एक्सप्लोरर

अनुप्रभा दास मजूमदार ने जीती वजूद की लड़ाई, ट्रांसजेंडर आइडेंटिटी के साथ जारी हुआ आधार कार्ड

ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) बिल, 2019 आने से भेदभाव पर प्रतिबंध लगा. इसमें कहा गया कि किसी भी ट्रांसजेंडर को किसी भी तरह की सेवा नहीं देना या अनुचित व्यवहार करना अपराध है.

एक समाज के रूप में भारत में हमेशा लिंग जागरूकता का अभाव रहा है और यह न केवल समाज के सामान्य दृष्टिकोण की बात है बल्कि देश के कानून में भी थर्ड जेंडर के अधिकारों की कम ही बात हुई है. आम तौर पर ट्रांसजेंडर कहे जाने वाले लोगों की कहानी दर्द, दुख और पीड़ा की कहानी होती है. उनको हर रोज कई तरह के अपमान का सामना सिर्फ इसलिए करना पड़ता है क्योंकि वे कथित तौर पर समाज द्वारा स्वीकार किए गए "मानदंडों" के अनुरूप नहीं माने जाते हैं. उनमें से कईयों को शारीरिक और मानसिक हिंसा झेलनी पड़ती है. समाज उन्हें बहिष्कृत मानता है.

ऐसे समाज में जहां उन्हें हर रोज अपनी असली पहचान के कारण अपमान, पीड़ा सहनी पड़ती हो उसी समाज में जब सरकारी दस्तावेज उनके लैंगिक पहचान को स्वीकार करे तो ये एक बड़ी जीत जैसी लगती है. यही जीत पश्चिम बंगाल की ट्रांसजेंडर अनुप्रभा दास मजूमदार को मिली है. 

काफी संघर्ष के बाद भारत में सबसे महत्वपूर्ण पहचान दस्तावेज पर अपनी पसंद का जेंडर छपवाने की खुशी क्या है ये अनुप्रभा से बेहतर कोई नहीं जानता होगा. अनुप्रभा की ट्रांसजेंडर्स के हक़ के लिए लड़ाई ही है जिसकी वजह से आज आधार कार्ड वैरिफिकेशन लिस्ट में ट्रांसजेंडर आइडेंटिटी कार्ड एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बन गया है. यह कैसे संभव हुआ इसपर अनुप्रभा दास मजूमदार ने एबीपी न्यूज़ से बात की है.


अनुप्रभा दास मजूमदार ने जीती वजूद की लड़ाई, ट्रांसजेंडर आइडेंटिटी के साथ जारी हुआ आधार कार्ड

हम अनुप्रभा दास मजूमदार से सवाल पूछते उससे पहले ही उन्होंने उन तमाम रिपोर्ट्स को खारिज किया जिसमें ये कहा जा रहा था कि वो आधार कार्ड पर ट्रांसजेंडर टैग पाने वाली पहली शख्स हैं. उन्होंने कहा,'' मुझसे पहले भी कई ट्रांसजेंडर को आधार कार्ड मिला है. इसमें मेरी जो भागिदारी है वो ये है कि अब आधार कार्ड बनवाने के लिए जो वैलिड डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन की लिस्ट है उसमें ट्रांसजेंडर आइडेंटिटी कार्ड भी जोड़ दिया गया है. मैं मई -जून से इसी के लिए संघर्ष कर रही थी.''

