Bihar Crime: रंगदारी नहीं देने पर फिरा अपराधियों का सिर, दिनदहाड़े दुकान पर बरसाई गोलियांं, जैसे-तैसे बची व्यवसायी की जान
पीड़ित किराना व्यवसायी मनोज साह के अनुसार फोन पर अपराधियों ने 20 दिन पहले 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी, जिसको लेकर फुलवरिया थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इसी क्रम में गोलीबारी की गई है.
गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले में बदमाशों ने रंगदारी नहीं देने पर मंगलवार को किराना दुकान पर दिनदहाड़े गोलियां बरसा कर इलाके में सनसनी फैला दी. फायरिंग में किराना व्यवसायी की जान बाल-बाल बची. घटना फुलवरिया थाना क्षेत्र के बथुआ बाजार की है. फायरिंग के बाद बथुआ बाजार में अफरा तफरी मच गई. वहीं, घटना से गुस्साए व्यवसायियों ने अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस के खिलाफ बथुआ-समउर स्टेट हाईवे को जाम कर दिया.
व्यवसायी ने भागकर बचाई अपनी जान
जानकारी के मुताबिक सुबह बथुआ बाजार में मनोज साह की किराना दुकान पर बाइक सवार दो हथियारबंद अपराधी पहुंचे और ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी. फायरिंग के बीच किराना व्यवसायी ने भागकर अपनी जान बचाई. कुछ ही देर बाद दोबारा दूसरी बाइक से दो और नकाबपोश अपराधी पहुंचे और ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी. एक घंटे के अंतराल में लगातार दो बार फायरिंग किए जाने से पूरे बाजार में दहशत फैल गई.
20 दिन पहले मांगी थी रंगदारी
काजीपुर गांव के रहने वाले पीड़ित किराना व्यवसायी मनोज साह के अनुसार फोन पर अपराधियों ने 20 दिन पहले 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी, जिसको लेकर फुलवरिया थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. व्यवसायियों की मांग पर किराना व्यवसायी की जान खतरे में देख एसपी आनंद कुमार के आदेश पर दो सुरक्षाकर्मी मुहैया करा दिया गया था. लेकिन फायरिंग की वारदात के वक्त दोनों सुरक्षाकर्मी वहां मौजूद नहीं थे. उधर, पुलिस ने भी अब तक किसी अपराधी को गिरफ्तार नहीं किया है.
ऐसे में पुलिस से बेखौफ अपराधियों ने बथुआ बाजार के किराना व्यवसायी की प्रतिष्ठान पर हमला बोल दिया. खबर लिखे जाने तक बथुआ बाजार के नाराज व्यवसायियों ने पुलिस के खिलाफ बाजार को बंद कर रखा था. मीरगंज-समउर स्टेट हाइवे पर सुबह से ही परिचालन ठप था. डीएम और एसपी को बुलाने की मांग की जा रही थी. वहीं, स्थिति को देखते हुए फुलवरिया के अलावा उचकागांव, मीरगंज और श्रीपुर ओपी की पुलिस को तैनात किया गया था. इसके अलावा मजिस्ट्रेट के रूप में उचकागांव और फुलवरिया बीडीओ की तैनाती की गयी थी.
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