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Bihar News: बहू को पंचायत चुनाव में मिली हार तो बर्दाश्त नहीं कर पाई सास, सदमे की वजह से हो गई मौत
परिजनों का कहना है कि सास-बहू के बीच मां-बेटी जैसा रिश्ता था, इसलिए हार का सदमा सास बर्दाश्त नहीं कर सकी और उन्होंने दम दोड़ दिया. बता दें कि सालों से उस सीट पर उनके परिवार का कब्जा था.
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गोपालगंज: बिहार में पंचायत चुनाव के बाबत मतदान जारी है. हर चरण के बाद हार-जीत का फैसला हो रहा. लेकिन इस फैसले से प्रत्याशियों के जीवन में भी कई बदलाव हो रहे हैं. इसी क्रम में गोपालगंज में चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां बहू के चुनाव में हारने के बाद सास की सदमे में आकर मौत हो गई. दरअसल, मुखिया पद पर चुनाव लड़ रही महिला प्रत्याशी को हार मिली. ये खबर जैसे ही प्रत्याशी की सास को मिली, उसकी मौत हो गई. मामला जिले के मांझा प्रखंड के कर्णपुरा पंचायत का है. मृतका रामाशंकर प्रसाद की 90 वर्षीय पत्नी कैलाशो देवी बताई गई है. महिला की मौत से पूरे परिवार में मातम है.
खबर सुनकर सदमे में आ गई थी सास
जानकारी के मुताबिक गोपालगंज जिले के मांझा प्रखंड के कर्णपुरा पंचायत से मुखिया पद के लिए चुनाव का नतीजा शुक्रवार को घोषित हुआ. चुनाव में महिला प्रत्याशी माला देवी को 19 वोटों से हार मिली. कर्णपुरा पंचायत से शकीला बेगम 722 वोट पाकर चुनाव जीत गयीं. ये खबर जैसे ही प्रत्याशी माला देवी की सास को मिली, वो सदमे में आ गई और बाद में उसकी मौत हो गई. कैलाशो देवी के मौत की खबर जैसे ही उनके परिवार वालों को मिली, घर में कोहाराम मच गया. परिवार वालों का फिलहाल रो-रोकर बुरा हाल है. परिवार वालों का कहना है कि सास-बहू के बीच मां-बेटी जैसा रिश्ता था, इसलिए हार का सदमा सास बर्दाश्त नहीं कर सकी और उन्होंने दम दोड़ दिया.
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सालों से सीट पर था कब्जा
बताया जाता है कि कैलाशो देवी के परिवार के सदस्य चार बार से कर्णुपरा पंचायत के मुखिया बन रहे थे. लगातार दो बार कैलाशो देवी के बेटे अवधेश प्रसाद मुखिया रहे, उसके बाद पंचायत की मुखिया सीट महिला के लिए आरक्षित हो गई. फिर कैलाशो देवी की बहू माला देवी दो बार मुखिया रहीं. लेकिन इस बार की पंचायत चुनाव में 19 वोटों से माला देवी को हार का सामना करना पड़ा.
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