Pathaan Controversy: शाहरुख खान की फिल्म 'पठान' पर विवाद को लेकर आई राकेश टिकैत की प्रतिक्रिया, जानें- क्या कहा?
Rakesh Tikait News: राकेश टिकैत ने पठान विवाद पर कहा कि सरकार ये सब लोगों को उलझाने के लिए कर रही है. रंग में उलझा कर रखेगी लेकिन गन्ने की बात नहीं करेगी.
Rakesh Tikait on Film Pathaan Controversy: देशभर में शाहरुख खान की फिल्म 'पठान' (Pathaan) को लेकर हो रहे विवाद के बीच अब भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का भी बयान सामने आया है. मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में राकेश टिकैत ने कहा कि ये भगवा रंग पर उलझाएंगे लेकिन गन्ने पर कुछ नहीं बोलेंगे. दरअसल टिकैत बुधवार को बीकेयू (BKU) के बैनर तले चल रहे ग्रामीणों के धरना में शामिल हुए थे. ये धरना मुजफ्फरनगर में पानीपत-खटीमा राजमार्ग (Panipat Khatima Highway) और सिखेड़ा थाना क्षेत्र स्थित हाईवे पर अंडर पास व सड़क की ऊंचाई को लेकर किया जा रहा है. किसान यहां 20 दिनों से बैठे हैं.
राकेश टिकैत से जब शाहरुख खान की फिल्म पठान और भगवा को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि 'भगवा रंग समाज का रंग है. यह उज्ज्वलता का प्रतीक है, यह सूर्य का रंग है, यह समाज का रंग है, ये ना इनका है और ना उनका. इस पर कब्जा नहीं होने देना है. इस रंग पर कौन सा बीजेपी की मेंबरशिप थी. क्यों इसका जनता से विरोध करवा रहे हो. भारत सरकार भी बीजेपी की है तो इस पर बैन लगवा दो. ये उलझाएंगे कहीं, ये भगवे में उलझाएंगे लेकिन गन्ने पर कुछ नहीं बोलते. लोगों को दूसरी जगह उलझाएंगे. इनके चक्कर में मत आओ अपने आंदोलन पर ध्यान दो. बगैर आंदोलन के ये देश बचने वाला नहीं है.
राकेश टिकैत ने फिर साधा निशाना
राकेश टिकैत ने कहा कि खतौली उपचुनाव में जो हुआ है ये ईमानदारी से हुआ है, लेकिन आगे ये बेइमानी करेंगे. जिनको चुनाव लड़ना है वो आगे चौकस रहें. ये ठग हैं, ये बेईमानी करेंगे कि जनता तो शांत रह जाती है और तुम अपना बेईमानी कर लो. इन्होंने पूरा देश बर्बाद कर दिया है. अपने काम धंधे पर ध्यान करो, ना भगवा रंग इनका है. यह भगवा रंग समाज का है. इस पर इनका कब्जा होने देना नहीं है. हम भगवा ही पहनेंगे.
राकेश टिकैत से जब किसानों के धरना प्रदर्शन को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी तो शुरुआत हुई है. एक-दो महीने आंदोलन तो चलने दो. उन्होंने कहा कि सिखेड़ा में ठीक जगह आ गए. बढ़िया सड़क है बढ़िया ठंड भी हो रही है ठीक जुड़ गया अखाड़ा यहां से नजदीक है. सब का समाधान यहीं से हो जाएगा. अभी ट्रॉली लगने दो, 20 दिन कोई ज्यादा नहीं हैं. दिल्ली में 13 महीने रहे, यहां तो शुरुआत हुई है. एमएसपी पर पूरे देश का किसान दुखी है.
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