Watch: स्कूल जाने के लिए थर्माकोल की नाव का सहारा लेते हैं बच्चे, प्रशासन बेसुध, तहसीलदार बोले- 7-8 परिवार हैं जो...
Maharashtra के औरंगाबाद जिले के भिव धनोरा गांव के सरकारी स्कूल के छात्र स्कूल पहुंचने के लिए हर दिन थर्मोकोल की नाव चलाकर नदी पार करते हैं.
Maharashtra News: महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के भिव धनोरा गांव के सरकारी स्कूल के छात्र स्कूल पहुंचने के लिए हर दिन थर्मोकोल की नाव चलाकर नदी पार करते हैं. स्कूली छात्रों द्वारा थर्मोकोल की नाव की मदद से बैकवाटर पार करके स्कूल पहुंचने पर जिला परिषद प्राथमिक शाला भिव धनोरा, गंगापुर के हेडमास्टर राजेंद्र खिमनार ने कहा कि 6 छात्र बस्ती से आते हैं जो किसान समुदायों से हैं. उन्हें स्कूल आने के लिए गोदावरी बैकवाटर पार करना पड़ता है.
इस मामले पर गंगापुर के तहसीलदार, सतीश सोनी ने कहा कि "जब गोदावरी नदी पर जयकवाड़ी बांध का निर्माण किया गया था, तो बैकवाटर भिव धनोरा गांव में बहता था, इसलिए पूरे गांव को एक नए स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया था. नए गांव में, लोगों को भूखंड आवंटित किए गए हैं, लेकिन 7-8 परिवार ऐसे हैं जो वे गांव में नहीं बल्कि खेतों में रहते हैं, क्योंकि खेती ही उनकी आजीविका है. इसलिए, इन लोगों के बच्चे स्कूल जाने के लिए नदी पार करते हैं.
#WATCH | Maharashtra: One of the residents of Bhiw Dhanora village says, "We are facing the same situation since the Jayakwadi Dam is being constructed as the backwaters flow here. We have made several appeals to the government, but nothing happened. The village has been divided… https://t.co/tC4q5YhM0u pic.twitter.com/nVfzozsmJl
— ANI (@ANI) August 29, 2023
निवासियों ने की ये अपील
उधर,भिव धनोरा गांव के निवासियों में से एक का कहना है, "जयकवाड़ी बांध के निर्माण के बाद से हम उसी स्थिति का सामना कर रहे हैं क्योंकि यहां बैकवाटर बहता है. हमने सरकार से कई अपील की है, लेकिन कुछ नहीं हुआ. गांव को विभाजित कर दिया गया है."
उन्होंने कहा कि गांव दो हिस्सों में बंट गया है और इसका एक हिस्सा दिक्कतों का सामना कर रहा है. मैं सरकार से अपील करना चाहता हूं कि वह हमें बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराए. यहां लगभग 50-60 बस्तियां हैं. यहां से लगभग 200-300 लोग आते जाते हैं करते हैं.प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है.''