MP News: बेटे की अस्थियां पाने के लिए भटक रहे माता-पिता, डीएनए मैच नहीं होने से असमंजस में है पुलिस
Damoh News: दमोह देहात के थाना प्रभारी सत्येंद्र सिंह राजपूत के मुताबिक डीएनए मैच नहीं होने से कंकाल जयराज का ही है, यह प्रमाणित नहीं हो रहा है? क्या है पूरा मामला?
Indore News: मध्य प्रदेश के दमोह जिले में एक दंपत्ति को अपने मरे हुए बच्चे का कंकाल पाने के लिए पुलिस थाना के चक्कर लगाने पड़ रहे है. दंपती के सामने परिस्थितियां कुछ ऐसी बन गई है कि वे 14 साल के मृत बेटे को अपना खून साबित नहीं कर पा रहे हैं. अब पुलिस इस मामले में इंदौर के एक आईवीएफ सेंटर से दस्तावेज मांग रही है.
दरअसल, यह अनोखा मामला दमोह जिले के पथरिया क्षेत्र के पिपरिया छक्का गांव का है. यहां 14 मई को तालाब से कुछ दूर मिट्टी में दबा एक कंकाल मिला था. गांव के किसान लक्ष्मण पटेल और उनकी पत्नी यशोदा पटेल ने कंकाल के पास मिले कपड़े और सामान देखने के बाद दावा किया कि यह उनके 14 साल के बेटे जयराज का शव है, लेकिन बेटे का डीएनए माता- पिता के डीएनए से मैच नहीं हो रहा. इसलिए पुलिस उन्हें माता-पिता नहीं मानते हुए बेटे की अस्थियां देने से इनकार कर रही है.
महिला कर रहा है यह दवा
यहां बताते चलें कि किसान लक्ष्मण और यशोदा की शादी 2004 में हुई. उन्हें 4 साल बाद भी संतान नहीं हुई तो वे इंदौर के एक आईवीएफ सेंटर पहुंचे, उन्होंने साल 2009 में आईवीएफ ट्रीटमेंट कराया. दंपत्ति ने उस समय स्पर्म और अंडे दान में लिये थे. इस दंपत्ति को आईवीएफ (In Vitro Fertilization) तकनीक से टेस्ट ट्यूब बेबी पैदा हुआ था. यशोदा ने जयराज को जन्म दिया था.
लापता को खोजने के लिए 5 लाख का रखा था इनाम
बताया जाता है कि जयराज इसी साल 29 मार्च को अचानक लापता हो गया. पिता लक्ष्मण ने उसे खोजने वाले को 5 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा भी की थी, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला. इधर, कंकाल मिलने के बाद पुलिस ने मस्तिष्क की हड्डी, बाल के सैंपल लेकर डीएनए जांच के लिए भेजा. रिपोर्ट में माता-पिता के डीएनए से जयराज का डीएनए मैच नहीं हुआ.
पुलिस फिर से कर रही है जांच
दमोह देहात के थाना प्रभारी सत्येंद्र सिंह राजपूत के मुताबिक डीएनए मैच नहीं होने से कंकाल जयराज का ही है, यह प्रमाणित नहीं हो रहा है? परिजनों से इंदौर के एक अस्पताल में हुए आईवीएफ ट्रीटमेंट से जुड़े दस्तावेज मांगे गए हैं. कुछ दस्तावेज उन्होंने उपलब्ध करा दिए हैं, जिसके आधार पर पुलिस जांच करने के लिए एक बार फिर इंदौर में संबंधित आईवीएफ सेंटर जाएगी.
अंडे दान करने वालों के डीएनए की होगी जांच
हालांकि,संबंधित अस्पताल में दमोह पुलिस के अफसर एक बार जा चुके हैं. पुलिस ने अस्पताल प्रशासन से रिकॉर्ड मांगा है,जो अभी उसे नहीं मिला है. आईवीएफ करने वाले अस्पताल की मदद से स्पर्म और अंडे दान करने वालों के डीएनए की जांच होगी. इसके बाद ही लक्ष्मण और यशोदा अपने बेटे की अस्थियां विसर्जित कर पाएंगे.