एक्सप्लोरर

India G-20 Presidency: जी-20 की बैठकों के बाद कहां तक पहुंचा भारत? दूसरी शेरपा बैठक से मिले ये बड़े संकेत

India G-20 Presidency: भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने इस अहम बैठक के बाद कहा था, "विकसित देशों के विकास की रफ्तार घटेगी, जबकि उभरते बाजार तेजी से आगे बढेंगे.

India G-20 Presidency: इंडोनेशिया के बाद भारत में जी-20 शिखर सम्मेलन होने जा रहा है, जिसमें दुनिया के तमाम बड़े देश हिस्सा ले रहे हैं. पिछले करीब एक महीने से अलग-अलग देशों के डेलीगेट्स भारत में जी-20 बैठकें कर रहे हैं. देश के अलग-अलग राज्यों में जी-20 की करीब 15 से ज्यादा बैठकें हो चुकी हैं. भारत जी-20 की अध्यक्षता को एक बड़े मौके की तरह देख रहा है, जिससे वो दुनियाभर के देशों को अपनी ताकत और विचारधारा से रूबरू करवाएगा. आज हम बात करेंगे कि कैसे पिछली कई बैठकों के बाद भारत ने दुनिया को अपनी सॉफ्ट पावर दिखाई है और आगे भारत के लिए ये समिट कितना अहम होने जा रहा है. 

भारत के लिए क्यों जरूरी है जी-20?
दरअसल जी-20 एक ऐसा वैश्विक संगठन है जिसमें दुनिया के तमाम देशों का प्रतिनिधित्व है. यानी भारत सीधे दुनिया के सामने खुलकर अपनी बात रख सकता है. भारत के सामने एक ऐसा मंच सज गया है, जिससे वो अपनी बात दुनिया तक आसानी से पहुंचा सकता है. साथ ही अलग-अलग मुद्दों पर दुनियाभर के देशों को एक ही मंच पर लाने का काम कर सकता है. इसके अलावा रूस और यूक्रेन जंग के बीच भारत शांति की पहल कर दुनिया के सामने एक बड़ा उदाहरण पेश भी कर सकता है.

इन मुद्दों पर है भारत का फोकस
जी-20 की अध्यक्षता मिलने के बाद भारत ने साफ कर दिया था कि किन बड़े मुद्दों पर उसका फोकस होगा. विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक महिला सशक्तिकरण, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, सर्कुलर इकोनॉमी, ग्लोबल फूड सिक्योरिटी, फाइट अगेन्स्ट इकोनॉमिक क्राइम, हेल्थ, एग्रीकल्चर, कल्चर, टूरिज्म, क्लाइमेट फाइनेंसिंग और मल्टीलेटरल रिफॉर्म्स जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी. इसमें भारत यूएनएससी के रिफॉर्म को लेकर भी बातचीत करेगा, जिसे काफी ज्यादा अहम माना जा रहा है. 

India G-20 Presidency: जी-20 की बैठकों के बाद कहां तक पहुंचा भारत? दूसरी शेरपा बैठक से मिले ये बड़े संकेत

जी-20 बैठकों का क्या हुआ असर?
पिछले करीब डेढ़ महीने से भारत में लगातार जी-20 की अलग-अलग बैठकें हो रही हैं. जिनमें भारत को बड़ी कामयाबी हाथ लगती नजर आ रही है. भारत के जी-20 शेरपा यानी प्रतिनिधि अमिताभ कांत ने इसके संकेत दिए हैं. उदयपुर के बाद केरल में शेरपाज (प्रतिनिधियों) की दूसरी बैठक हुई. इसके अलावा अलग-अलग वर्किंग ग्रुप्स की बैठकें हुई हैं. शेरपाज की दूसरी बैठक में जी-20 देशों के करीब 120 डेलीगेट्स ने हिस्सा लिया. इसके अलावा 9 ऐसे देश हैं, जिन्हें भारत की तरफ से न्योता दिया गया था. ये बैठक 30 मार्च से 2 अप्रैल तक चली. बताया जा रहा है कि बैठक में भारत की तरफ से रखे गए मुद्दों पर करीब 90 फीसदी से ज्यादा में सफलता मिलती दिख रही है. अब कर्नाटक के हंपी में शेरपाज की तीसरी बैठक होगी, जिसमें नेताओं के बयानों का मसौदा तैयार किया जाएगा. 

भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने इस अहम बैठक के बाद कहा था, "विकसित देशों के विकास की रफ्तार घटेगी, जबकि उभरते बाजार तेजी से आगे बढेंगे, इसलिए विकसित देशों से संसाधान विकासशील देशों में आने चाहिए, ताकि उभरते बाजारों में सुधार हो. दुनिया की चुनौतियां गिनाते हुए कांत ने कहा कि इसमें (चुनौतियों में) मंदी शामिल है जो विकास को प्रभावित करेगी, 75 देश वैश्विक ऋण के जाल में फंस जाएंगे, लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे, लाखों लोग गरीबी रेखा के नीचे आ जाएंगे. इसके लिए जी-20 की तरफ से जल्द से जल्द काम किए जाने की जरूरत है.  

कौन होते हैं शेरपाज?
शेरपा एक नेपाली समुदाय है, जो पर्वतारोहियों को काफी मदद करते हैं. नेपाली समुदाय के ये लोग पर्वतारोहण में दल की मदद करते हैं और उन्हें बर्फीले पहाड़ों पर चढ़ने का रास्ता बताते हैं. ठीक इसी तरह जी-20 में भी शेरपा होते हैं, ये किसी भी देश के प्रमुख यानी राष्ट्रपति या फिर प्रधानमंत्री के नियुक्त किए गए अधिकारी होते हैं. जैसे भारत की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमिताभ कांत को अपना शेरपा नियुक्त किया है. शेरपाज का काम सरकार की तरफ से तमाम मुद्दों को रखने और नेगोशिएट करने का होता है. 

India G-20 Presidency: जी-20 की बैठकों के बाद कहां तक पहुंचा भारत? दूसरी शेरपा बैठक से मिले ये बड़े संकेत

क्या है जी-20?
साल 1999 में सात देशों ने मिलकर जी-7 बनाया था, इसके बाद कहा गया कि इसमें पूरी दुनिया का प्रतिनिधित्व होना चाहिए. इसके लिए दुनिया के बाकी देशों को भी इससे जोड़ दिया गया. दुनिया के देशों को आर्थिक संकट से बचाने के लिए इस संगठन को बनाया गया था. 2008 की मंदी के बाद इस संगठन से जुड़े देश हर साल मिलने लगे. जी-20 में अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको, ब्राजील, अर्जेंटीना, यूके, जर्मनी, फ्रांस, इटली, साउथ अफ्रीका, तुर्किए, सऊदी अरब, भारत, चीन, रूस, जापान, इंडोनेशिया, साउथ कोरिया,ऑस्ट्रेलिया जैसे 19 देश शामिल हैं, इसके अलावा यूरोपियन यूनियन भी इसमें शामिल है. ये एक ऐसा संगठन है जिसमें किसी भी एक देश की अध्यक्षता स्थायी नहीं होती है. साथ ही इसका कोई मुख्यालय भी नहीं है. 

India G-20 Presidency: जी-20 की बैठकों के बाद कहां तक पहुंचा भारत? दूसरी शेरपा बैठक से मिले ये बड़े संकेत

हर साल इसकी मेजबानी अलग देश को दी जाती है. हर जी-20 समिट को पूरा करने में तीन देश मदद करते हैं, जिनमें पहला वो देश होता है जहां पिछले साल जी-20 समिट हुआ था, दूसरा वो देश होता है जहां जी-20 समिट होने जा रहा है और तीसरा वो होता है जहां अगले साल ये समिट होगा. इसे TROIKA कहा जाता है. यानी इस बार भारत में हो रहे जी-20 समिट में इंडोनेशिया (पिछला होस्ट), खुद भारत (मौजूदा होस्ट) और ब्राजील (अगला होस्ट) पूरा कामकाज संभाल रहे हैं. कुल मिलाकर जी-20 एक ऐसा मंच है जहां वर्ल्ड की सबसे बड़ी इकॉनोमी एक साथ होती हैं. 

ये भी पढ़ें - सिर दर्द से लेकर दिल के दर्द तक, महंगी हुईं ये जरूरी दवाएं, जानें कौन तय करता है कीमत?