अनुप्रभा दास मजूमदार कहती हैं,''  2020 से पहले अगर कोई ट्रांसजेंडर फोटो या आधार कार्ड में लिंग पहचान बदलवाना चाहता था तो उसे बहुत मुश्किलों से गुजरना पड़ता था. पहले 150 रुपये के कोर्ट पेपर पर एफिडेविट देना पड़ता था. इसके लिए वकील काफी पैसे मांगते थे. कभी-कभी ये 2 से तीन हजार रुपये होती थी. इसके बाद भी पेंच ये था कि एक स्टेट गजट होता है और दूसरा सेंट्रल. स्टेट गजट सिर्फ स्टेट में वैलिड होता है जबकि सेंट्रल गजट पूरे देश में. स्टेट गजट के लिए दो तरह के न्यूज़पेपर (स्थानीय और अंग्रेजी भाषा) में एड देना पड़ता था जबकि सेंट्रल गजट के लिए तीन तरह (रिजनल, इंग्लिश और हिन्दी) के न्यूज़ पेपर में एड देना पड़ता था. इसमें बहुत पैसे लगते थे. इसके बाद सेंट्रल गजट के लिए दिल्ली में हेड ऑफिस में अप्लाइ करना पड़ता था. कई बार इसमें जब पोस्ट से आवेदन भेजते थे तो रिजेक्ट हो जाया करता था.''

अनुप्रभा ने आगे कहा,'' साल 2019 में जब ट्रांस प्रोटेक्शन एक्ट आया तो स्थिति में काफी सुधार हुआ. इसमें कहा गया है कि ट्रांसजेंडर आइडेंटिटी कार्ड जो नेशनल ट्रांसजेंडर पोर्टल पर आवेदन करने पर मिलता है, वो एक ट्रांसजेंडर के लिए किसी भी डॉक्युमेंट में बदलाव करने के लिए एक प्रमाणिक दस्तावेज माना जाएगा .''

अनुप्रभा आधार कार्ड में ट्रांसजेंडर जुड़वाने के लिए किए गए अपने संघर्ष का जिक्र करते हुए कहती हैं,'' जब मैंने आस-पास पता किया कि कैसे आधार में जेंडर बदला जाए तो किसी को खास मालूम नहीं था, फिर मैंने वेस्ट बंगाल के UIDAI के डायरेक्टर से बात की. मैंने कहा कि आपकी जो आधार डॉक्युमेंट की वैरिफिकेशन की लिस्ट है उनमें ट्रांसजेंडर आइडेंटिटी कार्ड शामिल नहीं है. उन्होंने मुझसे इस मामले पर ईमेल करने को कहा और मैंने किया. बाद में एक जुलाई को उन्होंने बताया कि हमारे लिस्ट में ट्रांसजेंडर आइडेंटिटी कार्ड को शामिल कर लिया गया है. यहां मैं फिर क्लियर कर दूं कि मैं पहली ट्रांसजेंडर नहीं हूं जिसे आधार कार्ड मिला है. ये कोई पहले या दूसरे नंबर की लड़ाई नहीं..हम सब मिलकर लड़ रहे हैं. मेरा योगदान बस इतना है कि मैंने ट्रांसजेंडर आइडेंटिटी कार्ड को आधार के लिए प्रमाणिक दस्तावेजों की सूची में जुड़वाया है.''

एबीपी न्यूज़ ने जब उनसे पूछा कि किसी को भी उसके जेंडर से पहचाना जाना कितना महत्वपूर्ण है? तो उन्होंने कहा,'' बहुत महत्वपूर्ण है. मैं खुद को क्या मानती हूं और क्या महसूस करती हूं उसको स्वीकार किया जाए ये सबसे खुशी की बात है.''

ऐसे कौन-कौन से और अधिकार हैं जिसको लेकर आप आगे आवाज उठाना जारी रखेंगी? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा,'' सबसे जरूरी है कि ट्रांसजेंडर लोगों की जिंदगी में उनका हैरेसमेंट कम हो. एक सहज व्यवस्था उनके लिए भी बनाया जाए. मैने वोटर आईडी कार्ड के लिए अप्लाई किया था जो अभी तक नहीं मिला. मेरा पैन कार्ड के लिए किया गया आवेदन रिजेक्ट हो गया है और मुझे मेल आया है कि जेंडर इज नॉट मैच्ड...लोगों को अभी भी नहीं पता हमारे अधिकार के बारे में. उसको लेकर लोगों को अवेयर करना मेरा मकसद है. लोगों को समझना होगा कि हिजड़ा कोई जेंडर आइडेंटिटी नहीं है जबकि ट्रांसजेंडर है. हिजड़ा एक प्रोफेशन है जो बिल्कुल अलग हैं. हम बस यही चाहते हैं कि जो आम लोगों को अधिकार मिलते हैं वही हमें भी मिले और कुछ एक्स्ट्रा नहीं चाहिए.''

