एक्सप्लोरर

गोवर्धन पूजा या अन्नकूट का पर्व मंगलवार को, जानें इस पर्व से जुड़े शास्त्रीय दृष्टिकोण

मंगलवार 14 नवंबर 2023 को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाएगा. इसे अन्नकूट, बली प्रतिपदा और चिरैया गौर के नाम से भी जाना जाता है.धार्मिक ग्रंथों के जानकार अंशुल पांडे से जानते और समझते हैं इसका महत्व.

गोवर्धन पूजा / अन्नकूट / बली प्रतिपदा/ चिरैया गौर

महाराष्ट्र और गुजरात में व्यापारी समुदाय प्रतिपदा (दीपावली के अगले दिवस) को नए वर्ष के रूप में मनाते हैं. स्कंद पुराण के वैष्णव खंड कार्तिकमास-माहात्म्य 10–11 अनुसार, इस दिन आरती करके वस्त्र आभूषणों से सुशोभित हो कथा, दान आदि करें. स्त्री और पुरुष दोनों को तिल का तेल लगाकर स्नान करना चाहिए. जो मनुष्य इस तिथि में या शुभ दिन में जिस रूप से स्थित होता है, उसी स्थिति में वह एक वर्ष तक रहता है. इसलिए यदि सुन्दर, दिव्य एवं उत्तम भोगों को भोगने की इच्छा हो तो उस दिन उत्सव अवश्य करें. प्रातःकाल गोवर्द्धन पर्वत की पूजा करें. उस समय गायों को सजाना चाहिए और उनसे बोझ ढोने या दूहने का काम नहीं लेना चाहिए. गोवर्द्धन पूजन के समय इस प्रकार प्रार्थना करनी चाहिए-

गोवर्द्धनधराधार गोकुलत्राणकारक। विष्णुबाहुकृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रदो भव॥ या लक्ष्मीर्लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता। घृतं वहति यज्ञार्थे मम पापं व्यपोहतु॥ अग्रतः सन्तु मे गावो गावो मे सन्तु पृष्ठतः। गावो मे हृदये सन्तु गवां मध्ये वसाम्यहम् ॥

पृथ्वी को धारण करने वाले गोवर्द्धन! आप गोकुल की रक्षा करने वाले हैं. भगवान विष्णु ने अपनी भुजाओं से आपको ऊंचे उठाया था. आप मुझे कोटि गोदान देने वाले हो. लोकपालों की जो लक्ष्मी यहां धेनुरूप से विराज रही है और यज्ञ के लिए घृत का भार वहन करती है, वह मेरे पापों को दूर करें. गायें मेरे आगे हों, गायें मेरे पीछे हों, गायें मेरे हृदय में हों और मैं सदा गायों के मध्य में निवास करूं.'

इस प्रकार गोवर्द्धन पूजा करके उत्तम भाव से देवताओं, सत्पुरुषों तथा साधारण मनुष्यों को सन्तुष्ट करें. अन्य लोगों को भोजन देकर और पंडितों को वस्त्र,आदि के भेंट करे. कार्तिक शुक्लपक्ष की यह प्रतिपदा तिथि वैष्णवी कही गयी है. जो लोग सब प्रकार से सब मनुष्यों को आनंद देने वाले दीपोत्सव तथा शुभ के हेतु भूत बलिराज का पूजन करते हैं, वे दान, उपभोग, सुख और बुद्धि से सम्पन्न कुलों का हर्ष प्राप्त करते हैं और उनका सम्पूर्ण वर्ष आनंद से व्यतीत होता है. प्रतिपदा और अमावास्या के योग में गायों की क्रीड़ा उत्तम मानी गयी है. उस दिन गायों को भोजन आदि से भली भांति पूजा करके विभूषित कर गाजे बाजे आदि के साथ सबको नगर से बाहर ले जाएं और वहां जाकर सबकी आरती उतारे. ऐसा करने से मनुष्य सब पापोंसे मुक्त हो जाता है.

