![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
Massive Fire Delhi: मुंडका की 4 मंजिला इमारत कैसे बनी लाक्षागृह, झुलसती जिंदगियों का कौन है जिम्मेदार? दिल दहलाने वाले मंजर की पूरी रिपोर्ट
Delhi Fire Update: मुंडका हादसे के पीछे बिल्डिंग के मालिक मनीष लाकड़ा की गंभीर लापरवाही रही है. मनीष इसी इमारत की तीसरी मंजिल पर परिवार के साथ रहता था, पिछली तरफ की सीढ़ियों को उसने बंद करवा दिया था.
![Massive Fire Delhi: मुंडका की 4 मंजिला इमारत कैसे बनी लाक्षागृह, झुलसती जिंदगियों का कौन है जिम्मेदार? दिल दहलाने वाले मंजर की पूरी रिपोर्ट Mundka Massive Fire How 4 storey building become lakshagriha Who is responsible all you need to know ann Massive Fire Delhi: मुंडका की 4 मंजिला इमारत कैसे बनी लाक्षागृह, झुलसती जिंदगियों का कौन है जिम्मेदार? दिल दहलाने वाले मंजर की पूरी रिपोर्ट](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/05/13/17a3f2ae70661bf06e6ac1abccbd2505_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Massive Fire in Mundka: मुंडका इलाके में एक इमारत में लगी भीषण आग ने 27 लोगों की जान ले ली और 12 लोग घायल हुए हैं. इसके अलावा 29 लोग ऐसे हैं, जिनका अभी तक कुछ भी अता पता नहीं है. उनके परिजन उन्हें ढूंढ ढूंढ कर थक चुके हैं. एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तो कभी कहीं तो कभी कहीं, लेकिन इन सभी 29 लोगों की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. आशंका जताई जा रही है कि कहीं इनके साथ भी अनहोनी न हो गई हो, लेकिन परिजन इस आस में उन्हें तलाश रहे हैं कि वे अभी जीवित हैं. इस हादसे के बाद कई सवाल ऐसे खड़े होते हैं की आखिर ये 4 मंजिला इमारत मुंडका का लाक्षागृह कैसे बन गयी? इन सवालों का जवाब जानने के लिए ये जानना भी जरूरी है कि आखिर हादसा कब और कैसे हुआ?
इस बिल्डिंग में आग कैसे लगी इसको लेकर अभी भी रहस्य बरकरार है, लेकिन यह हादसा कैसे हुआ इसको लेकर कई चश्मदीद हमारे सामने आए हैं. उन्होंने बताया कि बिल्डिंग के सेकंड फ्लोर पर कंपनी की मीटिंग चल रही थी. इस कंपनी में लगभग 500 से 300 लोग काम करते हैं और वे सभी दूसरी मंजिल पर मौजूद थे. लगभग 3:00 बजे के आसपास अचानक से लाइट चली गई. जैसे ही सेकंड फ्लोर का हॉल का दरवाजा खोला जाता है तो अचानक से बाहर से काला धुआं ऊपर उड़ता हुआ दिखाई दिया. धुआं पूरे हॉल में भरने लगा. हॉल के अंदर अफरा-तफरी मच गई. वहां करीब 300 लोग मौजूद थे, जिसमें महिलाएं और पुरुष सभी थे. आने जाने का रास्ता सकरा और एक ही था. आग नीचे से ऊपर की तरफ बढ़ रही थी, जिससे नीचे जाना संभव नहीं था. जिसे जहां जगह मिली वह वहां छिपा. कुछ लोगों ने किसी तरह परिचितों को फोन करके फैक्ट्री में आग लगने की जानकारी दी. आस-पास के गांव के लोग वहां इकट्ठा हो गए. फैक्ट्री के शीशों को तोड़ा जाने लगे और फिर राहत बचाव का काम शुरू हुआ. आसपास के लोगों की मदद से कई लोगों को बाहर निकाल लिया गया. रस्सी के सहारे भी कई लोग बिल्डिंग से बाहर निकलने की कोशिश करने लगे. लकड़ी की सीढ़ियां लगाकर लोगों को नीचे उतारा गया. जेसीबी मशीन से भी लोगों को निकालने का काम शुरू हुआ. लोगों ने यह भी बताया कि सबसे ज्यादा लोग थर्ड फ्लोर पर काम करते थे, जहां पर गोदाम भी है.
देर से आईं फायर ब्रिगेड की गाड़ियां
स्थानीय लोगों और इस फैक्ट्री में काम करने वाले लोग जो बाहर जीवित निकल आए हैं उनका बड़ा आरोप दिल्ली फायर सर्विस पर भी है. आरोप है कि फायर की गाड़ियों को मौके पर पहुंचने में डेढ़ से 2 घंटे का समय लगा. यही वजह भी रही इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई. स्थानीय लोगों की मदद से क्रेन आदि का इस्तेमाल करते हुए लगभग 100 लोगों को बाहर निकाला गया, जबकि डेढ़ सौ से 200 लोगों का कुछ पता नहीं है, यह दावा इस फैक्ट्री में काम करने वाली 4 युवतियों का है. हालांकि बचाव कार्य मे शामिल ऋषभ लाकड़ा का कहना है कि जब जेसीबी से बचाव कार्य किया जा रहा था तो सड़क पर लम्बा जाम लग गया था. कुछ लोगों का ये भी कहना है कि कापसहेड़ा, टिकरी बॉर्डर की फायर स्टेशनों से शुरुआती मदद ली जा सकती थी. फायर सर्विस ने शुरुआत में इस आग की कॉल को बेहद हल्के में लिया. यही कारण रहा कि आग इतनी भड़क गई और घण्टों बाद आग पर काबू पाया जा सका.
