FIR on Tej Pratap Yadav: तेज प्रताप पर FIR के बाद भड़की RJD, कहा- चुनाव आयोग को आदेश देने का अधिकार नहीं
आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा जितनी सक्रियता एनडीए के शिकायत पर दिखाई गई है. ऐसा अगर अन्य दलों के शिकायत पर दिखाई गई होती तो शायद आज बिहार का राजनीतिक परिदृश्य कुछ और होता.
पटना: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बेटे और हसनपुर से विधायक तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) पर एफआईआर दर्ज होने के बाद पार्टी में काफी नाराजगी है. इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए गुरुवार को पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता ने चुनाव आयोग पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि तेज प्रताप यादव के खिलाफ एफआईआर करने का आदेश देकर चुनाव आयोग द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर का काम किया गया है. चुनाव आयोग द्वारा विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों की सूची राज्यपाल को सौंपने और उनके द्वारा विधानसभा गठन की अधिसूचना जारी करने के साथ ही चुनाव आयोग की भूमिका समाप्त हो जाती है.
न्यायायल को है कार्रवाई का अधिकार
उन्होंने कहा कि इस कार्य के बाद किसी को चुनाव प्रक्रिया पर अगर कोई आपत्ति है तो उसे निराकरण करने का अधिकार न्यायालय को है न की चुनाव आयोग को. इसी आधार पर तेज प्रताप यादव के खिलाफ पटना उच्च न्यायालय में मामला विचाराधीन भी है. इसके बावजूद अगर तेज प्रताप यादव के खिलाफ चुनाव आयोग के निर्देश पर थाने में एफआईआर दर्ज की जाती है तो इससे न केवल चुनाव आयोग की साख प्रभावित होगी, बल्कि उसके निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े होंगे.
आरजेडी प्रवक्ता ने लगाया आरोप
आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा जितनी सक्रियता और तत्परता एनडीए के शिकायत पर दिखाई गई है. इतनी ही सक्रियता और तत्परता अगर अन्य दलों के शिकायत पर दिखाई गई होती तो शायद आज बिहार का राजनीतिक परिदृश्य कुछ और होता. बता दें कि तेज प्रताप यादव के खिलाफ चुनाव में गलत शपथ पत्र देने के आरोप में रोसड़ा थाना में एफआईआर दर्ज करा दी गई है.
जानकारी अनुसार चुनाव आयोग का निर्देश मिलने के बाद हसनपुर विधानसभा के निर्वाची पदाधिकारी सह समस्तीपुर के प्रभारी भूमि सुधार उप समाहर्ता एसडीओ ब्रजेश कुमार ने एफआईआर दर्ज कराई है. उनके खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125 क के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
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