पटना: यूपी विधानसभा चुनाव में जेडीयू (JDU) अकेले ही चुनाव लड़ेगी ये बात स्पष्ट हो चुकी है. बिहार में साथ में सरकार चला रही बीजेपी (BJP) के साथ यूपी में गठबंधन नहीं हो पाने की वजह से दोनों ही पार्टियों के नेता असहज महसूस कर रहे हैं. वहीं, इस संबंध में कुछ भी बोलने से बच रहे है. रविवार को जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra kushwaha) ने एबीपी से बात करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही थी. हालांकि, इस संबंध में जो परिणाम सामने आए वो राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) ने कह दिया है. 


कुशवाहा ने कहा, " पार्टी अध्यक्ष, केसी त्यागी और आरसीपी सिंह बीजेपी के कॉन्टैक्ट में थे. ऐसे में बातचीत में जो परिणाम सामने आए वो उन्होंने बता दिया. मुझे लगता है कि परिणाम पर जो ललन सिंह ने प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने जो कुछ भी कहा है, सब कुछ देख कर कहा है. उन्हें जो अनुभव है, उसके आधार पर कहा है." 


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पार्टी अपने मुद्दों को लेकर अडिग


वहीं, एनडीए में जारी खींचतान के संबंध में उन्होंने कहा, " पार्टी का जो मुद्दा है, वो पार्टी का मुद्दा है. चाहे वो जातीय जनगणना का हो, विशेष राज्य के दर्जा का हो. इस मामले में पार्टी का स्टैंड बिल्कुल क्लियर है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा चाहिए. जब तक विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा, तब तक बिहार को विकसित राज्य नहीं बनाया जा सकता है. जातीय जनगणना के बारे में भी साफ-साफ पार्टी ने कहा है कि जातीय जनगणना आज के तारीख में बहुत ही आवश्यक है."


इधर, आरसीपी से विवाद के संबंध में कुशवाहा ने कहा, " पार्टी की जो बैठक हुई उसमें जो भी सर्वसम्मत प्रस्ताव हुआ, वहां मंत्री भी उपस्थित थे. ऐसा नहीं है कि उन्होंने उस विषय पर पार्टी के अंदर विरोध किया हो. उनके उपस्थिति में सब कुछ हुआ है. ऐसे में ये स्पष्ट है कि सबकी सहमति थी. जिस वक्त हम शामिल हुए थे उस वक्त मेरा शामिल होना इतनी कोई बड़ी घटना नहीं थी, जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष का शामिल होना जरूरी था. तो ऐसा कुछ भी नहीं था. उसको उस नजर से देखने की जरूरत नहीं है."


कुशवाहा ने सफाई देते हुए कहा, " फिर आरसीपी सिंह भारत सरकार के मंत्री बन गए, तो स्वाभाविक है कि व्यस्तता बढ़ गई. तो उसके चलते आने-जाने में कमी हुई है, पर आपसी विवाद जैसा कुछ ऐसा नहीं है. उनसे मुलाकात और बात होते रहती है. अब क्या बात होती है ये बताया जरूरी नहीं है. बातचीत आवश्यकता अनुसार होती है."


यूपी का बिहार में नहीं पड़ेगा असर


क्या यूपी में बिगड़े रिश्तों का असर बिहार में भी पड़ेगा? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, " नहीं बिल्कुल नहीं यूपी चुनाव से जोड़ कर देखना बहुत मुनासिब नहीं है. अलग-अलग राज्यों में पार्टी अलग-अलग हिसाब से गठबंधन करती है. हमारा गठबंधन बिहार में है. कोशिश हमारी थी कि उत्तर प्रदेश में भी हो नहीं हुआ तो कोई बात नहीं. लेकिन उत्तर प्रदेश के एपिसोड से बिहार में कोई असर पड़ेगा ऐसा नहीं है.


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