Chardham Yatra: चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का 'जोश हाई', अब तक इतने लाख लोगों ने किया रजिस्ट्रेशन
Chardham Yatra 2024: उत्तराखंड में इस बार भी चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या नया रिकॉर्ड बना सकती है. पिछले 11 दिनों 15 लाख से ज़्यादा श्रद्धालु रजिस्ट्रेश करा चुके हैं.
Chardham Yatra 2024 Registration: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है. जिसका रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका हैं. इस बार भी चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखने को मिल रही है. अभी तक इस यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या 15 लाख के पार पहुंच चुकी है. पंजीकरण कराने वाले की संख्या लगातार हर घंटे बढ़ती जा रही है.
खबर के मुताबिक़ उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए अब-तक 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है. पिछले 11 दिन में 15 लाख 12 हजार 993 श्रद्धालु अपना पंजीकरण करा चुके हैं. इनमें से गंगोत्री धाम के लिए 277901 श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है जबकि यमुनोत्री धाम के लिए 253883, बदरीनाथ धाम के लिए 436688 और केदारनाथ धाम के लिए सबसे ज्यादा 521052 भक्तों ने रजिस्ट्रेशन कराया है.
बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कराया रजिस्ट्रेशन
इनके अलावा हेमकुण्ड साहिब के लिए भी 23469 यात्रियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. चारधाम यात्रा के लिए इतने कम समय में जितने श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है, उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस साल भी चारधाम यात्रा के लिए रिकॉर्ड श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है.
चारधाम यात्रा में पिछले साल 54.82 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे इस बार ये रिकॉर्ड टूट सकता है. मात्र 11 दिनों ने 15 लाख से अधिक पंजीकरण होना इसका सबूत है, पर्यटन विभाग भी लगातार इस सब पर नजर रखे हुए है उम्मीद जताई जा रही है की 10 मई तक ये रजिस्ट्रेशन 50 लाख को पार कर सकता है.
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस सब को लेकर सचिवालय में अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक करने वाले है. प्रदेश में चार धाम में आन वाले यात्रियों के लिए उचित सुविधाओं को लेकर प्रदेश सरकार काफी चिंतित है. यहां आने वाले यात्रियों को स्वस्थ सुविधाएं और खाने-रहने की ठीक व्यवस्था होनी चाहिए. इसके लिए खुद प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी हर एक चीज पर नजर रखे हुए है.
इस बार उत्तराखंड आने वाले यात्रियों की यात्रा के लिए ग्यारह भाषाओं में एसओपी बनाई गई है. जो यात्रियों को दी गई है ताकि, हर प्रदेश से आने वाले लोगों को एसओपी समझने में आसानी हो सके.
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