जानिए क्या है ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) बिल, 2019

साल 2019 में तत्कालीन सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण मंत्री थावरचंद गहलौत ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) बिल लोकसभा में पेश किया. 19 जुलाई, 2019 को लोकसभा में पेश किया गया ये बिल पांच अगस्त 2019 को लोकसभा में पास हुआ और 26 नवंबर 2019 को राज्यसभा में पास होते ही ट्रांसजेंडर्स के संरक्षण को लेकर कई कानून बन गए.

ट्रांसजेंडर व्यक्ति की परिभाषा तय हुई

बिल कहता है कि ट्रांसजेंडर व्यक्ति वह व्यक्ति है जिसका लिंग जन्म के समय नियत लिंग से मेल नहीं खाता. इसमें ट्रांसमेन (परा-पुरुष) और ट्रांस-विमेन (परा-स्त्री), इंटरसेक्स भिन्नताओं और जेंडर क्वीर आते हैं. इसमें सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान वाले व्यक्ति, जैसे किन्नर, हिंजड़ा, भी शामिल हैं. इंटरसेक्स भिन्नताओं वाले व्यक्तियों की परिभाषा में ऐसे लोग शामिल हैं जो जन्म के समय अपनी मुख्य यौन विशेषताओं, बाहरी जननांगों, क्रोमोसम्स या हारमोन्स में पुरुष या महिला शरीर के आदर्श मानकों से भिन्नता का प्रदर्शन करते हैं.

भेदभाव पर प्रतिबंध लगा

ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) बिल, 2019 आने से भेदभाव पर प्रतिबंध लगा. इसमें कहा गया कि किसी भी ट्रांसजेंडर को किसी भी तरह की सेवा नहीं देना या अनुचित व्यवहार करना अपराध है. उनको शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सेवा,सार्वजनिक स्तर पर उपलब्ध उत्पादों, सुविधाओं और अवसरों तक पहुंच और उसका उपभोग, किसी प्रॉपर्टी में निवास करने, उसे किराये पर लेने, सार्वजनिक या निजी पद को ग्रहण करने का अवसर प्राप्त हैं.

अपराध और दंड

बिल निम्नलिखित को अपराध के रूप में मान्य करता है: (i) ट्रांसजेंडर व्यक्तियों से भीख मंगवाना, बलपूर्वक या बंधुआ मजदूरी करवाना  (ii) उन्हें सार्वजनिक स्थान का प्रयोग करने से रोकना, (iii) उन्हें परिवार, गांव इत्यादि में निवास करने से रोकना, और (iv) उनका शारीरिक, यौन, मौखिक, भावनात्मक और आर्थिक उत्पीड़न करना. इन अपराधों के लिए सजा छह महीने और दो वर्ष के बीच की है और जुर्माना भी भरना पड़ सकता है.

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

ISI के निशाने पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, खतरे को देखते हुए सुरक्षा बढ़ाई, Z+ सिक्योरिटी मिली हुई
ISI के निशाने पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, खतरे को देखते हुए सुरक्षा बढ़ाई, Z+ सिक्योरिटी मिली हुई
लालू की संपत्ति को लेकर सम्राट चौधरी के बयान से सियासी बवाल, RJD बोली- 'कानून हाथ में लेने की...'
लालू की संपत्ति को लेकर सम्राट चौधरी के बयान से सियासी बवाल, RJD बोली- 'कानून हाथ में लेने की...'
'BJP के ऐतिहासिक प्रदर्शन को...', तिरुवनंतपुरम में फहराया भगवा तो शशि थरूर का आया पहला रिएक्शन, जानें क्या कहा?
'BJP के ऐतिहासिक प्रदर्शन को...', तिरुवनंतपुरम में फहराया भगवा तो शशि थरूर का आया पहला रिएक्शन, क्या कहा?
इन 6 फिल्मों के पहले पार्ट ने मचाया था बॉक्स ऑफिस पर गदर, 2025 में आए सीक्वल तो लग गया फ्लॉप का ठप्पा
इन 6 फिल्मों के पहले पार्ट ने मचाया था गदर, 2025 में आए सीक्वल तो लग गया फ्लॉप का ठप्पा

