UP Politics: 'चुनावी मौसम में बदलेंगे चाल-ढाल...', पूर्व डिप्टी CM दिनेश शर्मा का अखिलेश यादव पर तंज
Lok Sabha Election 2024: जालौन पहुंचे यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि चुनावी मौसम में वह लोगों को भ्रमित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.
UP Politics: आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए देशभर की राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है और वोटर्स को रिझाने की अपनी पुरी कोशिश कर रहे हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों को साधने के लिए PDA का नारा दिया दिया था. वहीं इस बीच वह इसमें संशोधन करते नजर आए और PDA में A को अगड़ों और कभी अनुसूचित जाति से जोड़ने लगे. जिस पर उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने उन्हें आड़े हाथों लिया है.
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव पर पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने निशाना साधते हुए कहा कि वह चुनावी मौसम आते ही लोगों को भ्रमित करने की पूरी कोशिश करते नजर आते हैं. पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा का कहना है कि अखिलेश यादव चुनावी मौसम में अपनी चाल-ढाल और वेष पूरी तरह से बदल लेते हैं और कभी पंडित तो कभी मौलवी बने नजर आते हैं.
PDA फॉर्मुला पर साधा निशाना
जालौन में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के PDA फॉर्मुला पर निशाना साधते हुए कहा कि अखिलेश यादव लगातार अपने ही PDA फॉर्मुले का नाम बदलते देखे जा रहे हैं. उनका कहना है कि 'अब अखिलेश के PDA में A का मतलब अगड़ा हो गया है, तो क्या वह अल्पसंख्यकों को छोड़ रहे हैं. या अल्पसंख्यक आप को छोड़ रहे हैं.'
अखिलेश अब बन रहे सनातनी
उन्होंने आगे कहा कि 'जब आप अगड़ा, पिछड़ा, अनुसूचित तीनों ले लिए तो आप क्यों नहीं कहते की सनातनी हैं.' उनका कहना है कि अखिलेश यादव खुद को सनातनी कहने लगे हैं और उन्हें PDA को बदलकर SA कर लेना चाहिए. जिसमें S का मतलब सनातनी और A का मतलब अल्पसंख्यक है. पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा का कहना है कि यह केवल मतभ्रम पैदा कर रहे हैं.
विपक्ष पर साधा निशाना
पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि 'यह लोग दिगभ्रमित हैं और चुनाव आते ही चाल बदलेंगे, ढाल बदलेंगे, भेष बदलेंगे, चुनावी रूप बदलेंगे, मौसमी पुजारी और मौलवी बनेंगे. ये मंदिर और मस्जिद जायेंगे और जन्मदिन मनाने के लिए इटली और पेरिस जायेंगे. इन पर जनता का कोई भी विश्वास नहीं रह गया है.'
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