UP Violence: 'दुनिया भर में हो रही है UP की बदनामी, राज्य सरकार फेल', बोले अखिलेश यादव
UP Violence: उत्तरप्रदेश के कई जिलों में हो रहे हिंसा पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा है.
UP Violence: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने हाल ही में हुए हिंसा पर कहा है कि BJP राज में दुनिया भर में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की बदनामी हुई है. शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लोकतांत्रिक अधिकार की अवमानना की गई है. कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है जिसमें बीजेपी सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है. हर क्षेत्र में अपनी नाकामी छुपाने के लिए मुख्यमंत्री जी झूठे किस्से-कहानियां गढ़कर लोगों को गुमराह करने में लगे रहते है.
यह बात ढकी-छुपी नहीं है कि बीजेपी की राजनीति अपने मातृ संगठन आर.एस.एस. के निर्देश पर नफरत और समाज को बांटने की रहती है. हाल में प्रदेश में जो भयंकर अशांति की घटनाएं हुई उसके पीछे वही राजनीति है. भाजपाई बिगड़े बोल से एक बड़ा समुदाय आहत हुआ. भाजपा सरकार (UP Government) ने इस दुर्भाग्य पूर्ण विवाद की समाप्ति और सम्बन्धित पक्ष के विरुद्ध कोई ठोस कदम नहीं उठाया जिससे संकट की स्थिति भयंकर रूप ले रही है.
BJP का रवैया न्याय संगत नहीं दिखाई देता
बीजेपी का रवैया अभी भी न्याय संगत नहीं दिखाई देता है. ये कहां का इंसाफ है कि जिसकी वजह से देश में हालात बिगड़े और दुनिया भर में सख्त प्रतिक्रिया हुई वह सुरक्षा के घेरे में है और बिना वैधानिक जांच पडताल के रावण रूपी ‘राक्षसी बुलडोजर‘ से रामराज्य कुचला जा रहा है. भारत का संविधान लोकतंत्र, समाजवाद के साथ पंथनिरपेक्षता को मान्यता देता है. यह सभी धर्मों का सम्मान करने का भरोसा देता है. उत्तर प्रदेश गंगा-जमुनी मेल मिलाप का प्रदेश रहा है. परस्पर सद्भाव और सौहार्द के साथ हम सभी त्योहार मनाते हैं और सामाजिक कार्यों में सहभागी रहते है. इस एकता को तोड़ने का कोई भी प्रयास अस्वीकार्य है.
मनमानी व सत्ता के दुरूपयोग पर लगना चाहिये अंकुश
भाजपा सरकार को बिना वैधानिक प्रावधान के किसी के मकान-दुकान को बुलडोजर से गिराना, अज्ञात के नाम पर निर्दोषों की धर पकड़, समुदाय विशेष को दोषी ठहराने की कोशिशें आदि की अनुमति न तो हमारी संस्कृति न धर्म-विधान और न ही संविधान देता है. महामहिम राज्यपाल महोदया को स्थिति का स्वयं संज्ञान लेकर तत्काल कठोर कार्यवाही किए जाने का निर्देश देना चाहिए जिससे प्रदेश में अमनचैन और परस्पर विश्वास बनाये रखने के लिए सरकार की मनमानी व सत्ता के दुरूपयोग पर अंकुश लग सके.
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