'UPA सरकार में सोनिया गांधी थीं सुपर प्राइम मिनिस्टर', वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने क्यों कहा ये
Nirmala Sitharaman on UPA Government: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार में हर साल घोटाले होते थे. उन्होंने सरकारी फाइलों को लेकर कई सवाल भी किए.
Nirmala Sitharaman in Lok Sabha: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार (09 फरवरी) को कांग्रेस पर आर्थिक कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और घोटालों को लेकर तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार एक आंदोलनजीवी और भ्रष्टाचारजीवी सरकार थी. जिसने देश में जयंती टैक्स को जन्म दिया.
उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था और देश के नागरिकों पर इसके प्रभाव पर श्वेतपत्र को लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह दावा भी किया कि सोनिया गांधी यूपीए सरकार में सुपर प्राइम मिनिस्टर थीं और उनकी अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) किचन कैबिनेट से भी बदतर थी, जो असंवैधानिक संस्था के रूप में कानून बनवा रही थी. वित्त मंत्री ने यूपीए सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ का आरोप लगाया और कहा कि उस वक्त नेतृत्व का अभाव था.
'श्वेत पत्र में लगाए आरोप के कई सबूत'
उन्होंने कहा कि श्वेत पत्र एक गंभीर दस्तावेज है जिसमें दस्तावेजी प्रमाण हैं. उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास रहा है कि यूपीए सरकार के 10 साल के कुप्रबंधन को दुरुस्त करना और अर्थव्यवस्था को ऐसे आगे ले जाना कि यह मजबूती के साथ बढ़े. वित्त मंत्री का कहना था कि इस दस्तावेज में कोई भी आधारहीन आरोप नहीं लगाए गए हैं और इसमें कैग की रिपोर्ट और उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों को उद्धृत किया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘इस श्वेत पत्र में की गई हर बात प्रमाण के साथ है.’’
सीतारमण ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015-16 में ही मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में बयान दिया था कि ऐसे सुझाव आ रहे हैं कि अर्थव्यवस्था के हालात पर श्वेत पत्र लाया जाए, लेकिन मैं इसे राष्ट्रीय हित में नहीं ला रहा.’’ वित्त मंत्री के अनुसार, प्रधानमंत्री उस वक्त श्वेत पत्र नहीं लाए क्योंकि निवेशकों का विश्वास डगमगा सकता था.
'यूपीए सरकार में हर साल घोटाला'
उन्होंने कहा कि यूपीए के 10 साल में बड़े पैमाने पर घोटाले हुए और स्थिति यह थी कि हर साल एक बड़ा घोटाला सामने आया. वित्त मंत्री का कहना था, ‘‘अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए 10 साल तक प्रयास करने के बाद हम आज फ्रेजाइल 5 से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं. जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेंगे.’’
उन्होंने दावा किया कि यूपीए सरकार में सेना गोला-बारूद और अन्य सैन्य साजो-समान की कमी से जूझ रही थी. सीतारमण ने यूपीए सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उस वक्त के रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सीमावर्ती इलाकों में सड़कों के निर्माण नहीं होने की बात कही थी.
उनके अनुसार, एंटनी ने तब कहा था कि बड़ी परियोजनाओं के लिए पैसे नहीं हैं और एक अप्रैल (अगले वित्त वर्ष) तक का इंतजार करिए. वित्त मंत्री ने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार के समय में रक्षा परियोजनाओं में घोटाला होता था. उन्होंने अगस्ता वेस्टलैंड मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि कैग ने तोपों की खरीद में विलंब के लिए सरकार की खिंचाई की थी. उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 10 वर्षों में रक्षा बजट दो गुना हो गया है.’’
