Gorakhpur News: मेडिकल माफियाओं का गढ़ बना गोरखपुर, निजी अस्पतालों में ताबड़तोड़ कार्रवाई, सात गिरफ्तार
UP News: गोरखपुर में स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर सक्रियता दिखाते हुई निजी अस्पतालों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की. इस मामले में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के वार्ड ब्वॉय समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश का गोरखपुर जिला मेडिकल माफियाओं और दलालों का गढ़ बनता जा रहा है. चार दिन पहले ही गोरखपुर पुलिस ने मौत के बाद भी मरीज का इलाज करने वाले एक अस्पताल को सीज कर संचालक समेत 8 लोगों को जेल भेजा था लेकिन एक बार फिर सीएमओ की रेड में एक फर्जी अस्पताल संचालित होते मिला. जहां न तो कोई डॉक्टर पंजीकृत था और न ही ट्रेंड मेडिकल स्टाफ. यहां भी बीआरडी मेडिकल कालेज से दलालो और बीआरडी मेडिकल कालेज के संविदा कर्मचारियों और प्राइवेट एंबुलेंस चालकों की मिलीभगत से बरगलाकर लाए गए मरीजों का इलाज हो रहा था. पुलिस ने इस मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है.
मरे हुए व्यक्ति का किया जा रहा था इलाज
गोरखपुर के एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने बताया कि 18 फरवरी को रामगढ़ताल थानाक्षेत्र के ईशू अस्पताल को सील किया गया था. इस अस्पताल में मरे हुए वृद्ध की लाश का इलाज किया जा रहा था. इसी कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए गोरखपुर में प्रशासन-पुलिस और स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभियान चलाया जा रहा है. इसमें जो पेशेंट मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए आते हैं, वहां से उन्हें बरगलाकर इलाज की सुविधा मिलने के पहले ही उन्हें दलालों द्वारा प्राइवेट एंबुलेंस के माध्यम से कुछ प्राइवेट अस्पतालों में शिफ्ट किया जाता है. वहां पर उन्हें न तो चिकित्सीय इलाज मिलता है और उनसे भारी रकम भी वसूल ली जाती है.
उन्होंने कहा कि ऐसे अभियान में पूर्व में एक मुकदमा थाना रामगढ़ताल में लिखा गया था, जिसमें कई लोग जेल गए थे. इसी क्रम में 18 फरवरी को सूचना के आधार पर थाना चिलुआताल के यूनिवर्सल हॉस्पिटल में रेड की गई. यहां पर भी इसी तरह की स्थिति पाई गई. वहां पर जो मरीज भर्ती थे, वे बीआरडी मेडिकल कालेज से यहां पर आए थे. इस अस्पताल का रजिस्ट्रेशन जिस डॉक्टर के नाम पर था, वो चार माह पहले ही लिखित रूप से इस अस्पताल को छोड़कर जा चुके हैं. उस अस्पताल का पंजीकरण नवीनीकरण भी नहीं कराया गया है. इसके साथ ही वहां पर कोई नया डॉक्टर भी नहीं आया है. ऐसे में ये साफ है कि वहां पर चिकित्सा सुविधा देने के लिए कोई भी डॉक्टर उपलब्ध नहीं था.
7 लोग गिरफ्तार, अन्य की तलाश जारी
उन्होने कहा कि इसके साथ ही वहां पर गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा नहीं दी जा रही थी. इससे पेशेंट का स्वास्थ्य और जान को खतरा हो रहा था. इसे सीएमओ ने सील कर चिलुआताल थाने में एक केस दर्ज कराया गया. इसमें अस्पताल संचालक के साथ जिन दलालों द्वारा पेशेंट शिफ्ट किए जाते हैं और बीआरडी में काम करने वाले वार्ड ब्वाय कुल 7 लोगों को अरेस्ट किया गया है. कुछ लोग अभी भी वांछित हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. जो अरेस्ट हुए हैं, इसमें अस्पताल के संचालक, दलालों और वार्ड ब्वाय को गिरफ्तार किया गया है. इन्हें जेल भेजा जा रहा है. जो अन्य लोग भी इसमें शामिल हैं, उन्हें तलाश कर रहे हैं.
बीआरडी मेडिकल कालेज में इस तरह के संविदा पर काम करने वाले कर्मचारी, जो अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारी के साथ नहीं निभा रहे हैं, उन्हें भी चिह्नित कर लिया गया है. उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही इस तरह के कितने अस्पताल और गैंग चल रहे हैं, उनके बारे में जानकारी मिली है. इसमें आगे गैंगस्टर की भी कार्रवाई होगी.
इन धाराओं में दर्ज हुआ केस
आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 417, 420, 386, 188, 342, 336, 406, 120बी के तहत सीएमओ डा. आशुतोष कुमार दुबे ओर से संचालक और अन्य आरोपियों खिलाफ दर्ज नामजद तहरीर के आधार पर संतकबीरनगर जिले के मीरगंज के परसवा के रहने वाले उमेश कुमार, कुशीनगर के पडरौना के कुरमौल उर्फ सोनपुर के रहने वाले बिट्टू यादव, चिलुआताल थानाक्षेत्र के फत्तेपुर के रहने वाले मोहम्मद असलम, गोरखपुर गुलरिहा थानाक्षेत्र के मोगलहा के रहने वाले महेन्द्र, बिहार के पश्चिमी चंपारण के बेतिया हालमुकाम गोरखपुर के चिलुआताल के डिहवा फत्तेपुर के रहने वाले शहनवाज, गुलरिहा थानाक्षेत्र के मोगलहा हरिजन बस्ती के रहने वाले उमेश भारती, गुलरिहा के भटकोलिया के रहने वाले दीनदयाल को गिरफ्तार किया है.
एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने बताया कि 18 फरवरी को गोरखपुर के सीएमओ व एसीएमओ ने टीम के साथ यूनिवर्सल हास्पिटल मेडिकल कालेज रोड झुंगिया के पंजीकरण एवं मानकों की जाँच की. जाँच के दौरान हास्पिटल में तीन मरीज भर्ती पाये गए, लेकिन मौके पर कोई चिकित्सक मौजूद नहीं मिला. हॉस्पिटल में संतकबीरनगर के मीरगंज परसवा का रहने वाला उमेश मिला, जिसके पास स्वास्थ्य विभाग की कोई भी डिग्री नहीं थी. इसने बताया कि हास्पिटल को उसके बड़े भाई महेश कुमार चलाते हैं. हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के तीमारदारों द्वारा अवगत कराया गया कि तीनों मरीज पहले बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती कराने गये थे.
ये भी पढ़ें: UP Politics: राजा भैया से बातचीत पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का बड़ा बयान, इस बात का किया इशारा