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Bypolls 2023: घोसी सीट पर क्या है जातीय समीकरण, सपा किसे बनाएगी उम्मीदवार? अखिलेश यादव के 'PDA' की होगी कड़ी परीक्षा
Ghosi Bypolls 2023: 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में घोसी सीट पर समाजवादी पार्टी से दारा सिंह चौहान ने जीत हासिल की थी. दारा सिंह चौहान को कुल 1,08,430 वोट मिले थे.
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UP Bypolls 2023: उत्तर प्रदेश की घोसी विधानसभा सीट (Ghosi Assembly Seat) पर होने वाले उपचुनाव के लिए तारीख की घोषणा हो चुकी है. घोसी सीट पर 5 सितंबर को वोटिंग होगी. वहीं 8 सितंबर को रिजल्ट आएगा. समाजवादी पार्टी (SP) से विधायक रहे दारा सिंह चौहान (Dara Singh Chauhan) के पार्टी और पद से इस्तीफा देने की वजह से घोसी सीट खाली हुई है. दारा सिंह चौहान अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.
2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में घोसी सीट पर सपा से दारा सिंह चौहान ने जीत हासिल की थी. दारा सिंह चौहान को कुल 1,08,430 वोट मिले थे. वहीं बीजेपी के विजय राजभर को 86,214 मत प्राप्त हुए थे. इसके अलावा तीसरे नंबर पर बीएसपी के वसीम इकबाल रहे थे. वसीम इकबाल को 54,248 वोट मिले थे. ऐसे में दारा सिंह चौहान के सपा और विधायकी पद से इस्तीफे के बाद एक बार से घोसी सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है.
2017 में सपा ने दिया था सुधाकर सिंह को टिकट
उपचुनाव की तारीख आने के साथ ही उम्मीदवारों को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है. बहुत संभव है कि बीजेपी की ओर से दारा सिंह चौहान ही उम्मीदवार बनाए जाएं. इस बीच सबकी नजर सपा पर है कि पार्टी किसे प्रत्याशी बनाती है. 2017 विधानसभा चुनाव और 2019 में हुए उपचुनाव में सपा ने सुधाकर सिंह को उम्मीदवार बनाया था. वहीं 2022 के चुनाव से पहले दारा सिंह चौहान ने बीजेपी से इस्तीफा देकर सपा का दामन थाम लिया था. इसके बाद सपा ने उन्हें घोसी से उम्मीदवार बनाया था और उन्होंने जीत हासिल की थी.
अखिलेश यादव के 'पीडीए' की परीक्षा
फिलहाल सपा के सामने इस चुनाव में सीट बचाने की चुनौती है और एक बार फिर से अखिलेश यादव के पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक नारे की भी परीक्षा है. हाल के दिनों में अखिलेश यादव ने नया नारा या मुद्दा पीडीए के रूप में उछाला है. दरअसल अखिलेश यादव जातीय जनगणना के मुद्दे से पीडीए को जोड़ते हुए पिछड़ों को लामबंद करने की अपनी मुहिम तेज कर रहे हैं. वहीं बीजेपी फिर से इस सीट पर जीत हासिल करना चाहेगी. 2017 के विधानसभा चुनाव में फागू चौहान ने बीजेपी की ओर से इस सीट पर जीत हासिल की थी. फागू चौहान के राज्यपाल बनने के बाद 2019 में उपचुनाव हुआ, जिसमें बीजेपी से विजय राजभर ने जीत दर्ज की थी. ऐसे में सपा और बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर होगी.
घोसी सीट पर लगभग 85 हजार हैं मुस्लिम वोटर
अखिलेश यादव के पीडीए की परीक्षा इसलिए भी होगी क्योंकि 4.20 लाख मतदाताओं वाली घोसी सीट पर मुस्लिम वोटर करीब 85 हजार हैं. दलित 70 हजार, यादव 56 हजार, राजभर 52 हजार और चौहान वोटर करीब 46 हजार हैं. इस जातीय समीकरण की वजह से सपा जीत की उम्मीद तो कर रही होगी लेकिन दारा सिंह चौहान की पूर्वांचल में पिछड़ी जाति में आने वाले लोनिया चौहान बिरादरी में अच्छी पकड़ है. वह अब बीजेपी से मैदान में हो सकते हैं. वहीं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी प्रमुख ओम प्रकाश राजभर भी अब एनडीए का हिस्सा बन गए हैं. ऐसे में घोसी सीट पर लड़ाई दिलचस्प होगी.
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