Pakistan Debt: कंगाल पाकिस्तान पर फिर पड़ी मुसीबत, जुलाई में ही चुकाने होंगे अरबों डॉलर का कर्ज
Pakistan Economic Crisis: जुलाई के अंत तक पाकिस्तान को कुल 2.44 बिलियन डॉलर का कर्ज अलग-अलग देशों और बैंकों को लौटाना है. ऐसे में देश के ऊपर दिवालिया होने का खतरा बढ़ गया है.
Pakistan Economic Crisis: अपने 75 साल के इतिहास में पाकिस्तान सबसे बुरे आर्थिक हालात से गुजर रहा है. देश के पास विदेशी मुद्रा भंडार (Pakistan Forex Reserves) की लगातार बनी हुई है. ऐसे में वह दुनिया के अलग-अलग देशों जैसे चीन, सऊदी अरब आदि से भारी कर्ज ले चुका है. अब पाकिस्तान को पुराने लिए गए कर्ज का भुगतान करना है. द न्यूज इंटरनेशनल में छपी रिपोर्ट के अनुसार जुलाई के अंत तक पाकिस्तान को कुल 2.44 बिलियन डॉलर का कर्ज चुका है, जिसके लिए उसके पास विदेशी मुद्रा नहीं है. इस 2.44 बिलियन डॉलर में से चीन को 2.07 बिलियन डॉलर और सऊदी अरब को 195 मिलियन डॉलर का भुगतान करना है.
चीन और सऊदी असर के कर्ज को कैसे चुकाएगा पाकिस्तान
गौरतलब है कि पाकिस्तान को चीन को 1 बिलियन डॉलर की सुरक्षित जमा राशि भी लौटानी है. ऐसे में पाकिस्तान को चीन को कुल 3 बिलियन डॉलर कर्ज जुलाई लौटाना है. इस कर्ज के भुगतान की डेट को आगे बढ़ाने के लिए पाकिस्तान और चीन आपस में बात कर रहे हैं. इस रिपोर्ट में यह भी जानकारी दी गई है कि इन सभी राशि के अलावा पाकिस्तान को चीन को 4 मिलियन डॉलर की जुर्माना राशि भी देनी होगी. इसके अलावा उसे यूरो बॉन्ड के लिए भी 40 मिलियन डॉलर का कर्ज लेना होगा. इसके अलावा पाकिस्तान को फ्रांस को भी 2.85 मिलियन डॉलर और जापान को 4.57 मिलियन डॉलर का कर्ज चुकाना है.
IMF को भी करना है भुगतान
अलग-अलग देशों के अलावा पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) को लोन की अगली किस्त चुकानी है. इसमें 189.67 मिलियन डॉलर की बकाया राशि वापस करना है. इसमें से कुल 165.02 मिलियन डॉलर मूल राशि है और 24.65 मिलियन डॉलर इसमें ब्याज शामिल है. इसके अलावा देश पर जुलाई के महीने में एशियाई बैंक, वर्ल्ड बैंक जैसी कई अंतरराष्ट्रीय बैंकों को कुल 149.41 मिलियन डॉलर का कर्ज देय है.
क्या दिवालिया हो जाएगा मुल्क?
ध्यान देने वाली बात ये है कि पाकिस्तान के लिए यह बड़ी चुनौती है कि वह कैसे इन सभी कर्ज को चुकाएगा क्योंकि देश के पास विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी है. ऐसे में शहबाज शरीफ सरकार अलग-अलग देशों से बातचीत करके लोन पेमेंट की तारीख को आगे बढ़ाने की प्रयास कर रही है. इसके साथ ही वह चीन के साथ ही पाकिस्तान अपने कर्ज को एक बार फिर रिस्ट्रक्चर करने की कोशिश करने में लगा हुआ है. ऐसे में यह दिलचस्प होगी कि आगे आने वाले दिनों में पाकिस्तान अपने कर्ज को कैसे चुकाएगा या फिर दिवालिया हो जाएगा.
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