एक्सप्लोरर

Same Sex Marriage: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में सेम सेक्‍स मैरिज के खिलाफ इस्‍लाम का हवाला देकर क्‍या कहा, जानें

Center Same Sex Marriage: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह को लेकर कहा कि केवल हिंदू ही नहीं बल्कि इस्लाम के धार्मिक संस्कारों में भी इस तरह के विवाह की मनाही है.

Center Same Sex Marriage: केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह को लेकर तर्क में इस्लाम के धार्मिक संस्कारों का भी हवाला दिया गया है. सरकार ने तर्क दिया, "समान-सेक्स विवाह या समलैंगिक विवाह (Same Sex Marriage) को छोड़ दिया जाए तो खास तौर से विवाह जैसी बहुजातीय या विषम संस्था को मान्यता देना भेदभाव नहीं है, क्योंकि यह सभी धर्मों में शादी जैसे पारंपरिक और सार्वभौमिक तौर से स्वीकार किए गए सामाजिक-कानूनी रिश्ते हैं."

केंद्र सरकार ने आगे कहा है कि ये गहराई से भारतीय समाज में रचे-बसे हैं और वास्तव में हिंदू कानून की सभी शाखाओं में ये एक संस्कार माना जाता है. यहां तक कि इस्लाम में भी, हालांकि, यह एक कॉन्ट्रैक्ट है, यह एक पवित्र कॉन्ट्रैक्ट है और एक वैध या कानूनी विवाह केवल एक पुरुष और एक महिला के बीच ही हो सकता है.

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की उस याचिका पर सुनवाई के लिए मंगलवार (18 अप्रैल) को मंजूरी दी है. जिसमें समलैंगिक विवाह को कानूनी तौर से वैध ठहराने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं के विचारों पर सवाल उठाए गए हैं.

एससी के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, और जस्टिस एसके कौल, रवींद्र भट, हिमा कोहली और पीएस नरसिम्हा की 5 जज बेंच इस पर सुनवाई करेगी. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं को  बीते महीने 13 मार्च को 5 जज की बेंच के पास भेज दिया था और कहा था कि यह मुद्दा ‘‘बुनियादी महत्व’’ का है.

सीजेआई डी. के. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने इस याचिका का हवाला देने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की रिपोर्ट का संज्ञान लिया. इस बेंच में जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जस्टिस जे. बी. पारदीवाला भी शामिल हैं. बेंच ने कहा, ‘‘हां, इसे कल (18 अप्रैल) सूचीबद्ध किया जाएगा.’’

क्या कहा केंद्र ने?

केंद्र ने कहा कि निजी स्वायत्तता के अधिकार में सेम सेक्स मैरिज की मान्यता का अधिकार शामिल नहीं है और वह भी न्यायिक फैसले के जरिए से. विवाह को  खास तौर से एक बहुजातीय संस्था कहते हुए, केंद्र ने सोमवार (17 अप्रैल) फिर से सेम सेक्स मैरिज को कानूनी मंजूरी देने का विरोध किया.

इस दौरान केंद्र ने नया आवेदन दाखिल कर कहा कि इस तरह के विवाह को मौजूदा विवाह के विचार के बराबर मान्यता देने का विचार हर एक नागरिक के हितों को गंभीरता से प्रभावित करता है. केंद्र ने कोर्ट में याचिकाओं के विचारणीय होने पर सवाल करते हुए कहा कि समलैंगिक विवाहों की कानूनी वैधता ‘पर्सनल लॉ’ और स्वीकार्य सामाजिक मूल्यों के नाजुक संतुलन को गंभीर नुकसान पहुंचाएगी.

सरकार ने तर्क दिया कि समान-सेक्स मैरिज को मान्यता देने वाले एक अदालती आदेश का मतलब कानून की एक पूरी शाखा का एक आभासी न्यायिक पुनर्लेखन होगा. मतलब ये कानून की एक ब्रांच को दोबारा से लिखे जाने जैसा होगा. केंद्र सरकार ने कहा कि कि अदालत को इस तरह के सर्वव्यापी आदेश (Omnibus Orders) देने से बचना चाहिए.