वीडियोज

West Bengal Elections: 'महिलाएं रसोई के औजारों के साथ तैयार रहें', जनता को क्यों भड़का रही ममता?
Trump Tariff: टैरिफ के चक्कर में अपने ही देश में घिरे ट्रंप, शुरू हुई बगावत! |ABPLIVE
UP BJP President Live Updates: यूपी का प्रदेश अध्यक्ष कौन? INSIDE STORY! | ABPLIVE
BJP State President: BJP में खुश की लहर... Pankaj Chaudhary होंगे BJP UP के नए सारथी
Delhi Weather: दिल्ली-NCR पर कोहरे का अटैक!आने वाले दिनों में क्या होगा हाल? |ABPLIVE

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
ISI के निशाने पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, खतरे को देखते हुए सुरक्षा बढ़ाई, Z+ सिक्योरिटी मिली हुई
ISI के निशाने पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, खतरे को देखते हुए सुरक्षा बढ़ाई, Z+ सिक्योरिटी मिली हुई
लालू की संपत्ति को लेकर सम्राट चौधरी के बयान से सियासी बवाल, RJD बोली- 'कानून हाथ में लेने की...'
लालू की संपत्ति को लेकर सम्राट चौधरी के बयान से सियासी बवाल, RJD बोली- 'कानून हाथ में लेने की...'
'BJP के ऐतिहासिक प्रदर्शन को...', तिरुवनंतपुरम में फहराया भगवा तो शशि थरूर का आया पहला रिएक्शन, जानें क्या कहा?
'BJP के ऐतिहासिक प्रदर्शन को...', तिरुवनंतपुरम में फहराया भगवा तो शशि थरूर का आया पहला रिएक्शन, क्या कहा?
इन 6 फिल्मों के पहले पार्ट ने मचाया था बॉक्स ऑफिस पर गदर, 2025 में आए सीक्वल तो लग गया फ्लॉप का ठप्पा
इन 6 फिल्मों के पहले पार्ट ने मचाया था गदर, 2025 में आए सीक्वल तो लग गया फ्लॉप का ठप्पा
IPL 2026 की नीलामी में सबसे कम और सबसे ज्यादा उम्र का खिलाड़ी कौन? जानें कितना है दोनों का बेस प्राइस
IPL 2026 की नीलामी में सबसे कम और सबसे ज्यादा उम्र का खिलाड़ी कौन? जानें कितना है दोनों का बेस प्राइस
बिहार कैबिनेट के नए विभागों का हुआ बंटवारा, CM नीतीश कुमार के पास सिविल विमानन की जिम्मेदारी
बिहार कैबिनेट के नए विभागों का हुआ बंटवारा, CM नीतीश कुमार के पास सिविल विमानन की जिम्मेदारी
Video: 'हमें मामू बना रहे हैं' बर्फ देखने आए पर्यटकों के लिए यूरोप में पहाड़ों पर बिछा दी सफेद चादर- वीडियो वायरल
'हमें मामू बना रहे हैं' बर्फ देखने आए पर्यटकों के लिए यूरोप में पहाड़ों पर बिछा दी सफेद चादर- वीडियो वायरल
फैलोपिएन ट्यूब में कैसे ठहर जाता है भ्रूण, इससे मां की जान को कितना खतरा?
फैलोपिएन ट्यूब में कैसे ठहर जाता है भ्रूण, इससे मां की जान को कितना खतरा?
Embed widget