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Sehore News: जान जोखिम में डालकर नाव से नर्मदा नदी पार करने को मजबूर हैं ग्रामीण, जिला प्रशासन ने रोकने की बजाय दे दिया ठेका
सीहोर में नर्मदा तट सीलकंठ में बीते कई वर्षों से लोग जान जोखिम में डालकर नर्मदा नदी पार कर रहे हैं. एक बड़ी नाव से बड़े-बड़े वाहन भी नदी से पार कराए जाते हैं. इस कारण बड़े हादसे की आशंका बनी रहती है.
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सीहोर: नर्मदा नदी पर कई वर्षों से सैकड़ों लोग अपनी जान जोखिम में डालकर बोट के माध्यम से नदी पार कर रहे हैं. आलम यह है कि लोगों के लिए अब यह खेल जैसा हो गया है. लोग कभी मोटरसाइकिल, कार को बोट में रखकर, तो कभी बोट में बैठकर सीलकंठ स्थित तट से रोजाना नदी पार करते हैं. हैरान करने वाली बात यह है कि जिला प्रशासन ने इसे रोकने के बजाए इसका ठेका दे दिया है.
कामकाज की वजह से नाव से नदी पार करने को मजूबर लोग
दरअसल नर्मदा तट सीलकंठ में बीते कई वर्षों से लोग अपनी जरूरतों को लेकर नर्मदा नदी पार करते आ रहे हैं. इस दौरान एक बड़ी नाव में दर्जनों लोग सवार होते हैं. नाव के सहारे नदी पार करने वाले लोग बताते हैं कि वह कई वर्षों से नर्मदा नदी को पार कर रहे हैं. यह अब उनका रोज का काम हो गया है. हालांकि बरसात के समय नदी पार करने में विराम लग जाता है. स्थानीय लोगों की मानें तो नदी पार करते समय डर तो लगता है, पर गांव से शहर आकर व्यवसाय करने के चलते नाव में मजबूरन बैठना पड़ता है.
पुल न बनने की वजह से लोग जान जोखिम में डालकर करते हैं नदी पार
गौरतलब है कि सीहोर जिले से लगे नसरुल्लागंज क्षेत्र के सीलकंठ गांव के पास बह रही नर्मदा नदी पर पुल नहीं होने से कई सालों से ग्रामीण सहित परिक्रमावासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैय पुल नहीं होने से यहां से ग्रामीण नाव से नर्मदा नदी पार कर रहे हैं. जिसके कारण यहां हादसे होने का डर बना रहता है. इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने कई बार शिकायत की लेकिन अब तक नदी पर पुल का निर्माण नहीं किया गया. जिसे लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है.
पुल बन जाए तो लोगों की मुश्किल हो जाएगी आसान
ग्राम सीलकंठ के मोहन,नरेंद्र ,मनोज मीणा ने बताया सीलकंठ गांव के पास नर्मदा नदी निकली है. जिसे पार कर आसानी से हरदा जिले के दर्जनों गांव पहुंचा जा सकता है लेकिन नदी पर पुल नहीं होने के कारण अतिरिक्त फेरा लगना पड़ता है. ग्रामीणों को पुल के अभाव में करीब 4 से 5 किमी अधिक घूमकर जाना पड़ता है. इसके बाद हरदा जिले के दर्जनों गांव पहुंचकर नाव से नर्मदा नदी को पार किया जाता है. अगर यहां पुल का निर्माण कर दिया जाए तो आसपास के लोगों को सीधे पहुंचने में सुविधा होगी.
नेताओं ने पुल बनाने के वायदे को अमलीजामा आज तक नहीं पहनाया
पुल का निर्माण नहीं होने की वजह से ग्रामीणों की जान हमेशा खतरे में रहती है. ग्रामीणों को सीहोर जाने के लिए नाव से नदी पार करना होती है. एक विशाल नाव से ट्रैक्टर-ट्रॉली सहित बड़े-बड़े वाहन भी नर्मदा से पार कराए जाते हैं. इस कारण हादसे की आशंका बनी रहती है. नाव के माध्यम से वाहनो को इस पार से उस पार पहुंचाया जा रहा है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बुधनी विधानसभा मे यह गांव आता है. मुख्यमंत्री सहित कई बड़े दिग्गज नेताओं ने आकर मां नर्मदा की पूजा अर्चना की और पुल बनाने के लिए जनता को आश्वासन भी दिया. नेताओं का आश्वासन उनकी पद तक ही रहता है.लेकिन पुल बनाने का उनका दावा इसी नर्मदा नदी में बह जाता है. बहरहाल, यह तस्वीर बीते कई सालों से सामने आ रही है.
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