Mokshada Ekadashi 2023: मोक्षदा एकादशी आज या कल ? जानें कब रखा जाएगा व्रत, पूजा मुहूर्त और व्रत पारण समय
Mokshada Ekadashi 2023: 22 या 23 दिसंबर मोक्षदा एकादशी व्रत की सही तारीख को लेकर लोगों में संशय है. यहां जानें साल की आखिरी एकादशी का व्रत किस दिन रखना शुभ होगा, मुहूर्त और विधि
Mokshada Ekadashi 2023: पंचांग भेद के कारण इस साल की आखिरी एकादशी यानी मोक्षदा एकादशी की डेट को लेकर कंफ्यूजन बना है. मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी शुक्रवार, 22 दिसंबर की सुबह 9.21 बजे से शुरू होगी और फिर 23 दिसंबर की सुबह 7.41 पर खत्म होगी.
शास्त्रों के अनुसार जब एकादशी तिथि दो दिन पड़ रही हो तो ऐसे में गृहस्थ जीवन वालों को पहली तारीख पर एकादशी व्रत रखना चाहिए, दूजी एकादशी (दूसरे दिन एकादशी तिथि) वैष्णव संप्रदाय, साधु, संतों की होती है. आइए जानते हैं 22 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी पर पूजा मुहूर्त, विधि और उपाय.
मोक्षदा एकादशी 2024 मुहूर्त (Mokshada Ekadashi 2023 Muhurat)
विष्णु जी की पूजा का समय | सुबह 08.27 - सुबह 11.02 |
अभिजित मुहूर्त | सुबह 11.57 - दोपहर 12.44 |
सर्वार्थ सिद्धि योग | सुबह 06:32 - रात 09:36 |
रवि योग | सुबह 06:32 - रात 09:36 |
व्रत पारण समय | 23 दिसंबर 2023, दोपहर 01.22 - दोपहर 03.25 |
मोक्षदा एकादशी पूजा विधि (Mokshada Ekadashi Puja Vidhi)
- मोक्षदा एकादशी के दिन स्नानादि से निवृत्त होकर घर में बाल गोपाल की पूजा करें, क्योंकि इस दिन श्रीकृष्ण ने गीता का ज्ञान दिया था.
- बाल गोपाल को जल, दूध और फिर जल से अभिषेक कराएं. हार-फूल और वस्त्रों से श्रृंगार करें. गोपी चंदन का तिलक लगाएं. पूजा के दौरान ये मंत्र जपें - कृं कृष्णाय नम:
- माखन-मिश्री का भोग तुलसी के साथ लगाएं. इसी के साथ गीता ग्रंथ की भी पूजा करें.
- मान्यता है एकादशी पर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से लक्ष्मी जी घर में ठहर जाती है. आरती के बाद प्रसाद वितरण करें और रात्रि जागरण करें गीता का पाठ करें.
- किसी गोशाला में गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें. गायों को हरी घास खिलाएं. मंदिर में गीता ग्रंथ का दान भी कर सकते हैं.
- जो लोग इस एकादशी पर व्रत करते हैं, उन्हें वह पुण्य मिलता है जिसका असर जीवनभर बना रहता है.
मोक्षदा एकादशी मंत्र (Mokshada Ekadashi Mantra)
- ऊँ श्री विश्वकर्मणे नम:
- ऊँ श्री कृष्णाय नम:
- ऊँ श्री पुरुषोत्तमाय नम:
- ऊँ श्री ईश्वराय नम:
- ऊँ श्री पद्मनाभाय नम:
- ऊँ श्री प्रजापतये नम:
- ऊँ श्री हृषीकेशाय नम:
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