Delhi Water Supply: दिल्ली वालों को गंदे पानी की आपूर्ति से मिलेगी निजात, केजरीवाल सरकार ने इस तकनीक के इस्तेमाल का लिया फैसला
Arvind Kejriwal Decision on DJB Water: डीजेबी के गंदे पानी का सेवन करने से लोगों को ज्वाइंडिस, पीलिया, टाइफायड या पेट खराब होने जैसी बीमारियों का सामना करना होता है.
Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के नेतृत्व वाली सरकार ने दिल्ली के कुछ इलाकों में आ रही गंदे पानी की समस्या का स्थायी समाधान करने का फैसला लिया है. जानकारी के मुताबिक गंदे पानी की आपूर्ति की समस्या का समाधान परंपरागत तौर तरीके बदले आधुनिक तकनीकी के जरिए किया जाएगा. बता दें कि दिल्ली में बारिश के दौरान जलभराव होने से अक्सर गंदे पानी की आपूर्ति की शिकायतें बढ़ जाती हैं. इसका स्थाई समाधान करने को लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उच्च स्तरीय बैठक कर डीजेबी (DJB) के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए. दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने डीजेबी के अधिकारियों से कहा कि पैसों की कमी की वजह से पानी की आपूर्ति नहीं रुकनी चाहिए.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डीजेबी को पारंपरिक तरीकों के बजाय आधुनिक तकनीक का प्रयोग करने पर जोर दिया. साथ ही कहा कि दिल्ली जल बोर्ड हिलियम गैस या मॉडर्न कैमरा की मदद से पाइप लाइन के लीकेज का सही पता लगाकर उसे ठीक करने की संभावना भी तलाशने का काम करेगी. इस योजना पर बहुत जल्द काम शुरू किया जाए. दिल्ली के लोगों को साफ पानी की सप्लाई करने के लिए पैसे की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी. बता दें कि शुक्रवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के जल मंत्री और डीजेबी के चेयरमैन सौरभ भारद्वाज, डीजेबी के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती समेत वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की. इसका मकसद मानसून के दौरान कुछ चुनिंदा इलाकों में गंदे पानी की आपूर्ति की समस्या को रोकना था. गंदे पानी का सेवन करने से लोगों को ज्वाइंडिस, पीलिया, टाइफायड या पेट खराब होने जैसी बीमारियों का सामना करना होता है.
DJB ने पेश किया रोडमैप
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीन सप्ताह पहले जोन के एसीएम को उन इलाकों की सूची बनाने का आदेश दिया था, जहां पर अक्सर गंदे पानी की शिकायतें आती हैं. दो हफ्ते में सभी एसीएम ने स्थानीय विधायकों के साथ मिलकर जानकारी इकट्ठी की, जहां गंदे पानी की शिकायत आती है और इन इलाकों की सूची तैयार की. साथ ही एसीएम ने इस गंदे पानी की शिकायत को खत्म करने को लेकर एक रोडमैप बनाया. उसी रोडमैप को शुक्रवार को सीएम अरविंद केजरीवाल के समक्ष पेश किया गया.
अतिरिक्त बजट की मांग
इसके लिए दिल्ली जल बोर्ड ने कुछ बजट की भी मांग की. इस पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने डीजेबी के चेयरमैन को आदेश देते हुए कहा कि गंदे पानी की आपूर्ति की समस्या को दूर करने के लिए जरूरी राशि को आने वाले बजट में शामिल किया जाए, ताकि इसके लिए पैसे की कमी न हो सके और युद्ध स्तर पर गंदे पानी की समस्या का स्थाई तौर पर समाधान किया जा सके.
ऐसे होगा गंदे पानी की आपूर्ति का समाधान
पहला, हिलियम गैस द्वारा बिना किसी गली को खोदे और रोड को काटे ऐसे प्वाइंट्स का पता लगा सकते हैं, जहां पर पानी की लाइन में लीकेज है और उससे गंदे पानी की आपूर्ति की संभावनाएं हैं. हिलियम गैस से सही प्वाइंट का पता लगाकर उसे खोदेंगे, जहां पर पाइप लाइन टूटी हुई है और उसकी मरम्मत की जा सकती है.
दूसरा, मौजूदा वक्त में फाइन ट्यूब के साथ मॉडर्न कैमरा उपलब्ध है, जिसको पाइप लाइन के अंदर डाल सकते हैं और वो कैमरा करीब 500 मीटर तक बता सकता है कि कहां-कहां पानी की पाइप लाइन टूटी हुई है. कैमरा से ऐसी जगहों का पता लगाकर जल बोर्ड के अधिकारी उसकी मरम्मत कर गंदे पानी की समस्या से निजात दिला सकते हैं. इस पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने डीजेबी को हिलियम गैस या मॉडर्न कैमरा की मदद से पाइप लाइन के लीकेज का सही पता लगाकर उसे ठीक करने की संभावना तलाशे का निर्देश दिया.
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