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Neet Scam Case:  '30 लाख दो और पाओ NEET का पेपर', बिहार में 13 गिरफ्तार, बरामद हुए छह चेक
'30 लाख दो और पाओ NEET का पेपर', बिहार में 13 गिरफ्तार, बरामद हुए छह चेक
छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी के चलते स्कूलों में बढ़ाई गईं छुट्टियां, अब इस तारीख से खुलेंगे स्कूल
छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी के चलते स्कूलों में बढ़ाई गईं छुट्टियां, अब इस तारीख से खुलेंगे स्कूल
Father's Day 2024: फादर्स डे पर Sara की पिता Saif Ali Khan के साथ दिखी स्पेशल बॉन्डिंग, तस्वीरें शेयर कर बोलीं - ‘पार्टनर इन क्राइम’
फादर्स डे पर सारा की पिता सैफ अली खान के साथ दिखी स्पेशल बॉन्डिंग
'बाबर आजम को टी20 नहीं खेलना चाहिए, हमेशा टुक-टुक...', भारतीय दिग्गज ने लगाई लताड़
'बाबर आजम को टी20 नहीं खेलना चाहिए, हमेशा टुक-टुक...', भारतीय दिग्गज ने लगाई लताड़
Advertisement
metaverse

वीडियोज

Elon Musk के EVM पर बयान देते ही Akhilesh Yadav और Rahul Gandhi ने भी खड़े किए बड़े सवाल | Breakingनल में पानी नहीं..टैंकर की गारंटी नहीं! राजधानी में गहराया जल संकटNarendra Modi के इस फैसले के बाद Pakistan में मच गया था हड़कंपछात्रों के भविष्य से खिलवाड़, संदीप चौधरी को आया जोरदार गुस्सा

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Neet Scam Case:  '30 लाख दो और पाओ NEET का पेपर', बिहार में 13 गिरफ्तार, बरामद हुए छह चेक
'30 लाख दो और पाओ NEET का पेपर', बिहार में 13 गिरफ्तार, बरामद हुए छह चेक
छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी के चलते स्कूलों में बढ़ाई गईं छुट्टियां, अब इस तारीख से खुलेंगे स्कूल
छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी के चलते स्कूलों में बढ़ाई गईं छुट्टियां, अब इस तारीख से खुलेंगे स्कूल
Father's Day 2024: फादर्स डे पर Sara की पिता Saif Ali Khan के साथ दिखी स्पेशल बॉन्डिंग, तस्वीरें शेयर कर बोलीं - ‘पार्टनर इन क्राइम’
फादर्स डे पर सारा की पिता सैफ अली खान के साथ दिखी स्पेशल बॉन्डिंग
'बाबर आजम को टी20 नहीं खेलना चाहिए, हमेशा टुक-टुक...', भारतीय दिग्गज ने लगाई लताड़
'बाबर आजम को टी20 नहीं खेलना चाहिए, हमेशा टुक-टुक...', भारतीय दिग्गज ने लगाई लताड़
Nijjar Killing: कनाडा में हरदीप निज्जर की बरसी से पहले अलर्ट मोड में भारतीय दूतावास, विरोध-प्रदर्शन को लेकर बढ़ाई सुरक्षा
कनाडा में हरदीप निज्जर की बरसी से पहले अलर्ट मोड में भारतीय दूतावास, विरोध-प्रदर्शन को लेकर बढ़ाई सुरक्षा
रेलयात्रा में होगी आसानी, इस साल ट्रैक पर दौड़ सकती हैं 50 अमृत भारत ट्रेनें
रेलयात्रा में होगी आसानी, इस साल ट्रैक पर दौड़ सकती हैं 50 अमृत भारत ट्रेनें   
Apple लेकर आया अपनी नई मैसेजिंग सर्विस, बिना इंटरनेट के भेज सकेंगे फोटो और वीडियो
Apple लेकर आया अपनी नई मैसेजिंग सर्विस, बिना इंटरनेट के भेज सकेंगे फोटो और वीडियो
खाने के बाद सौंफ खाने के फायदे या नुकसान? जान लें जवाब
खाने के बाद सौंफ खाने के फायदे या नुकसान? जान लें जवाब
Embed widget