इस दिन अन्नकूट और चिरैया गौर भी मनाया जाता है. उत्तर प्रदेश में चिरैया गौर पारिवारिक प्रेम, वैभव और पति के दीर्घ जीवन की कामना पूर्ति का पर्व है जिसे विवाहित महिला बड़े प्रेम से करती है. आज के दिन अन्नकूट मनाने की भी परम्परा है. सनत कुमार संहिता अनुसार : –

कार्तिकस्य सिते पक्षे, अन्नकूटं समाचरेत् । गोवर्धनोत्सवचै श्री विष्णुः प्रियतामिति ॥ 

प्राचीन काल में लोग भगवान इन्द्र की पूजा किया करते थे और इन्द्र भगवान को भोग लगाने के लिए तरह-तरह के पकवान तथा मिठाइयां बनाई जाती थीं. भगवान इन्द्र इनको ग्रहण करते थे और प्रसन्न होकर लोगों का कल्याण करते थे. यद्यपि अब इन्द्र की पूजा न होकर गोवर्धन की पूजा होती है परन्तु अन्नकूट की वही प्राचीन परम्परा अभी तक पुरानी रीति से चली आ रही है. अन्नकूट के उत्सव का यही रहस्य है.

व्रत चंद्रिका उत्सव अध्याय 27 के अनुसार एक बार बालखिल्य नामक महर्षि ने अन्य ऋपियों से कहा कि कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को अन्नकूट करके गोवर्धन की पूजा करनी चाहिए जिससे भगवान विष्णु प्रसन्न हो सके. इस पर ऋषियों ने पूछा कि गोवर्धन कौन है जिसकी पूजा के लिए आप कह रहे हैं और इसका फल क्या है?  बालखिल्य बोले कि एक समय श्रीकृष्ण अपने समस्त सखा ग्वालों के साथ गायें चरा रहे थे. गायों को चराते हुए वे गोवर्धन पर्वत की घाटी में पहुंच गए. वहां जाकर सब ग्वाल बालों ने अपनी पोटली में से रोटी निकाल कर खानी शुरू कर दी. भोजन के उपरान्त उन लोगों ने जंगल में जाकर लकडी इकट्टा कर एक मण्डप बनाना प्रारम्भ कर दिया. श्री कृष्ण ने पूछा कि किस देवता का महोत्सव है. 

इस पर ग्वालों ने उत्तर दिया कि आज ब्रज में बड़ा भारी उत्सव होने वाला है और घर-घर पकवान बन रहा है. कृष्ण ने पूछा कि क्या यह किसी प्रत्यक्ष देवता का उत्सव है जो स्वयं आकर इस पकवान को ग्रहण नहीं कर सकता. तुम लोगों के समान मूर्ख दूसरा नहीं है. इस पर ग्वालों ने उत्तर दिया कि वृत्रासुर के मारने वाले तथा समय पर वर्षा करने वाले भगवान इन्द्र की इस प्रकार निन्दा करना उचित नहीं है यह इन्द्रोज नामक यज्ञ है. जो मनुष्य श्रद्धा पूर्वक इस यज्ञ को करता है उसके देश में अतिवृष्टि और अनावृष्टि नहीं होती और प्रजा सुखपूर्वक रहती है.

श्री कृष्ण ने कहा यह गोवर्धन पर्वत की पूजा मथुरा और गोकुल के लोगों ने आज की है और हम लोगों का हितकर्ता भी यही है. इसलिए मैं गोवर्धन की पूजा करना ही अधिक उचित समझता हूं. कृष्ण की इस बात का सब ग्वालों ने समर्थन किया. फल-स्वरूप माता यशोदा जी की प्रेरणा से नन्द ने सब गोप-ग्वालों की एक सभा की ओर कृष्ण से पूछा कि परन्तु गोवर्धन की पूजा करने से क्या लाभ होगा इसको बतलाओ.

कृष्ण ने कहा कि कर्म के अनुसार ही सब कार्य होता है? इस संसार में रजोगुण से प्रेरित होकर मेघ वर्षा करते हैं. हम लोग गोप हैं. अतः हम लोगों की आजीविका का सम्बंध इस गोवर्धन पर्वत से ही है. अतः मेरी समझ में इसी की पूजा करना आवश्यक है. कृष्ण के इस वचन को सुन कर सब ग्वाले लोगों ने भगवान इन्द्र की पूजा को छोड़ कर गोवर्धन की पूजा करनी शुरू कर दी. श्री कृष्ण ने अपने दैविक रूप से पर्वत में प्रवेश किया और ब्रजवासियों के द्वारा चढ़ाये गये सब पदार्थों का भक्षण किया.

