Cash For Query Case: टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के गंभीर आरोप लगे हैं. बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी ने अपने हलफनामे पर चुप्पी तोड़ते हुए मीडिया से बात की है. उन्होंने कहा, मैंने मोइत्रा के खिलाफ अपना हलफनामा किसी दबाव की वजह से नहीं दायर किया है, मेरा मानना है कि सच्चाई सबके सामने आनी चाहिए.


टाइम्स नाऊ को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, वह इस मामले में तब बोले हैं जब कैश फॉर क्वेरी के आरोपों में उनका नाम प्रत्यक्ष और व्यक्तिगत रूप से लिया गया. उन्होंने कहा, यह सच है कि मैंने महुआ मोइत्रा की संसदीय लॉगिन आईडी और पासवर्ड का इस्तेमाल किया है. आरोपों की प्रवृति इसलिए गंभीर है क्योंकि अगर यह आरोप सही पाए जाते हैं तो यह संसद के विशेषाधिकारों का हनन होगा और उनको संसद से निलंबित कर दिया जाएगा.


क्या बोले बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी?
महुआ मोइत्रा पर लगाए गए आरोपों पर बोलते हुए दर्शन हीरानंदानी ने कहा, उनसे एक अफसोस जनक गलती हुई, जिससे उनकी कंपनी की छवि को धक्का पहुंचा है. इसलिए उनका इस मामले में सामने आकर बोलना काफी जरूरी थी. उन्होंने आगे कहा, मैं किसी भी आरोप की सच्चाई के बारे में बताना चाहता हूं. इसके लिए मेरे ऊपर किसी ने भी कोई दबाव नहीं बनाया है. 


क्या है पूरा मामला?
महुआ मोइत्रा पर आरोप है कि रियल एस्टेट से लेकर ऊर्जा तक के विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार करने वाले हीरानंदानी समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दर्शन हीरानंदानी ने अडाणी समूह के बारे में संसद में सवाल पूछने के लिए मोइत्रा को पैसे दिए थे.


बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई ने शनिवार को लोकपाल के पास तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की लोकसभा सदस्य मोइत्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उनपर संसद में सवाल पूछने के बदले पैसे लेने का आरोप लगाया गया है. दुबे ने मोइत्रा पर निशाना साधते हुए कहा था कि जब वह भारत में थीं, तब उनके संसदीय ‘लॉगिन आईडी’ का इस्तेमाल दुबई में किया गया था.


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