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बिहारः शर्मनाक! जवान बेटी की मौत के बाद सहयोग मांगता रहा पिता, मदद के लिए नहीं आया कोई आगे
14 दिन पहले ही सर्दी-बुखार के कारण 16 साल के बेटे की भी हुई थी मौत.पकौड़ी बेचकर परिवार का भरण-पोषण करता था परसुराम, शोक में डूबे.
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गोपालगंज: कोरोना काल में जहां एक तरफ सावधानी के साथ लोगों को एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं अफवाहों के बाजार में घिरे हैं. मामला गोपालगंज के बरौली प्रखंड का है, जहां वार्ड छह में रहने वाला एक पिता अपनी बेटी की मौत के बाद सहयोग मांगता रहा लेकिन कोई आगे नहीं आया.
बताया जाता है कि सिवान जिले के जिरादेई के रहने वाले परसुराम प्रसाद बरौली के वार्ड-6 में रहते हैं. पकौड़ी बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. रविवार को खांसी और बुखार के कारण उनकी बेटी की मौत हो गई. गरीबी की मार ऐसी कि उनके पास अंतिम संस्कार कराने के लिए भी पैसे नहीं थे.
किसी ने नहीं की परसुराम की मदद
ऐसे में वह लोगों से सहयोग मांगता रहा लेकिन किसी ने मदद नहीं की. देर शाम तक अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं जुटा पाया था. लोगों के मन में डर था कि कहीं परसुराम प्रसाद की बेटी की कोरोना से मौत ना हुई हो. खबर लिखे जाने तक परसुराम अपनी बेटी का अंतिम संस्कार नहीं कर सका था.
14 दिनों पहले बेटे की भी हुई थी मौत
बता दें कि परसुराम प्रसाद के पुत्र 16 वर्षीय पुत्र मनीष कुमार की अभी 14 दिन पहले ही सर्दी-बुखार के कारण मौत हो गई थी. अभी बेटा का सदमा खत्म भी नहीं हुआ कि रविवार को 18 साल की जवान बेटी काजल कुमारी की मौत ने सदमे में डाल दिया. काजल का इलाज बरौली के ही प्राइवेट अस्पताल में कराया जा रहा था. स्थिति गंभीर होने पर परिजन सदर अस्पताल ले गए जहां मौत हो गई.
नगर पंचायत के पास नहीं है व्यवस्था
रविवार की सुबह 10 बजे परिजन सदर अस्पताल से शव को लेकर बरौली लौटे. पैसे के अभाव में परिवार के लोग अंतिम संस्कार नहीं कर पाए. देर शाम तक कुछ लोगों ने सहयोग किया तो चंदा जुटाया जाने लगा. बरौली नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी सपना ने कहा कि नगर पंचायत के पास व्यवस्था नहीं है.
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