शहरी संभ्रांतवादी याचिकाओं की विधायिका से तुलना न हो

केंद्र ने कोर्ट में कहा, "याचिकाएं जो केवल ‘‘शहरी संभ्रांतवादी’’ (Urban Elitist) विचारों को दर्शाती हैं, उनकी तुलना विधायिका से नहीं की जा सकती है, जो बड़े पैमाने पर लोगों के विचारों और आवाज़ों को दर्शाती है और पूरे देश में फैली हुई है."

केंद्र का कहना था कि दरअसल समलैंगिक विवाह की मांग शहरी अभिजात्य लोगों की तरफ से है. ऐसे में जब देश की आबादी का बड़ा तबका छोटे शहरों और गांवों में बसता हो तो इस तरह के विवाह का असर सभी पर पड़ेगा.

केंद्र ने बताया कि अधिकारों को बनाना, रिश्तों की मान्यता देना और ऐसे रिश्तों को कानूनी शुचिता देना केवल विधायिका ही कर सकती है, न कि न्यायपालिका. केंद्र ने जोर देकर कहा, "यह विशुद्ध रूप से संविधान की अनुसूची VII की सूची III की प्रविष्टि 5 के तहत विधायी नीति का मामला है, जिसे केवल उपयुक्त विधानमंडल को ही निर्धारित करना चाहिए."

केंद्र ने कहा कि संविधान के अनुसार, अदालतें विधायिका की पॉलिसी को अपनी पॉलिसी से बदल नहीं सकती हैं. यह कवायद केवल "कानून क्या है" तक सीमित होनी चाहिए न कि "कानून क्या होना चाहिए." अदालत को इस तरह सुनवाई नहीं करनी चाहिए. अदालत अपनी तरफ से विवाह की नई संस्था नहीं बना सकता है.

क्या है मामला?

दरअसल दो समलैंगिक जोड़ों ने ये याचिकाएं दायर की हैं. उन्होंने विवाह करने के उनके अधिकार को अमलीजामा पहनाने और विशेष विवाह कानून के तहत उनके विवाह के रजिस्ट्रेशन के लिए संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध करते हुए अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं. इन पर अदालत ने पिछले साल 25 नवंबर को केंद्र से अपना जवाब दाखिल करने को कहा था.

दरअलसल सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में समलैंगिक विवाह को भी स्पेशल मैरिज एक्ट के दायरे में लाकर उनका रजिस्ट्रेशन किए जाने की मांग की गई है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में  समलैंगिकता को अपराध मानने वाली IPC की धारा 377 के एक भाग को रद्द कर दिया था.

यही वजह है कि दो एडल्ट के बीच आपस में मर्जी से बने समलैंगिक संबंधों को अब जुर्म नहीं माना जाता. ऐसे में साथ रहने की चाह रखने वाले समलैंगिक जोड़ों को कानूनन शादी की भी मंजूरी मिलनी चाहिए.

ये भी पढ़ें: Same Sex Marriage: समलैंगिक विवाह के विरोध में उतरा जमीयत उलेमा-ए-हिंद, सुप्रीम कोर्ट में दायर की हस्तक्षेप याचिका

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

India-Canada Row: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
Advertisement
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Muslim OBC Reservation: आरक्षण पर घमासान..मोदी-योगी और मुसलमान | CM Yogi | Loksabha Election 2024Crime News: सोनीपत में ट्रिपल मर्डर का 'शैतान' !, भाई, भाभी और भतीजे का मर्डर | सनसनीशकील पर सस्पेंस...कौन था वो हिटमैन ?, सोशल मीडिया के दावों की पड़ताल | ABP NewsSwati Maliwal Case: मालीवाल केस में चश्मदीद और नार्को टेस्ट, Kejriwal के ड्राइंग रूम में क्या हुआ ?

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India-Canada Row: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर इंडियन्स, हिंदुओं के लिए खतरनाक होता जा रहा ट्रूडो का देश
Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
Lok Sabha Elections 2024: सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
The Family Man 3 OTT Updates: 'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
Embed widget