हर साल कुत्तों के काटने से कितने लोगों की मौत हो जाती है? हैदराबाद में बच्चे को आवारा कुत्तों ने मारा
मेडिकल जर्नल लैंसेट में छपी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में हर साल 20 हज़ार लोग रेबीज के कारण मरते हैं. इनमें से ज्यादातर रेबीज के मामले कुत्तों के काटने से इंसानों तक पहुंचते हैं.
हैदराबाद का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि एक 4 साल के मासूम बच्चे को आवारा कुत्तों ने नोच नोच कर मौत के घाट उतार दिया. यह घटना दिल दहला देने वाली है. जिसने भी इस वीडियो को देखा, उसके रोंगटे खड़े हो गए. ये पहला मामला नहीं है, जब आवारा कुत्तों ने किसी बच्चे को अपना निशाना बनाया है.
देश भर में ऐसे कई मामले देखने को मिले हैं. कई बार तो पालतू कुत्तों ने भी इंसानों को निशाना बनाया है. लखनऊ वाला मामला किसे याद नहीं है, जब एक पिटबुल ने अपनी ही मालकिन को नोच नोच कर मार डाला था. आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे भारत समेत पूरी दुनिया में कुत्तों के कितने हमले हुए और इन हमलों में कितने लोगों ने अपनी जान गंवाई है.
भारत में कुत्तों के कुल कितने हमले हुए
भारत सरकार के स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय ने पिछले साल संसद में हुए एक सवाल का जवाब देते हुए बताया था कि 2019, 2020, 2021 और 2022 में देश में लोगों पर कुत्तों के कुल कितने हमले हुए हैं. इस जवाब के अनुसार, साल 2019 में 72 लाख 77 हजार 523 कुत्तों के हमले रिपोर्ट हुए, वहीं साल 2020 में कुल 46 लाख 33 हजार 493 कुत्तों के हमलों के मामले रिपोर्ट हुए, जबकि साल 2021 में कुल 1701133 कुत्तों के काटने के मामले रिपोर्ट हुए.
वहीं साल 2022, जुलाई तक भारतीय लोगों पर हुए कुत्तों के हमले की कुल संख्या स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, 14 लाख 50 हजार 666 थी. इन हमलों में कई लोगों ने अपनी जान भी गंवाई है. ये हमले आवारा और पालतू दोनों कुत्तों के हैं. इसके साथ ही इन हमलों के शिकार, बच्चे, बुजुर्ग और जवान तीनों हुए हैं.
क्या कहती है लैंसेट की रिपोर्ट
आवारा कुत्तों के काटने से आपको रेबीज नाम की बीमारी हो जाती है. ये बीमारी इतनी घातक होती है कि अगर समय पर इसका इलाज नहीं कराया गया तो मरीज की मौत भी हो सकती है. इसी पर साल 2018 में मेडिकल जर्नल लैंसेट ने एक रिपोर्ट छापी थी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में हर साल 20 हज़ार लोग रेबीज के कारण मरते हैं. इनमें से ज्यादातर रेबीज के मामले कुत्तों द्वारा इंसानों तक पहुंचे हैं.
ऐसा नहीं है कि हर कुत्ते के काटने से आपको रेबीज हो सकता है, लेकिन ज्यादातर आवारा कुत्तों के काटने से रेबीज का खतरा रहता है. वहीं साल 2014 में इंडियन जर्नल ऑफ प्लास्टिक सर्जरी नें एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि साल 2011-2012 में कुल 1 करोड़ 74 लाख कुत्तों के काटने के मामले देश में रिपोर्ट किए गए थे. इन हमलों के सबसे ज्यादा शिकार छोटे बच्चे और जवान थे.
पूरी दुनिया में कुत्तों के हमले
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट की मानें तो हर साल पूरी दुनिया में कुत्तों के हमलों की संख्या करोड़ों में है. जबकि कुत्तों के काटने से फैले रेबीज के कारण पूरी दुनिया में हर साल 55 हजार लोग मारे जाते हैं. अगर अमेरिका की बात करें तो सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की रिपोर्ट के अनुसार, यहां हर साल 35 लोग कुत्तों के काटने से मारे जाते हैं.
आपको जानकर हैरानी होगी कि पूरी दुनिया में कुत्तों के काटने से फैले रेबीज के कारण मरने वालों की संख्या में 95 फीसदी लोग अफ्रीका और एशिया से होते हैं. ये हम नहीं बल्कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट कहती है. इसी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विकासशील देशों में कुत्तों के काटने से इंसानों की मौत ज्यादा होती है, क्योंकि यहां मेडिकल फैसिलिटी विकसित देशों की तरह एडवांस और हाइटेक नहीं है.
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