एक्सप्लोरर

BLOG: बच्चों के शोषण के मामलों में तो गहरी नींद से जागिए

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक देश में हर साल 30 हजार मामले बाल यौन शोषण के दर्ज होते हैं. यह विश्व में किसी भी देश से ज्यादा है. ऐसा नहीं है कि देश में बाल यौन शोषण के मामले में कड़ी सजा का प्रावधान नहीं है. इसके बावजूद देश में इस तरह का अपराध कम नहीं हो रहा है. इसी मसले पर पढ़िए आज का ब्लॉग.

तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने राज्यसभा में पॉक्सो एक्ट में संशोधन पर बहस के दौरान एक डरावना अनुभव साझा किया था. उन्होंने कहा था कि 13 साल की उम्र में वह यौन शोषण के शिकार हुए थे. कोलकाता में भीड़ भरी एक बस में उसके साथ यौन दुर्व्यवहार किया गया था. इसके बाद उन्होंने चुप्पी साध ली थी. कई साल बाद अपने माता-पिता को सही जानकारी दी थी. जाहिर सी बात है, उनका अपराधी आजाद घूमता रहा. ऐसा अक्सर होता है. अक्सर यह भी होता है कि शिकायत दर्ज कराने के बावजूद सुनवाई नहीं होती. मामला सालों तक अदालत में लंबित रहता है. अब सुप्रीम कोर्ट हरकत में आया है. उसने हाल ही में यह आदेश दिया है कि जिन जिलों में पॉक्सो कानून के तहत 100 या उससे अधिक मुकदमे लंबित हैं, वहां विशेष पॉक्सो अदालतों का गठन किया जाएगा. पॉक्सो कानून क्या है... 2012 का पॉक्सो कानून यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने वाले अधिनियम का संक्षिप्त नाम है.

पॉक्सो कानून के तहत बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न तथा पोर्नोग्राफी जैसे जघन्य अपराधों को प्रतिबंधित किया गया है. फिलहाल सरकार इस कानून को और कड़ा करने को कोशिश कर रही है. राज्यसभा में इस सिलसिले में संशोधन विधेयक लाया गया है. इस विधेयक को मंजूरी मिल जाती है तो बच्चों के साथ यौन दुर्व्यवहार करने वालों को और कड़ी सजा दी जाएगी. यह सजा 20 साल से लेकर फांसी तक है. अगर गंभीर यौन हमला करने वाला शख्स बच्चे का रिलेटिव है या हमले के बाद बच्ची गर्भवती हो जाती है तो सजा और कड़ी कर दी गई है. यह विधेयक चाइल्ड पोर्नोग्राफी की परिभाषा भी पेश करता है. इसमें फोटो, वीडियो, डिजिटल या कंप्यूटर जनित ऐसी सभी आकृतियां शामिल हैं जो बच्चे जैसी लगती हो. ऐसी सामग्री को स्टोर नहीं किया जा सकता. ऐसा करने पर तीन से पांच साल तक की सख्त सजा है. बाल यौन शोषण दुनिया में हर देश की सच्चाई है. चूंकि बच्चों को शिकार बनाना सबसे आसान होता है. अपना शिकार मासूम हो तो अन्याय का प्रतिकार नहीं कर सकता. हमारे देश में विश्व में बाल यौन शोषण के सबसे ज्यादा मामले होते हैं.

आंकड़े कहते हैं कि हर 155 मिनट में 16 साल से कम उम्र के बच्चों का बलात्कार होता है. यौन उत्पीड़न के शिकार बच्चों के माता-पिता शर्म के मारे किसी को इसकी जानकारी नहीं देते. फिर भी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े कहते हैं कि हर साल पॉक्सो के तहत बाल यौन शोषण के लगभग 30,000 मामले दर्ज होते हैं. 2016 में बलात्कार के कुल 39,068 मामलों में 21% मामले 16 वर्ष से कम उम्र की नाबालिग लड़कियों से संबंधित थे. लेकिन उनके निपटारे की दर सिर्फ 24% के करीब है. इस समय पॉक्सो के तहत डेढ़ लाख से भी ज्यादा मामले 670 अदालतों में लंबित हैं, यानी हर अदालत में औसत 224 मामले लंबित हैं. पॉक्सो के लिए विशेष अदालत बनने से निपटारे की रफ्तार बढ़ सकती है. अदालत ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोर्टरूम्स को चाइल्ड फ्रेंडली बनाया जाए जिससे बच्चों को अपनी बात बिना घबराए कहने का मौका मिले.

