Manipur Violence: हिंसा प्रभावित मणिपुर में सेना-असम राइफल्स ने 23 हजार लोगों को किया रेस्क्यू, कर्फ्यू में भी ढील
Manipur Unrest: 3 मई को मणिपुर में फैली हिंसा के बाद अब धीरे-धीरे हालात सामान्य होते दिख रहे हैं. सेना और असम राइफल्स ने अब तक 23 हजार लोगों को रेस्क्यू किया है.
Manipur Crisis: नॉर्थ-ईस्ट राज्य मणिपुर में हिंसा प्रभावित इलाकों से सेना और असम राइफल्स ने अब तक 23 हजार लोगों को रेस्क्यू किया है. इस बात की जानकारी भारतीय सेना ने एक बयान जारी करते हुए दी है. बयान के मुताबिक, रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा की घटना भी सामने नहीं आई है. वहीं, चुराचांदपुर में लगे कर्फ्यू में भी ढील दी गई है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बयान में कहा गया है, "120-125 सेना और असम राइफल्स के कॉलम के प्रयासों की वजह से अब आशा की किरण दिखाई दे रही है. पिछले 96 घंटों से सेना और असम राइफल्स के जवान लोगों को बचाने, हिंसा पर अंकुश लगाने और सामान्य स्थिति बहाल करने में जुटे हैं, कोई बड़ी हिंसा की सूचना नहीं है." बुधवार, 3 मई को शुरू हुए कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हिंसक संघर्ष में अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है.
सेना-असम राइफल्स का फ्लैग मार्च
सुबह 10 बजे कर्फ्यू में ढील खत्म होने के बाद सेना और असम राइफल्स के जवानों ने फ्लैग मार्च किया. दंगा प्रभावित राज्य में सेना के कुल 120-125 कॉलम तैनात किए गए हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर में करीब 10,000 सैनिकों, अर्धसैनिक बलों और केंद्रीय पुलिस बलों को तैनात किया गया है.
चुराचांदपुर के जिलाधिकारी शरथ चंद्र अरोजू ने एक अधिसूचना में कहा कि आगे ढील देने के बारे में समीक्षा की जाएगी और मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति के आकलन के आधार पर अधिसूचित किया जाएगा. मणिपुर सरकार के नवनियुक्त सुरक्षा सलाहकार, सीआरपीएफ के पूर्व प्रमुख कुलदीप सिंह ने कहा कि मणिपुर के विभिन्न जिलों में जातीय हिंसा की घटनाओं में कम से कम 28 से 30 लोग मारे गए.
वहीं, इन हमलों में 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. 3 मई से अब तक हुए इन हमलों में 500 से अधिक घरों, बड़ी संख्या में वाहनों, दुकानों और अन्य संपत्तियों को या तो जला दिया गया या क्षतिग्रस्त कर दिया गया.
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