Kerala News: केरल के प्रसिद्ध श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर की पारंपरिक ‘अराट्टू’ शोभायात्रा के लिए सोमवार (23 अक्टूबर) को तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डे पर उड़ान सेवाएं पांच घंटे तक अस्थायी तौर पर निलंबित रहीं. ऐसा इसलिए किया गया ताकि एयरपोर्ट के रनवे से शोभायात्रा निकल सके. तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लिमिटेड (TIAL) ने इसकी जानकारी दी. शोभायात्रा के मंदिर लौटने के बाद उड़ान सेवा सोमवार रात करीब नौ बजे फिर से बहाल कर दी गई.


क्या होता है इस शोभायात्रा में?


पारंपरिक हरे रंग की रेशमी पगड़ी, पन्ना हार पहने हुए और रस्मी तलवार लेकर त्रावणकोर शाही परिवार के वर्तमान प्रमुख श्री मूलम तिरुनल राम वर्मा ने भारी बारिश में मंदिर से पास के शंकुमुघम समुद्र तट तक शोभायात्रा का अगुवाई की. शोभायात्रा शाम लगभग पांच बजे मंदिर से शुरू हुई और शाही परिवार के पुरुष सदस्यों के अलावा बड़ी संख्या में भक्त और छह हाथी भी इसका हिस्सा थे. 


शोभायात्रा हवाई अड्डे की हवाई पट्टी से होते हुए समुद्र तट तक पहुंची. शंकुमुघम तट पर समुद्र में स्नान कराने के बाद भगवान  पद्मनाभस्वामी, नरसिम्हा मूर्ति और कृष्ण स्वामी के ‘उत्सव विग्रहों’ को वापस मंदिर में ले जाया गया. 


4 से 9 बजे तक निलंबित रहीं उड़ान सेवाएं- टीआईएएल


इस दौरान त्योहार के समापन के प्रतीक के रूप में भक्तों ने पारंपरिक मशालें ली हुईं थीं.हवाईअड्डे के एक सूत्र ने बताया कि शोभायात्रा के मंदिर लौटने के बाद रात करीब नौ बजे उड़ान सेवाएं फिर से बहाल कर दीं गईं और हवाई पट्टी की सफाई  के बाद उसे उड़ान के लिए उपयुक्त घोषित किया गया.


दशकों पुरानी प्रथा के तहत निकाली जाती है ये शोभायात्रा


यह शोभायात्रा त्रावणकोर के महाराजा से जुड़ी दशकों पुरानी प्रथा के तहत निकाली जाती है. तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लिमिटेड (टीआईएएल) ने बताया कि श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर द्वारा अलपासी अराट्टू शोभायात्रा की सुविधा के लिए शाम चार बजे से रात नौ बजे तक उड़ान सेवाएं निलंबित रहीं.टीआईएएल ने बताया कि समारोह के कारण चार उड़ानों की सेवाओं को पुनर्निर्धारित किया गया है.


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