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मांझी के बचाव में उतरे सामाजिक कार्यकर्ता, BJP नेता के खिलाफ पहुंचे पटना हाईकोर्ट, लगाई ये गुहार
सामाजिक कार्यकर्ता शहजादा कमर खान ने गुरुवार को पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने बताया कि गजेंद्र झा जैसे अपराधियों पर कार्रवाई और मांझी की सुरक्षा को लेकर याचिका दायर की गई है.
![मांझी के बचाव में उतरे सामाजिक कार्यकर्ता, BJP नेता के खिलाफ पहुंचे पटना हाईकोर्ट, लगाई ये गुहार Social workers came to the rescue of Manjhi, reached Patna High Court against BJP leader, made this plea ANN मांझी के बचाव में उतरे सामाजिक कार्यकर्ता, BJP नेता के खिलाफ पहुंचे पटना हाईकोर्ट, लगाई ये गुहार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/12/23/8a881400c9b46da2171c40118307ffee_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
पटना: राजधानी पटना में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने ब्राह्मणों और पंडितों को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. बयान के सामने आने के बाद से लगातार उनकी किरकिरी हो रही है. विपक्ष के नेताओं के साथ-साथ सत्ता पक्ष के नेता भी उनके बयान की निंदा कर रहे हैं. बीजेपी नेता गजेंद्र झा (Gajendra Jha) ने तो उनकी जुबान काटने वाले को 11 लाख रुपये का इनाम देने की भी घोषणा कर दी थी. वहीं, पटना स्थित मांझी आवास के बाहर प्रदर्शन का सिलसिला जारी है.
न्यायालय का दरवाजा खटखटाया
ऐसे में अब मांझी की सुरक्षा को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. सामाजिक कार्यकर्ता शहजादा कमर खान ने गुरुवार को पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. इस संबंध में उन्होंने बताया कि गजेंद्र झा जैसे अपराधियों पर कार्रवाई और मांझी की सुरक्षा को लेकर याचिका दायर की गई है. बता दें कि मूल रूप से गया के करीमगंज के रहने वाले शहजादा ने ऑनलाइन याचिका दायर की है. धारा-322 के तहत याचिका दायर की गई है.
याचिकाकर्ता द्वारा कहा गया है कि बड़े दलित नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर ब्राह्मणों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है. हालांकि, उन्होंने इस बात को स्लिप ऑफ टंग बताया है और माफी भी मांगी है. लेकिन गजेंद्र झा ने उनके संबंध में जो एलान किया है, उससे मांझी के जीवन को खतरा हो सकता है. ऐसे में उनपर कार्रवाई की जाए और मांझी के जीवन पर खतरे को देखते हुए उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक कार्यक्रम के दौरान पंडितों के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था, " माफ कीजिएगा, लेकिन आजकल गरीब तबके के लोगों में धर्म के प्रति लगाव होता जा रहा है. पहले हम लोग सत्यनारायण भगवान पूजा का नाम नहीं जानते थे. आज हर जगह हम लोगों के टोला में सत्यनारायण भगवान की पूजा होता है. पंडित आते हैं, पूजा कराते हैं. लेकिन हमारे घर खाना नहीं खाते, कहते हैं पैसे ही दे दीजिए.”
इस दौरान उन्होंने पंडितों को लेकर जिस शब्द का इस्तेमाल किया उसे एबीपी न्यूज लिख भी नहीं सकता है. उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तत्कालीन बीजेपी नेता गजेंद्र झा ने ऐलान किया था कि जो ब्राह्मण का बेटा मांझी की जुबान काटकर लाएगा वो उसे इनाम के तौर पर 11 लाख रुपये देंगे. हालांकि, उनके इस बयान के बाद बीजेपी ने उन्हें निष्कासित कर दिया है.
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