Types Of Cells In Jail: जेलों में कितनी तरह के होते हैं सेल, सबसे खतरनाक सेल कौन-सा?
Types Of Cells In Jail: 26/11 हमले के आतंकी तहव्वुर राणा को भारत लाया जा चुका है. उसे अंडा सेल में रखा जाएगा. इसी क्रम में आपको बताते हैं कि भारत की जेलों में कितनी तरह के सेल होते हैं.

Types Of Cells In Jail: मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाया जा चुका है. यहां पर उसे तिहाड़ जेल की अंडा सेल में रखा जाएगा. भारत में जेलों में तिहाड़ जेल को सबसे हाई सिक्योरिटी जेलों में से एक माना जता है. इसमें अंडा सेल बहुत ही खतरनाक सेल मानी जाती है. इसमें किसी कैदी का रहना अपने आप में उम्रकैद की सजा से कम नहीं होता है. इस सेल की सजा को सबसे खतरनाक सजाओं में से एक माना जाता है. इसी के साथ जानते हैं कि भारत की जेलों में कितनी तरह के सेल होते हैं.
अंडा सेल
सबसे पहले इसी सेल की बात कर लेते हैं. यह जेल का सबसे सुरक्षित हिस्सा माना जाता है. इस सेल का आकार अंडे की तरह होता है, इसलिए इसे अंडा सेल कहते हैं. ऐसी सेल में आमतौर पर गंभीर अपराध वाले कैदियों को रखा जाता है. इनमें कैदियों को बिना बिजली के अंधेरे में रहना पड़ता है. सुविधाओं की बात करें तो सिर्फ उनको एक बिस्तर दिया जाता है और उनकी कोठरी के बाहर इलेक्ट्रिक फेंसिंग होती है. मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में इस तरह की नौ सेल बनी हैं. किसी कैदी को जेल के अंदर कड़ी सजा देने के लिए इस सेल का इस्तेमाल किया जाता है, इसमें खिड़कियां नहीं होती हैं.
सामान्य सेल
जेल की यह सेल सामान्य कैदियों के लिए होती है. इसमें एक से ज्यादा कैदी रहते हैं. हालांकि इसका आकार कैदियों की संख्या, सुविधा और कैदियों के व्यवहार पर निर्भर करता है. अगर कोई छोटे-मोटे जुर्म वाला कैदी होता है तो उसे इसी में रखा जाता है.
आइसोलेशन सेल
आइसोलेशन सेल नाम से ही स्पष्ट है कि यहां पर उन कैदियों को रखा जाता है, जो कि सामान्य से अलग होते हैं और उनको सामान्य कैदियों के साथ नहीं रख सकते हैं. यह जेल आमतौर से ऊपर से खुली हुई होती है, ताकि इसमें अच्छी रोशनी आ सके.
जेलों में सुरक्षा के स्तर भी अलग-अलग होते हैं जैसे कि न्यूनतम, निम्न, मध्यम, उच्च और प्रशासनिक. इन्हीं स्तरों के आधार पर कैदियों को अलग-अलग सेलों में रखा जाता है.
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