पर्रिकर से मिलने के बाद राहुल गांधी का दावा- राफेल डील बदलते समय पीएम ने रक्षा मंत्री से नहीं पूछा
राहुल गांधी ने कहा, ''मैं कल पर्रिकर जी से मिला था. पर्रिकर जी ने स्वयं कहा था कि डील बदलते समय पीएम ने हिंदुस्तान के रक्षा मंत्री से नहीं पूछा था.''
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर से मुलाकात के बाद राफेल डील के लेकर बड़ा बड़ा दावा किया है. पर्रिकर से मुलाकात के बाद राहुल ने कहा है कि राफेल डील में बदलाव को लेकर पीएम मोदी ने देश के तत्कालीन रक्षा मंत्री से कुछ भी नहीं पूछा. कांग्रेस अध्यक्ष ने एक बार फिर दोहराया कि पीएम इस मुद्दे पर उनसे आंख नहीं मिला पा रहे हैं.
#WATCH Delhi: Congress President Rahul Gandhi says "Main kal Parrikar ji se mila tha. Parrikar ji ne swayam kaha tha ki deal badalte seamay PM ne Hindustan ke Defence Minister se nahi poocha tha." pic.twitter.com/adgAV0SKhU
— ANI (@ANI) January 30, 2019
राहुल गांधी ने कहा, ''मैं कल पर्रिकर जी से मिला था. पर्रिकर जी ने स्वयं कहा था कि डील बदलते समय पीएम ने हिंदुस्तान के रक्षा मंत्री से नहीं पूछा था. राहुल ने आगे कहा कि राफेल पर हमने 3-4 सवाल पूछे...बड़े सवाल नहीं थे. लेकिन चौकीदार कभी यूं देखें, कभी इधर देखें, कभी उधर देखें, कभी यहां देखें पर आंख से आंख नहीं मिला पाए.''
#WATCH Congress President Rahul Gandhi says, "Rafale pe humne 3-4 sawaal puchhe........ kabhi yu dekhe, kabhi idhar dekhe, kabhi udhar dekhe, kabhi yaha dekhe, aankh mein aankh nahi mila paya chowkidaar." pic.twitter.com/VCtL0lT8Gy
— ANI (@ANI) January 30, 2019
बता दें कि अपने निजी दौरे के दौरान राहुल गांधी विशेष तौर पर मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर से मिलने गोवा विधानसभा गए थे. उन्होंने उनकी तबीयत का हाल जाना था और जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना की भी की थी. खास बात ये है कि राफेल डील को लेकर जारी सियासी गहमागहमी के बीच राहुल गांधी की इस मुलाकात ने सबको चौंका दिया था.
राफेल विवाद है क्या? यूपीए सरकार ने 600 करोड़ रुपये में एक राफेल का सौदा किया था. अब बताया जा रहा है कि सरकार को एक राफेल करीब 1600 करोड़ रुपये का पड़ेगा. राफेल डील में 50 फीसदी ऑफसेट क्लॉज का प्रावधान है. यानि इस सौदे की पचास फीसदी कीमत को राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट को भारत में ही रक्षा और एयरो-स्पेस इंडस्ट्री में लगाना होगा.
इसके लिए दसॉल्ट कंपनी ने भारत की रिलायंस इंडस्ट्री से करार किया है. अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस इंडस्ट्री ने जो कंपनी बनाई है, उसके साथ मिलकर दसॉल्ट कंपनी भारत में ज्वाइंट वेंचर कर रही है. ये दोनों मिलकर भारत में नागरिक विमानों के स्पेयर पार्ट्स बनाने जा रही हैं. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि "36 राफेल आईजीए (इंटर गर्वमेंटल एग्रीमेंट) में ऑफसेट्स की मात्रा 50 फीसदी है, जिसमें योग्य उत्पादों और सेवाओं के निर्माण या रखरखाव के लिए प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण में निवेश शामिल हैं.''
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