ममता के ‘दुआरे-दुआरे सरकार' अभियान की BJP ने की आलोचना, कहा- जनता के पैसे चुनावी अभियान में खर्च कर रही सरकार
पश्चिम बंगाल में मंगलवार को ‘दुआरे-दुआरे पश्चिमी बोंगो सरकार’ (दरवाजे पर सरकार) अभियान का आगाज किया गया है. इस अभियान के माध्यम से प्रशासन द्वारा 1 दिसंबर से 30 जनवरी तक पूरे राज्य के सभी 344 ब्लॉकों के हर गांव और नागरिक निकाय में कम से कम 4 शिविर लगाए जाएंगे, जिनमें राज्य सरकार की 11 महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए पंजीकरण भी किया जाएगा.
पश्चिम बंगाल में 2021 में विधानसभा चुनाव होंगे और चुनाव को लेकर सभी पार्टियों की तैयारी अभी से नजर आ रही है. इसी के तहत ममता बनर्जी सरकार ने मंगलवार को ‘दुआरे-दुआरे पश्चिमी बोंगो सरकार’ (दरवाजे पर सरकार) अभियान का आगाज किया. टीएमसी का यह अभियान 1 दिसंबर से 30 जनवरी तक यानी चुनाव की घोषणा होने तक जारी रहेगा. इस अभियान के अंतर्गत राज्यभर में आगामी दो महीनों तक सभी ग्राम पंचायतों और शहरी क्षेत्रों में नगर निगम- पालिकाओं के वार्डों में करीब 20 हजार शिविरों का आयोजन किया जाएगा. इस कार्यक्रम का मकसद ये सुनिश्चित करना है कि राज्य की 11 सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों को मिल सके. वही विपक्ष ने राज्य सरकार के इस अभियान की आलोचना करते हुए इसे चुनावी स्टंट करार दिया है.
20 हजार से अधिक शिवरों का होगा आयोजन
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस अभियान के माध्यम से प्रशासन द्वारा 1 दिसंबर से 30 जनवरी तक पूरे राज्य के सभी 344 ब्लॉकों के हर गांव और नागरिक निकाय में कम से कम 4 शिविर लगाए जाएंगे. इस तरह कुल 20 हजार से अधिकर शिवरों का आयोजन किया जाएगा. इन शिविरों में कई विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मौजूदगी में फरियादियों की समस्याओं और शिकायतों को सुना जाएगा.
इन शिविरों के तहत राज्य सरकार की 11 महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए पंजीकरण भी किया जाएगा. इसमें मनरेगा, जॉब कार्ड, हेल्थ कार्ड, जाति प्रमाण पत्र जैसी सुविधाएं लोगों को मुहैया कराई जाएगी. इस अभियान को सफल बनाने हेतु राज्य सरकार की तरफ से 3,400 केंद्रों में 6,800 से ज्यादा लोगों की तैनाती की गई है जो लोगों की मदद करेंगे.
बीजेपी ने राज्य सरकार के अभियान को बताया चुनावी स्टंट
हालांकि, विपक्ष ने राज्य प्रशासन के इस अभियान की जमकर आलोचना की है. बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस पर जनता के पैसे से चुनाव अभियान शुरू करने का आरोप लगाया है. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है, “ वे चुनाव प्रचार के लिए जनता के पैसों का उपयोग कर रहे हैं. 10 साल बाद, अगर राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए अभियान शुरू करना है कि सभी को लाभ मिले, तो टीएमसी नेताओं को शर्मिंदा होना चाहिए.”
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