UP Election 2022: चुनाव से पहले दो किसानों में लगी थी अनोखी शर्त, दांव पर थी चार बीघा जमीन, जानें अब क्या हुआ ?
Budaun. यूपी के बदायूं में दो BJP और सपा समर्थक किसानों ने शर्त लगाई थी कि अगर चुनाव BJP जीती तो एक किसान दूसरे किसान की 4 बीघा जमीन सालभर को अपने पास रखेगा, जबकि अगर सपा जीती तो इसके उलट होगा.
UP News: मतदान होने के बाद गांवों की चौपालों पर पार्टियों की हार-जीत को लेकर चुनावी चर्चा-परिचर्चा का दौर शुरू हो गया है. बदायूं में मतगणना के बाद आने वाले चुनावी परिणामों को लेकर दो किसानों ने अनोखी शर्त लगाई है. इसके तहत अगर भाजपा जीती तो एक किसान दूसरे किसान की चार बीघा जमीन सालभर को अपने पास रखेगा, जबकि इसके उलट अगर सपा की सरकार आई तो दूसरा किसान पहले वाले किसान की चार बीघा जमीन सालभर तक अपने पास रखेगा.
इसके लिए दोनों की शर्त का लिखितनामा भी तैयार किया है. गांव के कई लोग गवाह भी बने हैं. अब यही लिखितनामा सोशल मीडिया पर भी सामने आया है. हालांकि भारतीय संविदा अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, ऐसे लिखितनामे का कोई कानूनी महत्व नहीं हैं, क्योंकि बाजी का करार शून्य होता हैं.
चुनाव पहले लग गई थी शर्त
अनोखी शर्त लगाने वाले ये किसान जिला मुख्यालय से तकरीबन 24 किलोमीटर दूर विकास खंड म्याऊं क्षेत्र के गांव बिरियाडांडा के रहने वाले हैं. इनमें एक किसान विजय सिंह हैं तो दूसरे शेर अली शाह हैं. विजय सिंह भाजपा समर्थक हैं तो शेर अली सपा में अपना रुझान रखते हैं. पिछले दिनों मतदान के बाद चुनावी चर्चा के दौरान इन दोनों के बीच शर्त लगी थी.
बताया जाता है कि गांव के लोग शाम के वक्त चौपाल पर बैठे थे. इसी दौरान चुनावी चर्चा शुरू हो गई. सरकार किसकी बनेगी, इसको लेकर अलग-अलग मत आने लगे. इसी बीच विजय सिंह ने दावा किया कि यूपी में एक बार फिर योगी सरकार बनेगी, जबकि शेर अली का कहना था कि जनता बदलाव चाहती है और केवल सपा की सरकार सत्ता में आएगी. देखते ही देखते बहसबाजी इतनी बढ़ गई कि दोनों ने हार-जीत पर शर्त लगा डाली.
12 गवाहों ने तैयार कराया पत्र
शर्त के मुताबिक, अगर सरकार सपा की बनी तो विजय सिंह की चार बीघा जमीन सालभर के लिए शेर अली के अधीन रहेगी और वह उसे जोतेंगे. जबकि भाजपा सत्ता में लौटी तो शेर अली की चार बीघा जमीन सालभर के लिए विजय सिंह के पास रहेगी. इस बात से मुकर न जाएं, इसके लिये गांव के प्रमुख लोग किशनपाल सेंगर, जय सिंह शाक्य, कन्ही लाल, राजाराम, उमेश, राजीव कुमार, सतीश कुमार सहित 12 गवाहों ने पत्र तैयार कराया और उस पर अपनी गवाही दी है. भरी पंचायत में पत्र लिखा गया और फैसला हुआ इसके बाद यह पत्र जनपद में वायरल हुआ है.
अंत में क्या हुआ फैसला
मतगणना के नतीजों को देखकर शेर अली ने अपनी हार स्वीकार कर ली है. उन्होंने बताया कि जिस तरह से आंकड़े देखने को मिले हैं उसके अनुसार विजय सिंह शर्त जीत गए हैं. फायदा और नुकसान तो लगा रहता है, मगर शर्त तो शर्त है. इसके लिए वह गांव के आधा किलोमीटर दूर स्थित 4 बीघा खेत विजय सिंह को दे देंगे. वहीं मतगणना के परिणाम आने पर विजय सिंह ने खुशी जतायी है. उन्होंने कहा कि वह भले ही शर्त जीत गए हैं लेकिन वह खेत लेंगे या नहीं यह तो समय बताएगा. पहले वह शेर अली की भी स्थिति को देखेंगे, तब इस बात का निर्णय लेंगे.
अब जब दोनों परिवार के लोगों ने भी इस शर्त पर एतराज जताया और शर्त मानने से इनकार किया तो बाद में पंचायत के सामने ही शर्त को खत्म कर दिया गया. गांव के प्रधान विपिन कुमार शर्त लगाने वाले शेर अली और विजय सिंह ने बताया कि शर्त पहले ही खत्म कर दी गई है. दोनों लोग अपनी अपनी जमीन पर ही खेती करेंगे.
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