Who is Alok Ranjan: कौन हैं अखिलेश के वो खास सलाहकार जिन्हें राज्यसभा भेजने की तैयारी कर रही समाजवादी पार्टी
SP Rajya Sabha Candidate: सपा की सरकार में आलोक रंजन को अखिलेश यादव का चीफ एडवाइजर नियुक्त किया गया था. उस वक्त इस बात की काफी चर्चा हुई थी कि यादव परिवार से नजदीकियों के चलते उन्हें यह पद मिला है.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बाद समाजवादी पार्टी ने भी उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha) के लिए उम्मीदवारों (SP Rajya Sabha Candidates List) के नाम का ऐलान कर दिया है. इनमें जया बच्चन, रामजी लाल सुमन और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन (Alok Ranjan) का नाम शामिल है. इस बीच आलोक रंजन के नाम की काफी चर्चा हो रही है क्योंकि उनकी पहचान एक नेता से ज्यादा अधिकारी के तौर पर रही है. जब अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तो आलोक रंजन उनके चीफ एडवाइजर रहे और उन्हें उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (UPIDC) के एमडी की भी जिम्मेदारी सौंपी गई.
उत्तर प्रदेश में सपा के सत्ता से बाहर होने के बाद से वह पार्टी के साथ जुड़े हैं और ऐसा कहा जाता है कि पार्टी के लिए रणनीतिकार के तौर पर काम करते हैं. उनकी गिनती अखिलेश यादव के खास लोगों में होती है. उन्हें अखिलेश का बेहद करीबी बताया जाता है. जब उन्हें अखिलेश यादव का चीफ एडवाइजर नियुक्त किया गया तो इस बात की काफी चर्चा हुई थी कि यादव परिवार से करीबी के चलते ही उन्हें यह पद दिया गया है.
यूपी में दो साल मुख्य सचिव रहे आलोक रंजन
आलोक रंजन 1978 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और उन्नाव जिले से ताल्लुक रखते हैं. वह दो साल तक उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव रहे और 2014 में उन्हें इस पद पर नियुक्त किया गया. इस दौरान उन्हें तीन महीने का एक्सटेंशन भी दिया गया और 1 जुलाई, 2016 को वह रिटायर हो गए. इसके बाद उन्हें अखिलेश यादव का चीफ एडवाइजर बनाया गया. फिर यूपीआईडीसी के एमडी की जिम्मेदारी दी गई. 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा को हार का सामना करना पड़ा और इसके साथ ही आलोक रंजन ने भी इस्तीफा दे दिया. इसके बाद से वह सपा के लिए रणनीतिकार के तौर पर काम कर रहे हैं. आलोक रंजन एक बार और तब चर्चा में रहे, जब उनकी पत्नी सुरभी रंजन को राज्य सरकार ने यश भारती पुरस्कार से सम्मानित किया.
समाजवादी पार्टी के रणनीतिकार हैं आलोक रंजन?
समाजवादी पार्टी में लिखा पढ़ी का काम आलोक रंजन करते हैं. मसलन विधानसभा या अन्य मौकों पर सरकार को घेरने के लिए और नीतियों को लेकर अखिलेश यादव जो आंकड़े पेश करते हैं, उनके पीछे आलोक रंजन होते हैं. 2017 का विधानसभा का चुनाव हारने के बाद जब समाजवादी पार्टी सत्ता से बेदखल हो गई तो आलोक रंजन पार्टी के लिए रणनीतिकार के तौर पर काम करने लगे. 2022 के चुनाव में सपा का घोषणा पत्र भी आलोक रंजन ने ही तैयार किया था. घोषणा पत्र का ड्राफ्ट उन्हीं ने तैयार किया और जब अखिलेश यादव ने घोषणा पत्र जारी किया तब भी आलोक रंजन उनके साथ मौजूद थे.
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