जिस समय ब्रजवासी लोग गोवर्धन की पूजा कर रहे थे उसी समय नारद जी कहीं से घूमते हुए पहुंचे. उन्होंने ब्रजवासियों से पूछा कि यह किस देवता को मनाया जा रहा है? गोवर्धन नाम सुनकर नारद जी इन्द्रलोक को चले गए और इन्द्र से सब समाचार कह सुनाया. यह सुनकर इन्द्र बहुत क्रोधित हुए तथा लगातार प्रलयकाल के सदृश - मूसलधार वृष्टि करने लगे. लगातार वृष्टि के कारण ब्रज की जनता व्याकुल हो गई. उन्होंने अपना दुःख को कृष्ण से कहा. तब उन्होंने अपनी कनिष्ठा पर गोवर्धन पर्वत को धारण कर लिया और सब ब्रजवासियों को उसी पर्वत के नीचे स्थान दिया. यह कौतूहल देखकर तथा ब्रह्मा के द्वारा श्रीकृष्ण की बात जानकर इन्द्र स्वयं आए और उनसे क्षमा प्रार्थना की. इस प्रकार गोवर्धन पूजा कर कृष्ण ने इन्द्र को गर्व को चूर कर दिया तभी से अन्नकूट के दिन गोवर्धन पूजा का प्रचार हुआ.

आज का प्रचलन:–

ब्रजमण्डल में खासकर गोवर्धन में अन्नकूट का त्योहार बड़े ठाट बाट से मनाया जाता है. उस दिन तरह तरह के पकवान तथा मिठाइयों का गोवर्धन को भोग लगाया जाता है. काशी में अन्नपूर्णा के मन्दिर में मिठाई और भात के पहाड़ बनाए जाते हैं तथा छप्पन प्रकार के पकवानों का भोग लगाया जाता है. इसी दिन अन्नपूर्णा का नाम सार्थक जान पड़ता है. परन्तु जिस उद्देश्य को लेकर यह अन्नकूट का उत्सव प्राचीन समय में होता रहा अब वह उद्देश्य बिल्कुल नहीं है. अब न तो इन्द्र की पूजा होती है और न गोवर्धन की. केवल मिठाई का गोवर्धन बनाकर उसके आकृति की नकल अवश्य होती है.

ये भी पढ़ें: दिवाली पर आतिशबाजी करना सही, पटाखों और आतिशबाजी का है हमारे प्राचीन ग्रंथो में वर्णन

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]

Dharma LIVE

ABP Shorts

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

India-Pakistan Relations: कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
Delhi Chief Secretary: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
Hardik Pandya Divorce: हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
Advertisement
metaverse

वीडियोज

PM Modi On ABP: स्वार्थी लोगों ने ब्रह्मोस का एक्सपोर्ट रोका-पीएम मोदी का बड़ा बयान | Loksabha PollsLoksabha Election 2024: मोदी की आध्यात्म यात्रा..'हैट्रिक' का सार छिपा ? | ABP NewsPM Modi On ABP: 2024 चुनाव के नतीजों से पहले पीएम मोदी का फाइनल इंटरव्यू | Loksabha ElectionPM Modi On ABP: पीएम मोदी से पहली बार जानिए- किस विपक्षी नेता के वे पैर छूते थे | Loksabha Election

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India-Pakistan Relations: कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
Delhi Chief Secretary: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
Hardik Pandya Divorce: हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
'जवान', 'पठान' या 'एनिमल' नहीं, इस फिल्म को 2023 में हुआ सबसे ज्यादा मुनाफा! यहां देखें टॉप 5 की लिस्ट
'जवान', 'पठान' या 'एनिमल' नहीं, इस फिल्म को 2023 में हुआ खूब मुनाफा!
वैक्सीन बनाने वालों को कम से कम कितनी सैलरी देता है सीरम इंस्टिट्यूट? रकम सुनकर उड़ जाएंगे होश
वैक्सीन बनाने वालों को कम से कम कितनी सैलरी देता है सीरम इंस्टिट्यूट? रकम सुनकर उड़ जाएंगे होश
शरीर में है B12 की कमी तो कुछ ऐसे दिखते हैं लक्षण, जानें एक सेहतमंद व्यक्ति में कितना होना चाहिए लेवल?
शरीर में है B12 की कमी तो कुछ ऐसे दिखते हैं लक्षण, जानें एक सेहतमंद व्यक्ति में कितना होना चाहिए लेवल?
टूरिज्म में आया उछाल, 119 देशों की सूची में 39वें स्थान पर आया भारत, क्या हैं इसके संकेत
टूरिज्म में आया उछाल, 119 देशों की सूची में 39वें स्थान पर आया भारत, क्या हैं इसके संकेत
Embed widget