एक्सप्लोरर

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से कांग्रेस की दूरी जरूरी या सियासी मजबूरी? समझें

Ram Mandir Inauguration: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के आमंत्रण को कांग्रेस ने ठुकरा दिया है. पार्टी ने बयान जारी कर कहा कि बीजेपी चुनावी फायदे के लिए अधूरे निर्माण में ही प्राण प्रतिष्ठा करवा रही है.

Ayodhya Ram Mandir: मौजूदा वक्त में इसे जरूरी समझिए या फिर सियासी मज़बूरी कि कांग्रेस ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से खुद को अलग कर लिया है, लेकिन जिस कांग्रेस ने राम मंदिर का ताला खुलवाने का श्रेय लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी, जिस कांग्रेस ने शिला पूजन की इजाजत देने का पूरा क्रेडिट अपने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को दिया. जिस कांग्रेस के नेता राजीव गांधी ने अपने लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत ही राम जन्मभूमि से की, उसी कांग्रेस के साथ आज ऐसा क्या हुआ है कि उसने बहुसंख्यकों की भावनाओं को दरकिनार कर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल न होने का फैसला कर लिया है और जिसके लिए अब पार्टी के अंदर से ही विरोध के सुर उठने लगे हैं

कांग्रेस ने लिया था राम मंदिर का श्रेय 

देश के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता राजीव गांधी की 76वीं जयंती पर मध्य प्रदेश कांग्रेस की ओर से एक पोस्टर जारी हुआ था. इस पोस्टर में कांग्रेस ने दूरदर्शन पर रामायण का प्रसारण करवाने, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह को मनाकर राम जन्मभूमि का ताला खुलवाने और 1989 में राम मंदिर के शिलान्यास में गृहमंत्री बूटा सिंह को भेजने के लिए राजीव गांधी को श्रेय दिया गया था.

इतना ही नहीं, कांग्रेस ने इस पोस्टर में यहां तक दावा किया था कि चेन्नई में अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजीव गांधी ने कहा था कि राम मंदिर अयोध्या में ही बनेगा.

प्राण प्रतिष्ठा में जाने से कांग्रेस ने इंकार किया

अब अगर कांग्रेस के नेताओं की ही बात का यकीन करें तो राजीव गांधी के कहे मुताबिक अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है और 22 जनवरी को उसकी प्राण प्रतिष्ठा भी हो रही है, लेकिन अब जो कांग्रेस है, वो राजीव गांधी वाली नहीं है. राजीव गांधी गुजर चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस आलाकमान ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने से इंकार कर दिया है.

कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने बकायदा पत्र जारी कर इस बात का ऐलान किया है कि कांग्रेस और उसके नेता राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं होंगे. ऐसे में सवाल है कि कांग्रेस ऐसा क्यों कर रही है. क्या सिर्फ इस वजह से कि राम मंदिर बनाने का श्रेय बीजेपी लेती है? क्योंकि पत्र में जयराम रमेश ने जो लिखा है, उसका तो सार यही निकलता है. 

जयराम रमेश ने लिखा, "हमारे देश में लाखों लोग भगवान राम की पूजा करते हैं. धर्म एक निजी मामला है, लेकिन आरएसएस और बीजेपी ने लंबे समय से अयोध्या में मंदिर को राजनीतिक प्रोजेक्ट बनाया है. बीजेपी और आरएसएस के नेताओं की ओर से अधूरे मंदिर का उद्घाटन स्पष्ट रूप से चुनावी लाभ के लिए किया जा रहा है."

कांग्रेस से छिटका हिंदू वोट बैंक

अब कांग्रेस की बात में सच्चाई तो है कि बीजेपी ने 1989 के पालपुर अधिवेशन से ही राम मंदिर को अपना चुनावी मुद्दा बना रखा है, लेकिन कांग्रेस ने भी तो राम मंदिर का श्रेय लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी. हां ये बात अलग है कि उसे कोई फायदा नहीं हुआ, उल्टे हिंदू वोट बैंक उससे छिटक ही गया, जिसका नतीजा ये हुआ कि 1984 में 404 सीटें जीतने वाली कांग्रेस 1989 के लोकसभा चुनाव में सत्ता से ही बाहर हो गई.

फिर 1991 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में राम मंदिर का जिक्र किया, लेकिन ये कहा कि बिना बाबरी गिराए ही अयोध्या में राम मंदिर बनेगा. 1991 में कांग्रेस की जीत हुई, नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री भी बने, लेकिन इस जीत में कांग्रेस को राम मंदिर की कोई खास भूमिका दिखी नहीं.

