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Income Tax: 10 लाख से 20 लाख की आय पर क्या है टैक्स की नई और पुरानी दरें, जानें यहां
भारत में हर आय पर सरकार को कर का भुगतान किया जाता है. हालांकि कम आय वालों को सरकार ने टैक्स में छूट भी दी है. वहीं जिन लोगों की आय कर योग्य है और वे डिडक्शन और टैक्स पर छूट का लाभ पाना चाहते हैं उन्हें इनकम टैक्स के पुराने विकल्प को ही चुनना चाहिए. आइए जानते हैं 10 लाख से 20 लाख की सैलरी पर नए और पुराने सिस्टम में कितना टैक्स चुकाना पड़ेगा.
![Income Tax: 10 लाख से 20 लाख की आय पर क्या है टैक्स की नई और पुरानी दरें, जानें यहां What is the new and old tax rates on income of 10 lakh to 20 lakh, know here Income Tax: 10 लाख से 20 लाख की आय पर क्या है टैक्स की नई और पुरानी दरें, जानें यहां](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/07/16172256/TAX-NEW-1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
मोदी सरकार द्वारा करदातों को आयकर टैक्स के दो स्लैब ऑप्शन दिए गए हैं. नया वाला स्लैब और पुराना वाला स्लैब. गौरतलब है कि नए ऑप्शन में टैक्स रेट कम हैं, लेकिन इसमें करदाताओं को तमाम छूट से वंचित ही रखा गया है. जो करदाता डिडक्शन और टैक्स पर छूट का लाभ पाना चाहते हैं उन्हें टैक्स के पुराने विकल्प को ही चुनना चाहिए. आइए जानते हैं 10 लाख से 20 लाख तक की सैलरी पर नए और पुराने सिस्टम में कितना टैक्स चुकाना पड़ेगा.
7.5 से 10 लाख तक की इनकम पर 15 फीसदी टैक्स
बता दें कि अगर किसी की सैलरी या इनकम 2.5 लाख रुपये है तो इसे सरकार द्वारा कर मुक्त रखा गया है. यह पुराने और नए दोनों सिस्टम में एक समान है. वहीं 2.5 लाख रुपये से 5 लाख तक की आय पर पहले की तरह की 5 फीसदी टैक्स लगाया गया है. वहीं जिन लोगों की आय 5 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये तक है उन पर 10 फीसदी टैक्स लगाया गया है. जिनकी इनकम 7.5 लाख से 10 लाख रुपये तक है उन्हें 15 फीसदी टैक्स चुकाना होगा.
15 लाख से ज्यादा कमाई पर 30 फीसदी है टैक्स
वे लोग जो सालाना 10 लाख से 12.5 लाख रुपये कमाते हैं उन्हें 20 फीसदी टैक्स चुकाना होगा. 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये की इनकम पर सरकार द्वारा 25 फीसदी टैक्स लगाया गया है और जिनकी आय 15 लाख रुपये से ज्यादा है उन पर 30 फीसदी टैक्स लगाया गया है.
इनकम टैक्स की नई और पुरानी दरें
इनकम (रुपये) नई दर पुरनी दर
2.5 लाख रुपये तक कोई कर नहीं कोई कर नहीं
2.5 लाख - 5 लाख तक 5 फीसदी 5 फीसदी
5 लाख – 7.5 लाख 10 फीसदी 20 फीसदी
7.5 लाख- 10 लाख 15 फीसदी 20 फीसदी
10 लाख – 12.5 लाख 20 फीसदी 30 फीसदी
12.5 लाख – 15 लाख 25 फीसदी 30 फीसदी
15 लाख से ऊपर 30 फीसदी 30 फीसदी
बजट में क्या है डिमांड?
लोगों की हमेशा यहीं मांग रही है कि टैक्स कम से कम हो. इस बार के बजट में भी लोगों की यही मांग है.
क्या होता है इनकम टैक्स? आपकी सालाना आय पर केंद्र सरकार जो कर वसूल करती है, उसे इनकम टैक्स कहते हैं. इसे हिंदी में आयकर लिखा और कहा जाता है. यह हर व्यक्ति की आय के अनुसार अलग-अलग दर से वसूल की जाती है. यही इनकम टैक्स व्यावसायिक संस्थाओं पर कॉरपोरेट टैक्स के रूप में वसूला जाता है.
कैसे करें आयकर की गणना गौरतलब है कि इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80 सी से 80 यू के मुताबिक किए गए निवेश की रकम को जोड़ ले. इसके बाद टैक्स छूट की बेसिक सीमा वाली रकम को उसमें जोड़ दें. इसके बाद कुल आमदनी में से इस रकम को घटा दें. इसके बाद जितनी राशि बचती है उस पर लागू वर्तमान टैक्स स्लैब के हिसाब से आपको आयकर चुकाना पड़ता है.
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