UP Election: पांच साल बाद एक साथ चुनाव प्रचार करते दिखे अखिलेश, मुलायम और शिवपाल
Akhilesh, Mulayam And Shivpal: उत्तर प्रदेश में दो चरणों के मतदान के बाद जैसे ही चुनाव प्रचार अभियान तेज हुआ, इटावा से एक दिलचस्प तस्वीर सामने आई.
Akhilesh, Mulayam & Shivpal Spotted Together: उत्तर प्रदेश में दो चरणों के मतदान के बाद जैसे ही चुनाव प्रचार अभियान तेज हुआ, इटावा से एक दिलचस्प तस्वीर सामने आई, जहां समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव, उनके पिता मुलायम सिंह यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव को एक साथ प्रचार अभियान में देखा गया. पांच साल से अधिक समय के बाद तीनों एक साथ प्रचार करते हुए पहली बार दिखे हैं. 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले तीनों को आखिरी बार अक्टूबर 2016 में लखनऊ में "समाजवादी विकास रथ" को हरी झंडी दिखाने के लिए एक साथ देखा गया था. 2016 में अखिलेश ने पारिवारिक विवाद के कारण अपने चाचा शिवपाल को समाजवादी पार्टी के बाहर का रास्ता दिखा दिया था.
इसके बाद शिवपाल ने अपनी खुद की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाई. हालांकि, पीएसपी 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य में एक भी सीट जीतने में नाकाम रही थी. शिवपाल सिंह यादव की पार्टी अब अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा है. अखिलेश और शिवपाल के बीच दरार पिछले साल आधिकारिक रूप से समाप्त हो गई थी क्योंकि उन्होंने राज्य में भाजपा सरकार को हटाने के लिए हाथ मिलाने का फैसला किया था. हालांकि, इसके बाद से दोनों नेताओं को कभी भी साथ में स्टेज शेयर करते नहीं देखा गया.
कभी सपा का गढ़ माने जाने वाले इटावा में अखिलेश यादव और शिवपाल, दोनों ने न सिर्फ मंच साझा किया बल्कि एक-दूसरे को स्वीकार भी किया. अखिलेश ने कहा, "चाचा (शिवपाल सिंह यादव) की वापसी आगामी विधानसभा चुनावों में हमारी ताकत को मजबूत करेगी और यूपी चुनाव में बीजेपी को हराने में हमारी मदद करेगी." गुरुवार को समाजवादी पार्टी के "समाजवादी विजय रथ" की शुरुआत इटावा के लायन सफारी से हुई. इस दौरान शिवपाल और मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी और उसके गठबंधन के लिए प्रचार किया.
मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी जिले के करहल निर्वाचन क्षेत्र में भी एक रैली की, जहां अखिलेश यादव अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. गौरतलब है कि दो चरणों के लिए मतदान 10 और 14 फरवरी को समाप्त हो गया है, शेष पांच चरणों के लिए मतदान 20, 23, 27 फरवरी और 3 मार्च और 7 मार्च को होगा. मतों की गिनती 10 मार्च को होगी.
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