Tamil Nadu News: जयललिता की ज्वेलरी पर किसका हक? तमिलनाडु सरकार को कर्नाटक हाई कोर्ट से झटका, जानें मामला
Karnataka High Court: तमिलनाडु की एक विशेष अदालत ने जयललिता की ज्वेलरी को तमिलनाडु सरकार को सौंपने का निर्देश दिया था. जयललिता की भतीजी जे दीपा की याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुनाया.
Karnataka High Court On jayalalithaa Jewelery: कर्नाटक हाई कोर्ट ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जयललिता के सोने और हीरे के आभूषणों को तमिलनाडु सरकार को सौंपने की प्रक्रिया पर 26 मार्च तक रोक लगा दी है. जयललिता की भतीजी जे दीपा की याचिका पर मंगलवार (5 मार्च) सुनवाई करते हुए जस्टिस मोहम्मद नवाज की एकल पीठ ने इस प्रक्रिया पर रोक लगाई है.
तमिलनाडु सरकार को आभूषण सौंपने का था निर्देश
अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (AIADMK) की दिवंगत नेता जयललिता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनकी कीमती सामान जब्त कर लिया गया था. तमिलनाडु की एक विशेष अदालत के निर्देश के अनुसार बुधवार (6 मार्च) से सोने और हीरे के आभूषणों को तमिलनाडु सरकार को सौंपा जाना था.
याचिकाकर्ता ने 12 जुलाई, 2023 के विशेष अदालत के आदेश को चुनौती दी थी. याचिकाकर्ता ने कहा था कि दिवंगत जयललिता को आय से अधिक संपत्ति के मामले में बरी माना जाना चाहिए, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने भी उनके खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. विशेष अदालत ने अपने निर्देश में कहा था कि 27 किलोग्राम के सोने और हीरे के आभूषणों को छह और सात मार्च को तमिलनाडु सरकार को सौंप दिया जाना चाहिए. ये सामग्री मामले में जयललिता और अन्य के खिलाफ सबूत हैं.
कोर्ट ने आभूषणों को बेचने की अनुमिति दी थी
कोर्ट ने 20 किलोग्राम सोने और हीरे के आभूषणों को बेचने या नीलाम करने की अनुमति दी थी. बचे हुए सात किलोग्राम सोने को कोर्ट ने इस तथ्य पर विचार करते हुए छूट दे दी थी कि यह उन्हें अपनी माता से विरासत में मिला था. कोर्ट ने कहा था कि तमिलनाडु सरकार इन सोने और हीरे के आभूषणों के निपटान पर आवश्यक कार्रवाई करेगी.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस मामले की सुनवाई कर्नाटक में हुई और इसलिए सभी सामान अब कोर्ट की निगरानी में कर्नाटक के खजाने में हैं. तमिलनाडु सरकार को आभूषणों का हस्तांतरण किये जाने का आदेश देते हुए विशेष अदालत के जज ने कहा था, “गहनों की नीलामी करने के बजाय, उन्हें तमिलनाडु सरकार को सौंपना बेहतर है.''
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