Parliament Winter Session: क्या सुचारू ढंग से चल पाएगा संसद का मौजूदा शीतकालीन सत्र ?
Farms Law Repealed: भारतीय संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने वाला बिल भी संसद के दोनों सदनों यानी लोकसभा और राज्यसभा से पास हो गया.
Parliament Winter Session: संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया. शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने वाला बिल भी संसद के दोनों सदनों यानी लोकसभा और राज्यसभा से पास हो गया. लेकिन सवाल ये है कि क्या तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने वाला बिल संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद अब सदन की कार्रवाई सुचारू ढंग से चल पाएगी और क्या शीतकालीन सत्र शांति पूर्वक चलेगा. फिलहाल अब तक की शुरुआती जानकारी के मुताबिक संसद का शीतकालीन सत्र काफी हंगामेदार रह सकता है और उसकी वजह है विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले वो तमाम मुद्दे जिन को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है.
सत्र के पहले ही दिन जिस तरह 12 विपक्षी सांसदों के खिलाफ राज्यसभा के चेयरमैन की तरफ से निलंबन कार्रवाई की गई उससे समूचा विपक्ष फिर एक बार एकजुट नजर आ रहा है. विपक्ष की तरफ से सरकार द्वारा विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने की रणनीति तैयार होने लगी है.
किन-किन सांसदो को किया गया है निलंबित
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी, अनिल देसाई और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम को मौजूदा सत्र से निलंबित किया गया है.
शीतकालीन सत्र की शुरुआत के साथ ही विपक्ष को सरकार पर हमलावर होने का यह मौका तो जरूर मिला लेकिन इसके अलावा भी कई सारे और अहम मुद्दे हैं जिन पर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी कर रह है.
किन-किन मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेरने की कर चुका है तैयारी
-सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक के कार्यकाल को 5 साल तक बढ़ाये जाने वाला बिल
-बीएसएफ का कार्यक्षेत्र बढ़ाए जाने के मुद्दे पर आये केंद्र सरकार के आदेश पर विवाद
-महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश
-किसानों की मांगों के मुद्दे पर सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश क्योंकि किसान अभी भी एमएसपी जैसे अन्य मुद्दों पर अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं और विपक्ष उनके साथ खड़ा है
-इसके साथ ही बिजली संशोधन विधेयक जो कि किसान आंदोलन का भी एक अहम मुद्दा है
विपक्षी एकता पर भी है संशय
संसद का शीत सत्र शुरु होने के साथ वैसे तो अभी विपक्ष की एकता को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. एक तरफ तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस से अपनी दूरी बना रहा है तो दूसरी तरफ अलग-अलग मुद्दों पर कुछ और राजनीतिक दल भी एक साथ खड़े होने से बच रहे हैं. आने वाले दिनों में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के चलते भी विपक्षी पार्टियां एक दूसरे के साथ पूरी तरह से खड़ी हुई नजर नहीं आ रही है क्योंकि अलग-अलग राज्यों में वो विपक्षी पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ अपने उम्मीदवार मैदान में उतार रही है. लेकिन इस सब के बावजूद विपक्ष मौजूदा शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने की पुरजोर कोशिश करेगा और उसकी शुरुआत शीतकालीन सत्र के पहले दिन से ही दिखने लगी है.