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AAP सरकार खुद की रिपोर्ट में फेल, सीएम केजरीवाल जनता को बताएं यमुना में कब तक डुबकी लगा पाएंगे लोग? बीजेपी नेता का सवाल
DPCC की रिपोर्ट में लिखा है कि ओखला बैराज पर इतना पानी भी नहीं है कि उसका परीक्षण किया जा सके. जहां पर थोड़ा पानी है भी तो वह इतना गंदा है कि उसे नाले का पानी कहा जाना चाहिए.
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Delhi News: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने एक बार फिर राजधानी में यमुना के प्रदूषण पर गहरा रोष जताया है. उन्होंने कहा कि ताज्जुब है कि दिल्ली सरकार के ही दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की रिपोर्ट में यमुना के पानी को जहरीला करार दिया है. पानी में ऑक्सीजन की मात्रा शून्य पाई गई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनका वायदा याद दिलाते हुए पूछा है कि वह यमुना में कब डुबकी लगाएंगे?
यमुना के जल को नाले का पानी कहना बेहतर
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि इस साल यमुना में पानी रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया. यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर तक चला गया. दिल्ली में यमुना का इतना अधिक पानी आया कि उसमें सारी गंदगी बह गई. अब तीन महीने में ही नवंबर-दिसंबर में स्थिति यह है कि यमुना पूरी तरह सूख गई है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि अब स्थिति यह है कि ओखला बैराज पर तो इतना पानी भी नहीं है कि उसका परीक्षण किया जा सके. जहां-जहां भी थोड़ा-बहुत पानी है, वह इतना गंदा है कि उसे यमुना के पानी की बजाय नाले का पानी कहा जाना चाहिए.
पानी में ऑक्सीजन न के बराबर
दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि प्रकृति ने बाढ़ के रूप में यमुना की सफाई कर दी थी. उसके बाद दिल्ली सरकार को यमुना को साफ रखने के लिए कुछ दीर्घकालीन और कुछ अल्पकालीन योजना तैयार करनी चाहिए थी, लेकिन दिल्ली सरकार को ऐसे कार्यों के लिए फुरसत ही नहीं है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि यमुना से लिए गए पानी में ज्यादातर जगह पर ऑक्सीजन गायब मिली है.
अभी तक नहीं दिए हजारों करोड़ रुपये का जवाब
नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया है कि जलाशयों में यमुना का पानी स्टोर करने और वर्ष भर जनता को सप्लाई करने की केजरीवाल सरकार की घोषणा भी महज झांसा ही साबित हुई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को केवल चुनावों के समय यमुना की चिंता सताती है और वह भी सिर्फ अपने बयानों में ही यमुना की सफाई का उल्लेख करते हैं. असल में यमुना की सफाई के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया. केंद्र सरकार ने दिल्ली में 18 नालों से गिरने वाले पानी को ट्रीट करके यमुना में डालने के 13 प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली सरकार को 2419 करोड़ रुपए जारी किए थे. इस बारे में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि यह राशि कहां खर्च की गई, लेकिन दिल्ली सरकार कोई जवाब नहीं दे पाई. इसके अलावा, यमुना की सफाई के लिए 3000 करोड़ रुपए जारी किए गए लेकिन यमुना की हालत यह है कि वह ऑक्सीजन के अभाव में मृत हो रही है.
सीएम बताएं अपना वादा कब पूरा करेंगे?
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से कहा कि वह जनता को बताएं कि चुनावों में किए गए वायदे को वह कब पूरा करेंगे. चुनावों में उन्होंने जनता से कहा था कि वह यमुना में डुबकी लगाएंगे. जनता तो छठ पूजा और बैसाखी जैसे त्योहारों पर सीवर जैसे और झाग वाले पानी में डुबकी लगाने के लिए मजबूर है लेकिन केजरीवाल अपने वायदे को कब पूरा करेंगे? यमुना की स्थिति दिन-प्रतिदिन और खराब होती जा रही है और केजरीवाल को यमुना मैया की सफाई की कोई चिंता नहीं है.
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