रक्षा क्षेत्र में मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाई
सीतारमण के अनुसार, सीमा पर बुनियादी ढांचे के निर्माण में निवेश बढ़ाया गया है. उन्होंने रक्षा क्षेत्र में मोदी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया और कहा, ‘‘गर्व की बात है कि आईएनएस विक्रांत, तेजस, अर्जुन, धनुष सबका निर्माण भारत में हो रहा है. आज महिला विमान उड़ा रही हैं और सीमा पर बंदूक लेकर भी खड़ी हैं.’’ सीतारमण ने कहा कि इस सरकार ने एचएएल को चार लाख करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया है.
उनका कहना था कि देश से 16 हजार करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात हो रहा है. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘मैं पूछना चाहती हूं कि 2008 में चीन से कुछ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए, उसका खुलासा अब तक क्यों नहीं हुआ?’’ वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए. उन्होंने जयंती टैक्स का उल्लेख करते हुए कहा कि यूपीए सरकार में पर्यावरण की मंजूरी के लिए एक साल से ज्यादा देर होता था और फिर भी मंजूरी नहीं मिलती थी.
सीतारमण के मुताबिक, ‘‘कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने 31 जनवरी, 2015 को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि जयंती टैक्स के बारे में कारोबार जगत को पूरी समझ है. यह है उनकी पर्यावरण मंजूरी का घपला.’’ उन्होंने दावा किया कि आंदोलनजीवी और भ्रष्टाचाजीवी की सरकार ने जयंती टैक्स को जन्म दिया. सीतारमण ने कहा कि जयंती टैक्स एक तरह से जजिया था.
'सुपर प्राइम मिनिस्टर थीं सोनिया गांधी'
वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार प्रगति और प्रकृति में संतुलन बैठाते हुए आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि इस सरकार में पर्यावरण मंजूरी का औसत समय 70 दिन है, जबकि पहले 365 दिन होता था. उनके अनुसार, यूपीए का ‘कुप्रबंधन और घोटाले’ का 10 साल का केंद्रबिंदु नेतृत्व की समस्या है. उन्होंने दावा किया, ‘‘सोनिया गांधी जी एनएसी (राष्ट्रीय सलाहकार परिषद) की प्रमुख के तौर पर उस समय सुपर प्राइम मिनिस्टर थीं.’’ सीतारमण ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के ‘डीएनए’ में भ्रष्टाचार है.
उन्होंने सवाल किया कि एनएसी के पास 710 सरकारी फाइल क्यों भेजी गईं थीं? वित्त मंत्री ने कहा कि मनमोहन सिंह जब प्रधानमंत्री थे और विदेश के दौरे पर थे तो उस समय कांग्रेस नेता (राहुल गांधी) ने सरकार के लाए एक अध्यादेश को फाड़कर फेंक दिया था. उन्होंने कहा, ‘‘ये लोग संस्थाओं पर लेक्चर दे रहे हैं. जब प्रधानमंत्री का अपमान किया गया था, उस वक्त क्यों नहीं पूछा गया?’’
ईडी कार्रवाई का किया जिक्र
सीतारमण ने कहा कि एनएसी एक असंवैधानिक इकाई थी. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार के समय एनएसी और आंदोलनजीवी कानून बना रहे थे, वह विपक्ष को मंजूर था, आज निर्वाचित सरकार श्वेतपत्र क्यों नहीं ला सकती.’’ वित्त मंत्री ने कहा कि इस सरकार ने आधार से सत्यापित प्रत्यक्ष अंतरण की वजह से 2.7 लाख करोड़ रुपये बचाये हैं.
सीतारमण ने कहा कि यूपीए सरकार में पीएमएलए के तहत अभियोजन की प्रक्रिया 102 मामलों में पूरी हुई, जबकि इस सरकार में 1200 मामलों में यह प्रक्रिया पूरी हुई. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में ईडी के मामलों में किसी के खिलाफ दोषसिद्धि नहीं हुई, जबकि इस सरकार में 58 मामलों में दोषसिद्धि हुई. सीतारमण के जवाब के बाद सरकार के श्वेतपत्र के विरोध में आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन और तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय द्वारा लाए गए स्थानापन्न प्रस्तावों को सदन ने ध्वनिमत से खारिज कर दिया.
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