सॉफ्ट हिंदुत्व भी नहीं आई कांग्रेस के काम

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस को अब वही दिन याद आ रहे हैं, जिसकी वजह से उसने खुद को राम मंदिर से अलग कर लिया है? क्योंकि उसके बाद भी कांग्रेस ने जब-जब सॉफ्ट हिंदुत्व का सहारा लिया चाहे वो गुजरात का चुनाव हो या फिर उत्तर प्रदेश का चुनाव या फिर अभी हालिया बीता मध्य प्रदेश का चुनाव, कांग्रेस को नुकसान ही हुआ है.

भले ही राहुल गांधी ने जनेऊ लपेटकर मंदिर-मंदिर परिक्रमा की या फिर प्रियंका गांधी वाड्रा ने नवरात्र का व्रत रखा या फिर कमलनाथ ने राम कथा का आयोजन करवाया या फिर भूपेश बघेल ने कौशल्या माता मंदिर बनवाया, उसे चुनावी फायदा नहीं हुआ.

अब कांग्रेस से कम से कम मुस्लिम वोट बैंक न छिटके इसकी ही जुगत में कांग्रेस ने खुद को राम मंदिर से दूर कर लिया है. क्योंकि कांग्रेस को भी पता है कि पूरे देश में मुस्लिम का वोट करीब-करीब 15 फीसदी है और इसका सबसे बड़ा हिस्सा हमेशा से कांग्रेस के ही पाले में जाता है. इस बार भी जब 2024 के चुनाव हैं तो कांग्रेस इस वोट बैंक को साधकर रखना चाहती है.

राम मंदिर से क्यों दूरी बना रही कांग्रेस?

बाकी कांग्रेस के राम मंदिर से दूरी बनाने की सबसे बड़ी और असल वजह है दक्षिण भारत में खिसकती बीजेपी की सियासी जमीन, जिसपर कांग्रेस लगातार मजबूत होकर उभरती हुई दिख रही है. कांग्रेस को इस बात को बखूबी जानती है कि वो चाहे जितनी भी कोशिश करे, उत्तर भारत में उसे कुछ खास हासिल होने वाला नहीं है. बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश तक जो भी हासिल होगा, उसके सहयोगियों को होगा.

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अभी कांग्रेस भरपूर ताकत झोंकने के बाद भी बड़ा नुकसान उठा ही चुकी है. गुजरात में कांग्रेस के पास पाने के लिए कुछ नहीं है. पंजाब में भी जो मिलेगा, वो कांग्रेस और आप के बीच बंट ही जाएगा. ऐसे में दक्षिण भारत के दो राज्यों कर्नाटक और फिर तेलंगाना में हुई कांग्रेस की जीत ने उसे वो संजीवनी दी है कि उसने अपना पूरा फोकस दक्षिण भारत पर लगा दिया है, जहां से उसे और ज्यादा हासिल होने की उम्मीद है.

कांग्रेस के अंदर विरोधी सुर

दक्षिण भारत की राजनीति उत्तर भारत की राजनीति से बिल्कुल अलग है, जिसमें धर्म व्यक्तिगत आस्था का मसला रहा है. केरल में धर्म राजनीति से बिल्कुल ही अलग है. तमिलनाडु की पूरी राजनीति ही पेरियार के विचारों के ईर्द-गिर्द है, जिसमें हिंदू धर्म विरोध का स्वर मुखर रहा है. ऐसे में कांग्रेस जहां खुद को मजबूत होते देख पा रही है, वहां और मजबूत बने रहने के लिए उसे ऐसा फैसला करना पड़ा है, जो साफ तौर पर बहुसंख्यकों की धार्मिक भावना के बिल्कुल उलट दिख रहा है.

यही वजह है कि कांग्रेस के तमाम नेता चाहे वो आचार्य प्रमोद कृष्णम हों या फिर गुजरात की पोरबंदर सीट से कांग्रेस विधायक अर्जुन मोढवाडिया या फिर हिमाचल प्रदेश में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह, सबने अपनी ही पार्टी के फैसले का खुले तौर पर विरोध किया है. विक्रमादित्य सिंह ने तो पार्टी लाइन से अलग जाकर 22 जनवरी को अयोध्या जाने का ऐलान भी कर दिया है.

मंदिर के अंदर पांच लोग ही होंगे मौजूद

बाकी तो तथ्य ये भी है कि वो दिग्गज चाहे जो भी हों, राजनीतिक या धार्मिक वो 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान अयोध्या में तो मौजूद रह सकता है, लेकिन प्राण प्रतिष्ठा के वक्त मंदिर के अंदर महज पांच लोग ही मौजूद होंगे. उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, संघ प्रमुख मोहन भागवत और रामलला के पुजारी ही शामिल हैं.

