West Bengal: तल्खी के बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मिलीं सीएम ममता बनर्जी, असम के मुख्यमंत्री भी थे मौजूद
तल्खियों के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की. यह बैठक करीब 40 मिनट तक चली.
Mamata Banerjee Meets Jagdeep Dhankhar: पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग में राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की. इस दौरान असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) भी मौजूद थे. उन्होंने 40 मिनट तक चली इस मुलाकात के बाद कहा, ‘‘हमने राष्ट्रपति चुनाव सहित कोई राजनीतिक चर्चा नहीं की. यह चाय पर सिर्फ एक शिष्टाचार मुलाकात थी.’’
सरमा धनखड़ से मुलाकात करने राजभवन आए थे और राज्यपाल के आमंत्रण पर ममता बनर्जी के पहुंचने के दौरान वह वहां मौजूद थे. मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा, ‘‘मुझे हिमंत से मुलाकात करके अच्छा लगा. जब मैं कामाख्या मंदिर गई थी तब उन्होंने मेरी बहुत मदद की थी. मेरा मानना है कि हमारे संबंध बने रहने चाहिए क्योंकि पश्चिम बंगाल में असम के बहुत लोग हैं, उसी प्रकार असम में बंगाल के बहुत से लोग हैं.....’’
West Bengal Governor Shri Jagdeep Dhankhar with Hon’ble Chief Minister Smt. Mamata Banerjee and Hon’ble Chief Minister Assam Shri Himanta Biswa Sarma @himantabiswa at Raj Bhawan, Darjeeling. pic.twitter.com/R1aw9uzgD6
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) July 13, 2022
राष्ट्पति चुनाव पर हुई बात
यह पूछे जाने पर कि क्या उनके और सरमा के बीच राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कोई चर्चा हुई बनर्जी ने कहा,‘‘ये कैसे संभव ? हम अलग अलग दल में हैं.’’ राज्यपाल धनखड़ और ममता सरकार के बीच तल्खियों की खबरें आती रही है.
बुधवार को ही राज्यपाल ने आरोप लगाया कि निवेश और रोजगार पर तृणमूल कांग्रेस सरकार के बयान जमीन पर क्रियान्वित होते नहीं दिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह जगजाहिर है कि पश्चिम बंगाल में शासन की गंभीर समस्याएं हैं.
जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने दावा किया कि राज्य में नौकरशाही सत्तारूढ़ दल के सख्त नियंत्रण में है. राज्यपाल ने यह आरोप भी लगाया कि राज्य में विपक्षी दलों की राजनीतिक गतिविधि के लिए कोई गुंजाइश नहीं है.
पिछले दिनों ही पश्चिम बंगाल विधानसभा ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ की जगह सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को राज्य के विश्वविद्यालयों की चांसलर बनाने के लिए विधेयक पारित किया था. इसपर राज्यपाल ने कड़ी आपत्ति जताई थी.
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