दिल्ली पुलिस ने दर्ज की FIR
मुंडका में बिल्डिंग में लगी आग के मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने FIR दर्ज कर ली है. FIR आईपीसी की धारा 304/ 308/ 120b/34 के तहत दर्ज की गई है. फिलहाल पुलिस ने इस असेंबलिंग यूनिट/मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के दो मालिकों हरीश गोयल और वरुण गोयल को गिरफ्तार किया है. दोनों ही सगे भाई हैं और कल जब हादसा हुआ था तो फैक्ट्री के अंदर मौजूद थे. वह अपने स्टाफ की मीटिंग ले रहे थे. इसके अलावा पुलिस इस बिल्डिंग के मालिक की तलाश कर रही है, जिसका नाम मनीष लाकड़ा है.
बिल्डिंग को नहीं मिली थी NOC
दिल्ली पुलिस का कहना है कि अभी तक जांच में जो बात सामने आई है, वो ये है कि बिल्डिंग को किसी प्रकार की फायर की एनओसी नहीं मिली हुई थी. साथ ही साथ ये बात भी सामने आ रही है कि बिल्डिंग को एमसीडी की क्लियरेंस भी नहीं थी. यही वजह है कि मनीष लाकड़ा की तलाश की जा रही है. बिल्डिंग में एंट्री/एग्जिट का केवल एक ही रास्ता था, वो भी सकरा. बिल्डिंग बनाते हुए इस बात का ध्यान नहीं रखा गया कि अगर यहां इतनी बड़ी संख्या में लोग काम करेंगे तो वो आपातकाल की स्थिति में निकलेंगे कहां से. इसके अलावा ये बात भी सामने आ रही है कि मुंडका हादसे के पीछे बिल्डिंग के मालिक मनीष लाकड़ा की गंभीर लापरवाही रही है. मनीष इसी इमारत की तीसरी मंजिल पर परिवार के साथ रहता था, जिसमें पिछली तरफ की सीढ़ियों को उसने अपने निजी प्रयोग के लिए बंद करवा दिया था, क्योंकि ग्राउंड फ्लोर पर 2 महीने पहले ही लकड़ी के एक गोदाम के लिए किराए पर दिया था. उसमें काम करने वाली लेबर ऊपर वाली मंजिलों पर न आ सके, इसलिए पीछे की सीढ़ियों को बंद कर दिया था.
मुंडका अग्निकांड का जायजा लेने पहुंचे CM केजरीवाल, मृतकों के परिजनों को 10 लाख मुआवजे का किया एलान
एंट्री-एग्जिट का एक ही रास्ता बचा
यही वजह है कि जब आग लगी तो एंट्री और एग्जिट का एक ही रास्ता बचा था. उसके बारे में भी बताया जा रहा है कि गार्ड ने नीचे का सामान आग से बचाने के लिए ग्राउंड की सीढ़ियों का गेट बंद कर दिया था. कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि उस समय वहां लाइट काट दी गई थी. बताया जा रहा है कि आग एंट्री/एग्जिट गेट की सीढ़ियों से लगनी शुरू हुई थी और सीढ़ियों पर ही कंपनी ने अपने CCTV के पैक किए हुए बड़े बड़े डिब्बे रखे थे. जहां से आग शुरू हुई, वहीं से लोगो के बाहर आने का रास्ता था. एक और हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है कि फैक्ट्री में काम करने वाले सभी वर्कर्स का मोबाइल ड्यूटी शुरू होने से पहले काउंटर पर जमा करवा लिया जाता था. मामले में आईपीसी की धारा 304 ,308 120b और 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. ये सेक्शन गैर इरादतन हत्या, गैर इरादतन हत्या की कोशिश, आपराधिक षड्यंत्र और कॉमन इंटेंशन के हैं. पुलिस की जांच के दायरे में सिविक एजेंसी व विभाग भी हैं, जिनके मातहत ये काम आता है कि कैसे अवैध तौर पर कमर्शियल एक्टिविटी चलाई जा रही थी. यही वजह है कि 120बी लगाई गई है. पुलिस दिल्ली सरकार और एमसीडी के उन सभी विभागों की भूमिका की जांच करेगी. जिसकी भी मिलीभगत पाई जाएगी उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, साथ ही संबंधित विभाग को भी जानकारी दी जाएगी.
ये भी पढ़ें- Mundka Fire: बिल्डिंग का मालिक मनीष लाकड़ा फरार, परिवार के साथ रहता था इसी इमारत में
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)