बाकी जो भी लोग उस दिन अयोध्या में होंगे, प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद ही मंदिर के अंदर दाखिल हो सकेंगे. शायद ये भी एक बड़ी वजह है कि शंकराचार्य से लेकर तमाम साधु-संत भी 22 जनवरी को अयोध्या में मौजूद रहने से कतरा रहे हैं, क्योंकि प्राण प्रतिष्ठा के वक्त वो मंदिर के अंदर जा ही नहीं पाएंगे.

ये भी पढ़ें: Ram Mandir Inauguration: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए गोल्ड कोटेड नगाड़ा पहुंचा अयोध्या, देखें वीडियो

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Lok Sabha Elections 2024: 'PM को धोखे में नहीं रहना चाहिए', NDA के 400 सीट जीतने के सवाल पर बोले राज बब्बर
'PM को धोखे में नहीं रहना चाहिए', NDA के 400 सीट जीतने के सवाल पर बोले राज बब्बर
'इससे बड़ा क्या सौभाग्य हो सकता है', नामांकन के बाद क्या बोले पीएम मोदी?
'इससे बड़ा क्या सौभाग्य हो सकता है', नामांकन के बाद क्या बोले पीएम मोदी?
2014, 2019 और 2024- डोमराजा से द्रविड़ शास्त्री तक, जानें कब कौन रहा पीएम मोदी का प्रस्तावक
2014, 2019 और 2024- डोमराजा से द्रविड़ शास्त्री तक, जानें कब कौन रहा पीएम मोदी का प्रस्तावक
Pakistan India updates : भारत को लेकर पाकिस्तान के फवाद चौधरी ने फिर उगला जहर, पीएम मोदी पर की टिप्पणी
भारत को लेकर पाकिस्तान के फवाद चौधरी ने फिर उगला जहर, पीएम मोदी पर की टिप्पणी
Advertisement
for smartphones
and tablets

वीडियोज

PM Modi Nomination: काशी की जनता ने कह दिया 'अबकी बार 400 पार..'  | ABP NewsDevendra Fadnavis EXCLUSIVE: जिन पर केस दर्ज वो NDA में कैसे, इस सवाल पर सुनिए क्या बोले फडणवीसHarshRajputofficial  Interview ,Dhakad Reporter ,Youtuber ,UPSC Aspirant ,Harsh Rajput ,FunnyPM Modi Nomination: पीएम के नामांकन पर क्या बोले NDA के ये कद्दावर नेता, आप भी सुनिए

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Lok Sabha Elections 2024: 'PM को धोखे में नहीं रहना चाहिए', NDA के 400 सीट जीतने के सवाल पर बोले राज बब्बर
'PM को धोखे में नहीं रहना चाहिए', NDA के 400 सीट जीतने के सवाल पर बोले राज बब्बर
'इससे बड़ा क्या सौभाग्य हो सकता है', नामांकन के बाद क्या बोले पीएम मोदी?
'इससे बड़ा क्या सौभाग्य हो सकता है', नामांकन के बाद क्या बोले पीएम मोदी?
2014, 2019 और 2024- डोमराजा से द्रविड़ शास्त्री तक, जानें कब कौन रहा पीएम मोदी का प्रस्तावक
2014, 2019 और 2024- डोमराजा से द्रविड़ शास्त्री तक, जानें कब कौन रहा पीएम मोदी का प्रस्तावक
Pakistan India updates : भारत को लेकर पाकिस्तान के फवाद चौधरी ने फिर उगला जहर, पीएम मोदी पर की टिप्पणी
भारत को लेकर पाकिस्तान के फवाद चौधरी ने फिर उगला जहर, पीएम मोदी पर की टिप्पणी
Dark Stores: डार्क स्टोर पर फोकस करेगी ब्लिंकिट, जोमाटो से बड़ा होना है लक्ष्य 
डार्क स्टोर पर फोकस करेगी ब्लिंकिट, जोमाटो से बड़ा होना है लक्ष्य 
Indian Railways: बंद हो जाएंगी पलक्कड़ डिवीजन की सभी ट्रेनें! वायरल हुई खबर तो भारतीय रेलवे ने दिया ये जवाब
बंद हो जाएंगी पलक्कड़ डिवीजन की सभी ट्रेनें! वायरल हुई खबर तो भारतीय रेलवे ने दिया ये जवाब
Anant Ambani Radhika Merchant Wedding: अनंत-राधिका के दूसरे प्री-वेडिंग फंक्शन से मचेगी धूम, तारीख और जगह जानिए
अनंत-राधिका के दूसरे प्री-वेडिंग फंक्शन से मचेगी धूम, तारीख और जगह जानिए
किसके जैसा दिखता है नुसरत जहां का बेटा?  दो साल बाद हुआ खुलासा
किसके जैसा दिखता है नुसरत जहां का बेटा? हुआ खुलासा
Embed widget