाओ पाकिस्तान में भी काम कर चुकी हैं और वे फर्राटेदार उर्दू भी बोलना जानती हैं. नेपाल में कुछ दिनों के भीतर ही हाओ यांकी ने सत्ता के गलियारे में अपनी जोरदार पकड़ बना ली थी.
कहा जा रहा था कि नेपाल की सत्ता में मौजूद लोगों को होउ यान्की अपने इशारों पर चलाती रहती थीं. इसके साथ ही कहा जा रहा है कि भारत और अमेरिका के साथ नेपाल के संबंध खराब करने के पीछे इनका बड़ा हाथ रहा है. इसका पता चलते ही काठमांडू में हाओ का विरोध होने लगा था और बाद में नेपाल के विदेश मंत्रालय ने नियमों में बदलाव किया गया, जिसके तहत कोई भी राजनयिक प्रधानमंत्री से सीधे नहीं मिल सकता है.
ये भी पढ़ें:
Russia Ukraine War: फ्रांसीसी राजदूत का रूस पर बड़ा आरोप, कहा- 'पुतिन साम्राज्यवाद के समय में लौटना चाहते हैं'
पुतिन बोले- 'पहले भारत को लूटा अब रूस को गुलाम बनाना चाहते हैं पश्चिम देश', अमेरिका ने दिया ये जवाब
ट्रेडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
and tablets