एक्सप्लोरर
Advertisement
फाइनेंशियल ईयर के आखिरी दिन रविवार को खुले रहेंगे सरकारी लेन-देन वाले बैंक
फाइनेंशियल ईयर के आखिरी दिन 31 मार्च को इस बार रविवार को सरकारी लेन-देन वाले बैंक खुले रहेंगे. इंटरनेट बैंकिंग (आरटीजीएस, एनईएफटी) के लिए भी 30 और 31 मार्च को समय में बदलाव किया गया है.
मुंबई: फाइनेंशियल ईयर के आखिरी दिन रविवार (31 मार्च) को इसबार सरकारी लेन-देन वाले बैंक खुले रहेंगे. यह आदेश भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जारी किया है. ऐसा आरबीआई ने इसलिए किया है ताकि फाइनेंशिय ईयर के आखिरी दिन सरकारी बिल और ट्रांजेक्शन में कोई दिक्कत न हो. सरकारी बिल के 31 मार्च तक पास नहीं होने पर यह अगले फाइनेंशियल ईयर में चला जाता है जिससे हिसाब रखने में समस्या आती है.
इसके अलावा 30 मार्च को ऐसे बैंक रात के आठ बजे तक और 31 मार्च को शाम के छह बजे तक खुले रहेंगे. इंटरनेट बैंकिंग (आरटीजीएस, एनईएफटी) के लिए भी 30 और 31 मार्च को समय में बदलाव किया गया है.
पैन नंबर और आधार को लिंक करने की समयसीमा 31 मार्च है. जिन लोगों ने अब तक इन्हें लिंक नहीं किया है अब उनके पास सिर्फ तीन दिन इस काम को करने के लिए बचे हैं. पैन और आधार को लिंक करके लोग कई दिक्कतों से बच सकते हैं. इन दोनों नंबर के लिंक नहीं होने की स्थिति में टैक्सपेयर्स टैक्स नहीं चुका पाएंगे और ऐसे में लोगों को 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लेट आईटीआर फाइल करने के लिए लग सकता है. पैन और आधार के लिंक नहीं होने पर लोगों को टैक्स रिफंड का भी लाभ नहीं मिल पाएगा. ऐसे में अपने पैसे का नुकसान होने से बचाने के लिए टैक्सपेयर्स जरूर 31 मार्च से पहले पैन और आधार को लिंक करें.यह भी पढ़ें-
31 मार्च तक टैक्स प्लानिंग, पैन-आधार से जुड़े इन कामों को निपटाएं वर्ना हो जाएगा नुकसान 31 मार्च से पहले लिंक करें पैन और आधार, नहीं तो होगी ये दिक्कतें पटना जोन में ग्रुप डी फिजिकल परीक्षा की तारीखों में किया गया बदलाव, जानें यहां देखें वीडियो-
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें Khelo khul ke, sab bhool ke - only on Games Live
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
विश्व
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
बॉलीवुड
क्रिकेट
Advertisement
अनिल चमड़ियावरिष्ठ पत्रकार
Opinion