UP Politics: क्या अब हार की तीखी याद को भूल जाएंगे राम गोपाल यादव? भाई शिवपाल का ये कदम बनेगा वजह
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के महासचिव राम गोपाल यादव (Ram Gopal Yadav), शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) के एक कदम से हार की पुरानी टीस को भूल जाएंगे.

UP By-Election 2022: मैनपुरी उपचुनाव (Mainpuri By-Election) से पहले यादव कुनबे के एकजुट होने की चर्चा जोरों पर है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की पत्नी डिंपल यादव (Dimple Yadav) के चुनाव लड़ने के बाद शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) परिवार के साथ नजर आ रहे हैं. लेकिन राम गोपाल यादव (Ram Gopal Yadav) के बयान और शिवपाल यादव के बीते आए एक वीडियो फुटेज ने नई राजनीतिक चर्चाओं को छेड़ दिया है.
सपा महासचिव राम गोपाल यादव ने बीते दिनों एक बयान दिया था. जिसमें उन्होंने कहा था, "2019 में हराने के लिए शिवपाल यादव मेरे बेटे के खिलाफ फिरोजाबाद से लड़े थे. इस बार परिवार के साथ हैं." दरअसल, राम गोपाल सिंह यादव 2019 के लोकसभा चुनाव की बात कर रहे थे. तब फिरोजाबाद से सपा ने अक्षय यादव को अपना उम्मीदवार बनाया था. जबकि बीजेपी से चंद्रसेन जादौन चुनाव लड़ रहे थे और उन्होंने जीत भी दर्ज की.
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हार की वजह
चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार ने अक्षय यादव को करीब 28 हजार वोटों से हराया था. जबकि शिवपाल यादव को 91,869 वोट मिले थे. अब राम गोपाल यादव के बयान पर गौर करेंगे तो स्पष्ट होता है कि वे शिवपाल यादव को अक्षय यादव की हार के लिए खास वजह मानते हैं. जबकि अक्षय यादव राम गोपाल यादव के पुत्र हैं. ऐसे में उनकी हार की टीस राम गोपाल यादव के बयान में नजर आ रही है.
लेकिन अब नेताजी के जयंती दिवस कार्यक्रम के दौरान सैफई में पूरा यादव कुनबा पहुंचा था. इस दौरान शिवपाल सिंह यादव का एक वीडियो सामने आया. शिवपाल सिंह यादव जब सैफई में कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे तो उन्होंने पहले कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. इस दौरान कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा करते हुए प्रसपा प्रमुख आगे बढ़े, जिसके बाद वे सपा महासचिव राम गोपाल यादव के पास पहुंच गए. जहां उन्होंने राम गोपाल यादव के पूर छुकर आशीर्वाद लिया. ऐसे में क्या अब भाई शिवपाल सिंह यादव इस कदम से सपा महासचिव हार की तीखी याद को भूल जाएंगे?
Source: IOCL






