इससे पहले सरकार 2018 में आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम बना चुकी है. इसमें 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के रेप में फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है. साथ ही महिलाओं से बलात्कार की स्थिति में न्यूनतम सजा सात साल से 10 साल सश्रम कारावास की गई है जिसे अपराध की प्रवृत्ति को देखते हुए उम्रकैद तक भी बढ़ाया जा सकता है. 16 साल से कम उम्र की लड़कियों के बलात्कार की स्थिति में न्यूनतम सजा 10 साल से बढ़ाकर 20 साल की गई और अपराध की प्रवृत्ति के आधार पर इसे बढ़ाकर जीवनपर्यंत कारावास की सजा भी किया जा सकता है. वैसे यह भी कहा जाता है कि सिर्फ कानून बना देने से सरकार का काम खत्म नहीं हो जाता. रेप जैसे मामलों में सिर्फ कड़ी सजा अपराध को नहीं रोकती. कुछ यह भी कहते हैं कि कड़ी सजा से लोग डरते जरूर हैं. इसाक एहरलिच जैसे अमेरिकी इकोनॉमिस्ट का कहना है कि मौत की सजा देने से लोगों में अपराध करने की प्रवृत्ति कम होती है. एहरलिच ने मृत्यु दंड और अपराध के निवारण पर काफी काम किया है. एटलांटा के एमोरी विश्वविद्यालय में कानून की प्राध्यापिका जोआना एम. शेफर्ड का कहना है कि फांसी देने से क्राइम ऑफ पैशन यानी प्रेम के कारण होने वाली हत्याओं में कमी आती है. लेकिन ऐसा तभी होता है जब सजा सुनाने और फांसी देने के बीच की अवधि कम होती है.

मतलब कुछ किस्म के हिंसक व्यवहार पर ही फांसी की सजा का असर होता है. दिलचस्प यह है कि इस तरह के अध्ययन अपने यहां की सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के आधार पर नहीं किए गए हैं. न ही भारत में बलात्कार की समस्या को समझने के लिए कोई अध्ययन किया है. यूं विदेशों में भी ऐसा कोई अध्ययन नहीं किया गया कि मृत्युदंड से बलात्कार की घटनाओं में कोई कमी आई है या बलात्कार का पूरी तरह खात्मा हो गया है. अब सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे मामलों को जल्द से जल्द निपटाने की पहल की है. अदालतों में विलंब के भी कई कारण हैं. फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं में ढेरों-ढेर फाइलें फंसी रहती हैं. प्रशासन उदासीन बना रहता है. कहते हैं, जस्टिस डीलेड इज जस्टिस डिनाइड. अर्थात अगर पीड़ित को समय पर न्याय न मिले तो मामला अपना महत्व खो देता है और यह मानवाधिकार का उल्लंघन है. इसीलिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत है लेकिन प्रशासन की जिम्मेदारी से भी इनकार नहीं किया जा सकता.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

पति के जेल से बाहर आने से पहले क्या करेंगी सुनीता केजरीवाल! CM को लाने कौन-कौन जाएगा तिहाड़, जानें
पति के जेल से बाहर आने से पहले क्या करेंगी सुनीता केजरीवाल! CM को लाने कौन-कौन जाएगा तिहाड़, जानें
आंधी-तूफान संग पूर्वी यूपी, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड समेत उत्तर भारत में आ रहा मानसून! 72 घंटों का काउंटडाउन शुरू
आंधी-तूफान संग पूर्वी यूपी, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड समेत उत्तर भारत में आ रहा मानसून! 72 घंटों का काउंटडाउन शुरू
Arvind Kejriwal Bail Live: आज बेल ऑर्डर पहुंचेगा तिहाड़ जेल, CM अरविंद केजरीवाल आएंगे बाहर, पत्नी सुनीत केजरीवाल करेंगी ये काम
आज बेल ऑर्डर पहुंचेगा तिहाड़ जेल, CM केजरीवाल आएंगे बाहर, सुनीत केजरीवाल करेंगी ये काम
Pakistan Privatization: पाकिस्तान में सबकुछ होगा प्राइवेट, सरकार बेच देगी सभी कंपनियां, मीडिया में मचा बवाल
पाकिस्तान में सबकुछ होगा प्राइवेट, सरकार बेच देगी सभी कंपनियां, मीडिया में मचा बवाल
metaverse

