बिम्सटेक को पीएम मोदी ने दिया ताकत का नया डोज़, खोला तोहफों का पिटारा
बंगाल की खाड़ी के साझेदार मुल्कों के इस मंच पर पहली बार पहुंचे पीएम मोदी ने एक दर्जन से ज्यादा सहयोग प्रस्तावों और तोहफों का पिटारा खोल भारत मजबूत समर्थन का संदेश दिया.
नई दिल्लीः काठमांडू में आयोजित चौथे बिम्सटेक शिखर समेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दो दशक पुराने संगठन को ताकत का नया टॉनिक दिया. बंगाल की खाड़ी के साझेदार मुल्कों के इस मंच पर पहली बार पहुंचे पीएम मोदी ने एक दर्जन से ज्यादा सहयोग प्रस्तावों और तोहफों का पिटारा खोल भारत मजबूत समर्थन का संदेश दिया. उम्मीद है इस सहयोग के इस डोज़ से बिम्सटेक आने वाले दिनों में अधिक सक्रिय संगठन के रूप में नज़र आएगा.
शिखर बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बिम्सटेक भारत की नेबरहुड फर्स्ट (पड़ोसी पहले) और एक्ट ईस्ट नीति का संगम है. इस क्षेत्र के एक तरफ हिमालय है तो दूसरी ओर बंगाल की खाड़ी और यह इलाका पहाड़ों को सागर से जोड़ता है. बिम्सटेक मुल्कों के लिए कनेक्टिविटी को सबसे बड़ा अवसर बताते हुए मोदी ने कहा कि कारोबार, परिवहन, डिजिटल और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पार काम करना होगा. बिम्सटेक मुल्कों के बीच कोस्टल शिपिंग और मोटर व्हीकल समझौतों के प्रस्ताव पर अधिक सक्रियता से काम करने की जरूरत है. इससे बिम्सटेक मुल्कों के बीच संपर्क बढ़ेगा.
बैठक के उद्धाटन सत्र के बाद विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि इस सत्र में बिम्सटेक मुल्कों के बीच बिजली के कारोबार के लिए ग्रिड कनेक्टिविटि पर समझौते की उम्मीद है. इसके अलावा आने वाले दिनों में बिम्सटेक देशों के बीच संगठित अपराधों से निपटने, अंतरदेशीय अपराध की रोकथाम व नशीले पदार्थों के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए एक नया फ्रेमवर्क कन्वेशन पर भी मुहर लगाई जानी है. इसके लिए मसौदा दस्तावेज तैयार कर लिया गया है. गोखले ने बताया कि जल्द ही बिम्सटेक देशों के गृहमंत्रियों के बीच मुलाकात की भी व्यवस्था शुरु की जाएगी.
इस बीच बिम्सटेक में एक नया सहयोग कोष बनाने की भी कोशिश हो रही है. हालांकि भारतीय अधिकारियों के मुताबिक शुरुआत में यह कोष स्वैच्छिक अनुदान से संचालित होगा जिससे बिम्सटेक मुल्कों में विकास योजनाओं का वित्त पोषण किया जा सकेगा. भारत बिम्सटेक में मुक्त व्यापार सामझौते की कोशिशों को आगे बढ़ाने के लिए भी कोशिश नकर रहा है.
सार्क का विकल्प बनाने की कोशिश महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान के साथ रिश्तों की खटास के चलते दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) की कवायद बीते दो सालों से अटकी पड़ी है. वहीं सार्क को लांघ कर क्षेत्रीय सहयोग के लिए बनाए गए भारत, बांग्लादेश, भूटान और नेपाल (बीबीआईएन) समूह की राह में आई अड़चनों के बाद भारत ने 1997 से बने बिम्सटेक समूह में नई जान फूंकने में लगा है. इसी कड़ी में भारत का प्रयास बिम्सटेक को अधिक सक्रिय संगठन की शक्ल देने का है जिसमें नियमित रूप से शिखर बैठकें और मंत्री स्तर संपर्क हो सके. यहां तक कि भारत के विदेश मंत्रालय ने सार्क संबंधी मामलों को संभालने वाले संयुक्त सचिव को ही बिम्सटेक का भी प्रभार दिया है.
