राजस्थान में सात सीटों पर उपचुनाव की तारीख का ऐलान, जानें कैसी है कांग्रेस और BJP की तैयारी?
Rajasthan Election 2024: राजस्थान में विधानसभा की सात सीटों पर जीत का परचम लहराने के लिए बीजेपी और कांग्रेस रणनीति बनाने में जुटी है. प्रत्याशियों की घोषणा से पहले समीकरण पर विशेष नजर है.
Rajasthan Assembly Bypoll 2024: राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा के बाद बीजपेी और कांग्रेस ने जीत की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. सत्तारूढ़ बीजेपी ने जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है.
कांग्रेस भी विधानसभा चुनाव में मिली हार का बदला लेने के लिए तैयार है. दोनों पार्टियों की मंशा जीत के बाद संख्या बल में इजाफा करने का है. राजस्थान की सियासत में जातीय समीकरण अहम फैक्टर है. दोनों पार्टियां समीकरण को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशियों के नामों पर विचार कर रही हैं.
बता दें कि दौसा, झुंझुनूं, देवली-उनियारा, खींवसर, चौरासी, सलूंबर, रामगढ़ में 13 नवंबर को मतदान कराये जायेंगे. मतदान के परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. 5 सीटों पर विधायकों के सांसद बनने से उपचुनाव हो रहे हैं. रामगढ़ सीट कांग्रेस विधायक जुबैर खान के निधन से खाली हुई है. बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा की मौत के कारण खाली हुई सलूंबर सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं. सियासी और जातीय समीकरणों को देखते हुए दोनों पार्टियों में प्रत्याशियों के नामों पर मंथन चल रहा है.
राजस्थान में उपचुनाव की गहमागहमी बढ़ी
एक सीट पर कई प्रत्याशियों की दावेदारी से भी बीजेपी और कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. दौसा में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के प्रभाव को बीजेपी नजरअंदाज नहीं कर सकती है. किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को दौसा के चुनावी रण में बीजेपी उतार सकती है. देवली-उनियारा में कर्नल किरोड़ी बैंसला के बेटे पर बीजेपी दांव लगा सकती है. विजय बैंसला को देवली-उनियारा से टिकट देकर बीजेपी की अन्य सीटों को साधने की तैयारी में है. पूर्वी राजस्थान में मीणा और गुर्जर वोटर्स का बड़ा असर माना जाता है. झुंझुनूं और खींवसर में बीजेपी जाट चेहरे पर दांव लगा सकती है. झुंझुनूं में भी मतदाताओं को साधने के लिए बीजेपी जाट को आगे कर सकती है. चौरासी सीट पर बीजेपी के पुराने नेता को टिकट मिलने की संभावना है. हालांकि सलूंबर और रामगढ़ की विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं.
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