वीडियोज

NEET-NET Paper Leak: नेट हो या नीट..छात्रों की मांग पेपर लीक ना हो रिपीट | ABP NewsArvind Kejriwal Gets Bail: अरविंद केजरीवाल को मिली बेल, राउज एवेन्यू कोर्ट ने दी जमानत | BreakingSuspense: Assam में फिर से बारिश से हाहाकार..दांव पर लगी 2 लाख जिंदगियां | ABP NewsHeatwave Alert: श्मशान में लाशों की कतार..कोरोना के बाद गर्मी से हो रही इतनी मौतें | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
पति के जेल से बाहर आने से पहले क्या करेंगी सुनीता केजरीवाल! CM को लाने कौन-कौन जाएगा तिहाड़, जानें
पति के जेल से बाहर आने से पहले क्या करेंगी सुनीता केजरीवाल! CM को लाने कौन-कौन जाएगा तिहाड़, जानें
आंधी-तूफान संग पूर्वी यूपी, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड समेत उत्तर भारत में आ रहा मानसून! 72 घंटों का काउंटडाउन शुरू
आंधी-तूफान संग पूर्वी यूपी, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड समेत उत्तर भारत में आ रहा मानसून! 72 घंटों का काउंटडाउन शुरू
Arvind Kejriwal Bail Live: आज बेल ऑर्डर पहुंचेगा तिहाड़ जेल, CM अरविंद केजरीवाल आएंगे बाहर, पत्नी सुनीत केजरीवाल करेंगी ये काम
आज बेल ऑर्डर पहुंचेगा तिहाड़ जेल, CM केजरीवाल आएंगे बाहर, सुनीत केजरीवाल करेंगी ये काम
Pakistan Privatization: पाकिस्तान में सबकुछ होगा प्राइवेट, सरकार बेच देगी सभी कंपनियां, मीडिया में मचा बवाल
पाकिस्तान में सबकुछ होगा प्राइवेट, सरकार बेच देगी सभी कंपनियां, मीडिया में मचा बवाल
International Yoga Day 2024: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर बाबा रामदेव की योगा क्लास, आप भी सीखें निरोगी रहने के आसन
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर बाबा रामदेव की योगा क्लास, आप भी सीखें निरोगी रहने के आसन
Monsoon in India: हीटवेव का कहर या बारिश देगी राहत? अगले 5 दिनों कैसा रहेगा मौसम, पढ़ें IMD का ताजा अपडेट
हीटवेव का कहर या बारिश देगी राहत? अगले 5 दिनों कैसा रहेगा मौसम, पढ़ें IMD का ताजा अपडेट
International Yoga Day 2024: 'योग करो या नौकरी से हाथ धो! J&K में प्रेग्नेंट कर्मचारियों को यूं डराया गया- महबूबा मुफ्ती का बड़ा आरोप
'योग करो या नौकरी से हाथ धो! J&K में प्रेग्नेंट कर्मचारियों को यूं डराया गया- महबूबा मुफ्ती का बड़ा आरोप
बरसात के टाइम पर कर लेंगे इन फसलों की खेती तो हो जाएंगे मालामाल, तेजी से बढ़ेंगी ये सब्जियां
बरसात के टाइम पर कर लेंगे इन फसलों की खेती तो हो जाएंगे मालामाल, तेजी से बढ़ेंगी ये सब्जियां
Embed widget