Kiren Rijiju On Judiciary: संविधान में लक्ष्मण रेखा बहुत स्पष्ट है', सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर बोले कानून मंत्री किरेन रिजिजू
Kiren Rijiju On Judiciary: कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि न्यायपालिका को क्या काम करना है, इसको लेकर संविधान में जिक्र है.
Kiren Rijiju On Judiciary: कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार (18 मार्च) को कार्यपालिका और न्यायपालिका समेत विभिन्न संस्थाओं को उसकी लक्ष्मण रेखा की ओर ध्यान दिलाया. रिजिजू ने हैरानी जताते हुए सवाल किया कि जज प्रशासनिक नियुक्तियों का हिस्सा बनते हैं तो न्यायिक कार्यों को कौन करेगा.
रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट के हाल में दिए गए एक निर्देश के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात कही. कोर्ट की एक पीठ ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह नया कानून बनने तक मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और अन्य चुनाव आयुक्तों का चयन करने के लिए प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता की सदस्यता वाली एक समिति का गठन करे.
किरेन रिजिजू ने क्या कहा?
रिजिजू ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कहा, ‘‘चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया संविधान में दी गई है. संसद को एक कानून बनाना है जिसके अनुरूप नियुक्ति की जानी है. मैं मानता हूं कि इसके लिए संसद में कोई कानून नहीं है, यहां एक रिक्तता है. रिजिजू ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की आलोचना नहीं कर रहे हैं और ना ही इसके परिणामों के बारे में बात कर रहे हैं.
'सवाल उठेंगे'
रिजिजू ने कहा उनका मानना है कि यदि न्यायाधीश प्रशासिक कार्यों में लिप्त होते हैं, तो उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ता है. उन्होंने आगे कहा मान लीजिए कि आप प्रधान न्यायाधीश या एक न्यायाधीश हैं. आप एक प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा हैं जिस पर सवाल उठेंगे. फिर यह मामला आपकी कोर्ट में आएगा. क्या आप एक ऐसे मामले में फैसला कर सकते हैं जिसका आप हिस्सा हैं? यहां न्याय के मूल सिद्धांत से समझौता करना पड़ेगा. इसलिए संविधान में लक्ष्मण रेखा बहुत स्पष्ट है.