हालांकि बिम्सटेक को सार्क का विकल्प बनाने के आकलनों के बारे में पूछे जाने पर भारतीय विदेश सचिव गोखले ने इतना ही कहा कि हर संगठन के विकास का का एक इतिहास और प्रासंगिकता है. इसलिए हम इन आकलनों पर क्या कह सकते हैं.
बिम्सटेक के मंच से पीएम मोदी के बड़े ऐलान प्रस्ताव उद्यमियों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए भारत बिम्सटेक स्टार्टअप कॉनक्लेव की मेजबानी करने को तैयार है. बिम्सटेक सदस्य देशों के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाने में भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की अहम भूमिका होगी. भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंटरवेन्शन इन द नॉर्थ ईस्टर्न रीजन नामक एक पहल है. हम इस कार्यक्रम को बिम्सटेक सदस्य देशों के लिए भी आगे बढ़ाने का प्रस्ताव रखते हैं. इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में उर्जा, वेस्ट मैनेजमेंट, कृषि और कैपिसिटी बिल्डिंग को प्रोत्साहन दिया जा सकता है.
बिम्सटेक यूथ समिट और बिम्सटेक बैंड फैस्टीवल के आयोजन का प्रस्ताव भारत रखना चाहता है. इनके साथ हम बिम्सटेक यूथ वॉटर फेस्टीवाल का आयोजन भी कर सकते हैं. हम सभी देशों के अपने-अपने लंबे इतिहास, और इतिहास से जुड़े पर्यटन के संभावनाओं का पूरी तरह लाभ उठाने के लिए ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों के पुनरुत्थान के लिए हम सहयोग कर सकते हैं.
नशीले पदार्थों से संबंधित विषयों पर हम बिम्सटेक फ्रेमवर्क में एक कॉन्फ्रेंस का आयोजन करने के लिए तैयार हैं. यह स्पष्ट है कि ये समस्याएं किसी एक देश की कानून और व्यवस्था समस्याएं नहीं हैं. इनका सामना करने के लिए हमें एकजुट होना होगा. और इसके लिए हमें यथोचित कानूनों और नियमों का फ्रेमवर्क खड़ा करना होगा. इस संदर्भ में, हमारे कानून निर्माता विशेष रूप से महिला सांसदों का आपसी संपर्क सहायक साबित हो सकता है. मेरा प्रस्ताव है कि हमें बिम्सटेक वूमेन पारला-मेनटेरयंस फोरम की स्थापना करनी चाहिए.
डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में भारत अपने नॉलेज नेटवर्क को श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान और नेपाल में बढ़ाने की पहल को प्रतिबद्ध है. भारत इसे म्यांमार और थाईलैंड में भी बढ़ाने का प्रस्ताव करता है.
ऐलान हम सभी देश कृषि प्रधान हैं और जलवायु परिवर्तन की आशंकाओं से जूझ रहे हैं. कृषि शोध औऱ अध्ययन जरूरी है. भारत क्लाईमेट स्मार्ट फार्मिंग के विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करेगा. भारत के नॉर्थ ईस्टर्न स्पेस एप्लीकेशन सेंटर में बिम्सटेक सदस्य देशों के शोधकर्ताओं, छात्रों और प्रोफेशनल्स के लिए भारत चौबीस स्कॉलरशिप्स भी देगा.
बिम्सटेक देशों के युवा छात्रों के लिए नालंदा विश्वविद्यालय में तीस स्कॉलरशिप्स और जिपमर संस्थान में एडवांस्ड मैडिसिन के लिए बारह रिसर्च फैलोशिप भी दी जाएंगी. साथ ही, भारत के आईटेक कार्यक्रम के तहत पर्यटन, पर्यावरण, डिजास्टर मैनेजमेंट, रीन्यूएबल एनर्जी, कृषि, ट्रेड और वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन जैसे विषयों पर सौ शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग कोर्स भी कराए जाएंगे.
बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में कला, संस्कृति, सामुद्रिक कानूनों और अन्य विषयों पर शोध के लिए हम नालंदा विश्वविद्यालय में एक Centre for Bay of Bengal Studies की स्थापना भी करेंगे. भारत ब्ल्यू इकोनॉमी पर सभी बिम्सटेक देशों के युवाओं का एक हैक्कॉथान आयोजित करेगा. इससे ब्ल्यू इकोनॉमी की संभावनाओं और सहयोग पर फोकस किया जा सकेगा.